#4. टी20 विश्व कप 2007 में भारत की जीत
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साल 2007 में खेले गए एकदिवसीय विश्व कप में भारत का ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था। भारतीय क्रिकेट इतिहास की यह एक ऐसी घटना थी जिसे हर कोई भुला देना चाहेगा। इसी साल आईसीसी ने पहली बार दक्षिण अफ्रीका में टी20 वर्ल्डकप के आयोजन की भी घोषणा कर दी थी। बीसीसीआई ने नये फॉर्मेट को मद्देनजर रखते हुए युवा भारतीय टीम भेजने का निर्णय लिया जिसके कप्तान के तौर पर महेंद्र सिंह धोनी को नियुक्त किया गया था।
भारत ने लाजवाब प्रदर्शन करते हुए इस प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बना ली। ज्यादातर मुकाबलों में युवराज सिंह भारतीय बल्लेबाजी का प्रमुख स्तंभ बनकर उभरे थे। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए फाइनल मुकाबले में सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर की 75 रनों की पारी की बदौलत टीम इंडिया ने पांच विकेट के नुकसान पर 157 रनों का स्कोर खड़ा किया।
पाकिस्तान की शुरूआत बेहद ही खराब रही जिसके कारण उन्होंने 76 रनों के मामूली स्कोर पर ही छह विकेट गंवा दिये। अब पाकिस्तान का सारा दारोमदार कप्तान मिसबाह उल हक पर ही था। मिसबाह ने खेल को रोमांचक बनाए रखा और मुकाबला अंतिम ओवर तक जा पहुंचा। जोगिंदर शर्मा के अंतिम ओवर में पाकिस्तान को जब चार गेंद पर छह रनों की आवश्यकता थी तब मिसबाह विकेट के पीछे स्कूप शॉट खेलने के चक्कर में श्रीसंथ को कैच थमा बैठे। उपर दिखाई गई तसवीर "कैप्टन कूल" धोनी के शांत स्वभाव से विपरीत एक युवा कप्तान को मिली जबरदस्त सफलता का जोश दर्शाती है।