217* बनाम भारत, अहमदाबाद ( अप्रैल 2008)
कोई भी प्रशंसक इस बात की कल्पना नहीं करेगा कि दक्षिण अफ्रीका 3 दिनों के भीतर भारत को उसके घरेलू मैदान पर पारी की हार का सामना करा सकता है। भारत ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। डेल स्टेन, मखाया एंटिनी और मोर्ने मॉर्कल ने सहवाग, लक्ष्मण, द्रविड़ और गांगुली से सजी बल्लेबाजी लाइनअप को तहस नहस कर दिया। इन तीन सीमरों के सामने भारतीय बल्लेबाजों की एक ना चली और दोपहर के भोजन के तक दक्षिण अफ्रीका 1/0 पर था। भारतीय पारी केवल 20 ओवरों में 76 रनों पर ऑलआउट हो गयी। केवल एमएस धोनी और इरफान पठान दहाई के आंकड़े तक पहुंच सके। जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने तेजी से शुरुआत की लेकिन बीच में अपना रास्ता खो दिया और एबी डीविलियर्स क्रीज पर उतरे तब उनका स्कोर 117-4 पर था। दक्षिण अफ्रीका ने एक और विकेट नहीं गंवाया और एबीडी व कैलिस की साझेदारी की बदौलत स्टंप तक स्कोर 223/4 तक पहुंचा दिया। दूसरे दिन पर डीविलियर्स ने एक मिशन की तरह मैच की शुरुआत की और जल्दी से कैलिस को शतक बनाने में मदद की और ख़ुद भी ताबड़तोड़ मोड में उतर आये। कैलिस बेहतरीन 115 रन बनाने के बाद पैवेलियन लौट गये लेकिन डीविलियर्स का बल्ला अभी रूकने वाला नहीं था। उन्होंने मैदान के चारों ओर रन बनाये और दूसरे दिन का मैच खत्म होते होते दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 494/7 पर पहुंच गया था और एबीडी 217 रन पर खेल रहे थे। इस पारी के साथ मेजबान टीम लगभग मैच से बाहर हो चुकी थी। भारत को दक्षिण अफ्रीका को फिर से बल्लेबाजी कराने के लिए कम से कम 418 रनों की जरूरत है, लेकिन वह सिर्फ 328 तक ही पहुंच सके और भारतो को एक पारी व 90 रनों से हार का सामना करना पड़ा।