क्रिकेट में कप्तान बिना किसी शक अपनी टीम का बॉस होता है। वह टीम की अच्छाई और बुराई का ज़िम्मेदार भी होता है। वह आगे बड़े टीम को लीड करता है साथ ही टीम के बाकी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का काम करता है। लेकिन क्रिकेट एक टीम गेम है ऐसे में सबकुछ कप्तान के बस का ही नहीं होता है। इसलिए टीम में एक और पोस्ट बनाया जाता है। जो काफी लोकप्रिय है, यह उपकप्तान होता है। क्रिकेट के इतिहास में कप्तान और उपकप्तान की कई लोकप्रिय जोड़ियाँ हुईं हैं। उपकप्तान का काम कप्तान का मदद करना होना होता है। मौजूदा भारतीय क्रिकेट में एमएस धोनी टीम के कप्तान हैं और विराट कोहली टीम के उपकप्तान हैं। जो कई तरह से एक दुसरे के पूरक हैं। हालाँकि वह टीम में अलग-अलग भूमिका में हैं लेकिन ये दोनों किसी स्तम्भ से कम नहीं हैं। कूल धोनी और नेचुरल आक्रामक विराट बीते कुछ सालों से सीमित ओवर के क्रिकेट में भारत नई मजबूत टीम तैयार की है। जो काफी सफल टीम है। ये दोनों टीम को अपने बेहतरीन प्रदर्शन से प्रेरित भी करते हैं। ऐसे कई मौके क्रिकेट के इतिहास में रहे हैं जब एक कप्तान और उपकप्तान की जोड़ी काफी सफल रही है। जिनके अच्छे तालमेल से टीम काफी सफल रही है। आइये ऐसे ही 5 सबसे सफल कप्तान और उपकप्तान की जोड़ी पर एक नजर डालें:
#1 सौरव गांगुली-राहुल द्रविड़
भारतीय क्रिकेट टीम एक समय मैच फिक्सिंग के काले साये में घिर गयी थी। उसके बाद सौरव गांगुली को टीम का कप्तान बनाया गया। ये बहुत ही कठिन दौर जब एक नयी बनाकर उसे दोबारा से जीत के रास्ते पर लाना था। गांगुली ने उस वक्त न ही टीम की अगुवाई मोर्चे से बल्कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट को बदलकर रख दिया। उनके कप्तान बनने के बाद भारतीय टीम विदेशी धरती पर जीतने लगी और अपने घर में मजबूत टीमों को भी कड़ी चुनौती पेश की। हालाँकि इस दौरान राहुल द्रविड़ की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है। द्रविड़ सबसे बड़े फॉर्मेट में काफी सफल खिलाड़ी थे और उन्होंने विदेशों में एडिलेड और हेडिंग्ले में भारत को टेस्ट मैच जितवाने में अहम भूमिका निभाई थी। वनडे में जब गांगुली ने एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ खिलाना चाहा तो द्रविड़ ने विकेटकीपर की भूमिका भी निभाई।
#2 एंड्रू स्ट्रास-एलिस्टर कुक
इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने एंड्रू स्ट्रास की कप्तानी में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। साल 2007 में इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया ने अपने घर में 5-0 से एशेज में बुरी तरह से हराया था। जिसे स्ट्रास ने 2009 में इंग्लैंड वापस दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। स्ट्रास की ही कप्तानी में इंग्लैंड ने एक बार फिर 2011 में ऑस्ट्रेलिया के घर में उसे 24 साल बाद एशेज सीरीज में हराया था। इस दौरान उनके डिप्टी उनके साथी सलामी बल्लेबाज़ कुक थे। कुक ने इस सीरीज में 127.66 के औसत से 7 पारियों में 766 रन बनाये थे। इस प्रदर्शन के चलते उन्हें मैन ऑफ़ द सीरीज के अवार्ड से नवाजा गया था। स्ट्रास और कुक न सिर्फ सफल कप्तान और उपकप्तान की जोड़ी थे बल्कि ये दोनों खिलाड़ी एक बेहतरीन सलामी बल्लेबाज़ भी थे। यहाँ तक की इन दोनों बल्लेबाजों ने सलामी बल्लेबाज़ी करते हुए 5000 से अधिक रन बनाने वाले क्रिकेट इतिहास की पांचवी जोड़ी है।
#3 मार्क टेलर-स्टीव वॉ
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में ये दोनों खिलाड़ी आते हैं, इन्होने मिलकर ऐसी टीम तैयार की थी जिसने विश्व क्रिकेट पर लम्बे समय तक राज किया। मार्क टेलर ने एक मजबूत टीम तैयार की थी। जिसकी कमान जब स्टीव वा ने संभाली तो वह इतिहास की सबसे सफल टीम बनकर खड़ी हुई। एलन बॉर्डर के बाद मार्क टेलर ने ऑस्ट्रेलिया की कमान संभाली थी और स्टीव वा इस दौरान उनके डिप्टी रहे। बॉर्डर की तरह स्टीव वा एक बेहतरीन खिलाड़ी थे जिन्होंने टीम को अपनी कप्तानी में नई ऊंचाई दी।
#4 ग्रेम स्मिथ-जैक्स कालिस
दक्षिण अफ़्रीकी क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे ग्रेम स्मिथ ने प्रोटेस टीम की कमान रिकॉर्ड 108 टेस्ट मैचों में संभाली थी। उन्हें दक्षिण अफ्रीका की नई टेस्ट टीम तैयार करने का श्रेय भी जाता है। हालाँकि इस दौरान स्मिथ को जैक्स कालिस जैसा उम्दा उपकप्तान भी मिला हुआ था। कालिस न सिर्फ एक अच्छे उपकप्तान थे बल्कि वह टीम की बल्लेबाज़ी के मजबूत स्तम्भ भी थे। केकेआर का ये पूर्व स्टार बल्लेबाज़ दुनिया के बेहतरीन आलराउंडर में से आता था। स्मिथ ने कालिस के साथ मिलकर ऐसी टीम तैयार की थी, जिसने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए। ये दोनों खिलाड़ी एक दूसरे के पूरक भी थे। इन दोनों का प्रदर्शन भी शानदार रहा है। साथ ही ये टीम के रीढ़ के हड्डी भी थे। इन्होने दक्षिण अफ्रीका को टेस्ट में नम्बर एक टीम बनाने में भी मदद की थी।
#5 महेला जयवर्धने-कुमार संगकारा
महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा बहुत ही अच्छे दोस्त हैं। साथ ही ये दोनों विश्वक्रिकेट के खतरनाक बल्लेबाज़ और कप्तान और उपकप्तान भी थे। इन दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर कई बार श्रीलंकन क्रिकेट के इतिहास को दोबारा लिखा है। छोटे आइलैंड वाले इस देश में क्रिकेट के अच्छे खासे फैन हैं जहाँ इन दोनों प्रतिभावान खिलाड़ियों श्रीलंका क्रिकेट को नए आयाम दिए। इन दोनों को एक दुसरे के साथ बल्लेबाज़ी करने में मजा आता था। इन दोनों ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऐतिहासिक 624 रन की साझेदारी निभाई थी। जयवर्धने और संगकारा ने श्रीलंका को साल 2007 और 2011 के फाइनल में पहुँचाने में अहम योगदान दिया था। साथ ही साल 2014 के टी-20 वर्ल्डकप में उन्होंने श्रीलंका को खिताबी जीत भी दिलाई थी। लेखक-पल्लब चटर्जी, अनुवादक-मनोज तिवारी