43 बनाम भारत, दिल्ली (दिसंबर 2015)
पिच आर्दश रूप से भारतीय पिच थी और भारत ने पहली पारी में अजिंक्य रहाणे के शतक की बदौलत 334 रन बनाए। दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों के आगे तुरंत हथियार डाल दिये और रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा के ऑफ स्पिन के आगे एक-एक करके नतमस्तक होते चले गए। एबी डीविलियर्स ने पारी में सबसे ज्यादा 42 रन बनाये जिसकी मदद से अफ्रीकी टीम 49.3 ओवरों में 121 रन तक पहुंच सकी। 213 रनों की संभावित मैच जीतने वाली बढ़त के साथ भारत ने दूसरी पारी में 267 रन जोड़े और अजिंक्य रहाणे ने मैच में दूसरा शतक बना दिया। चौथी पारी में प्रोटियाज़ को 481 रनों का लक्ष्य मिला जिसे बिगड़ती पिच पर बनाना लगभग असंभव था। डीन एल्गर बिना किसी प्रयास के सस्ते में आउट हो गये। बवुमा और अमला ने लगभग 40 ओवर तक गेंदबाजों को रोकने की कोशिश की लेकिन जल्द ही अश्विन ने बवुमा को एक शानदार गेंद पर आउट कर दिया। फिर क्रीज पर डीविलियर्स उतरे और उस दिन दुनिया ने ताबड़तोड़ बल्लेबाज का बेहद रक्षात्मक रवैया दिखा, जिसे शायद ही पहले कभी किसी ने देखा होगा। एबीडी ने 6 घंटे की मैराथन पारी खेलते हुए 297 गेंदों का सामना किया क्योंकि वह मैच को ड्रॉ पर समाप्त करने के लिए मजबूर करना चाहते थे। आमला और डू प्लेसी ने भी लगभग 60 ओवर खेले, लेकिन एक बार फिर भारत और प्रोटियाज़ के बीच एबीडी खड़े थे। और एक शानदार व बेहतरीन कैच के साथ 297 गेंदों वाली इस पारी का अंत हो गया और इस पारी के लिए मैदान पर मौजूद सबने खड़े होकर तालियां बजायी। मैच को खत्म करने के लिए भारत को 18 गेंदों की आवश्यकता पड़ी लेकिन एबीडी की यह पारी जादू के समान थी।