ये वनडे सीरीज टेस्ट सीरीज के मुकाबले काफी विपरीत बनकर सामने आई, टेस्ट सीरीज में कीवी टीम तीन टेस्ट में कहीं टिक नहीं पाई थी। मेजबान के खिलाफ वनडे सीरीज में कीवी टीम नए जोश में दिखी, वहीं भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह विराट कोहली पर निर्भर रही। लेकिन, सीरीज के फाइनल मैच में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को दिखा दिया कि वो भारत के सामने बौना ही है, जिस वक्त सबसे ज्यादा अच्छे प्रदर्शन की दरकार थी उस वक्त कीवी टीम फ्लॉप साबित हुई। एक नजर इस सीरीज के 5 टॉप और फ्लॉप प्रदर्शन पर:
विराट कोहली – हिट
पांच मैचों में 354 रनों के साथ, विराट कोहली इस सीरीज में हाईएस्ट रन स्कोरर बने जबकि विरोधी टीम के टॉम लेथम 244 रन ही बनाने के साथ नम्बर दो पर रहे। भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने वनडे सीरीज के पहले मैच में नाबाद 85 रन की पारी खेली, उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखा और मोहाली वनडे में बेहतरीन बल्लेबाजी का जलवा दिखाते हुए नाबाद 154 रन की पारी खेली, ये उनकी वनडे में दूसरा सर्वोच्च स्कोर था, साथ ही इसके साथ ही उनकी वनडे में 26वीं सेंचुरी पूरी की। भारतीय टीम की बल्लेबाजी विराट कोहली पर काफी निर्भर करती है जिस वजह से उनपर हर मैच में काफी दबाव भी रहता है, जिस मैच में विराट कोहली ज्यादा रन नहीं बनाते उस मैच में ज्यादातर भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ता है। सीरीज के आखिरी मैच में धीमी पिच पर उनके 65 रन के योगदान ने टीम को बड़े स्कोर खड़ा करने में काफी मदद की। रॉस टेलर - फ्लॉप
इस दौरे पर कीवी टीम के लिए सबसे बड़ी निराशा थी उनके सबसे अनुभवी खिलाड़ी की खराब फॉर्म। पेसर्स के सामने लड़खड़ाना, स्पिनर्सन का सामना करने में नाकाम और फोकस में नुकसान, इस सभी वजह से इस 32 वर्षीय खिलाड़ी को विपरीत परिणाम झेलने पड़े। ब्रैंडम मैक्कुलम ने जिस तरह से टेलर की कप्तानी की आलोचना कि थी उसके बाद ये खबर सुर्खियां में आई थी लेकिन इस प्रदर्शन के बाद वो खुद को साबित करने में नाकाम रहे। साथ ही उन्होंने मैदान पर कई अहम कैच भी ड्रॉप किए।
केन विलियमसन – हिट
कीवी कप्तान टेस्ट सीरीज में कोई खास कमाल नहीं कर पाए, वो जिस तरह के बल्लेबाज है टेस्ट सीरीज में उस तरह का प्रदर्शन विलियमसन से बहुत कम ही देखने को मिला। स्पिनर्स के खिलाफ उनका फुटवर्क काफी कमजोर था, जो क्रीज पर ज्यादा समय बिताने में नाकाम रहे और वायरल फीवर की वजह से उनकेखेल पर भी काफी असर पड़ा।
वनडे सीरीज में केन विलियमसन काफी कॉन्फिडेंट और फोकस दिखाई दिए। उन्होंने दूसरे वनडे में शतक जड़ा और साथी खिलाड़ियों से भी उन्हें काफी सहयोग मिला।
रोहित शर्मा – फ्लॉप
वनडे क्रिकेट में जिस तरह के विशाल रिकॉर्ड रोहित शर्मा के नाम हैं, इस सीरीज में वो कोई खास प्रदर्शन करने में सफल नहीं हो पाए। न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के आखिरी मैच में 70 रन बनाने के अलावा वो बाकि चार मैचों में कोई अर्धशतक भी नहीं लगा पाए और उनका स्कोर 11, 13, 14, 15 रहा।
मुम्बई इंडियंस के अपनी साथी खिलाड़ी टिम साउथी की गेंदबाजों का सामना करने में रोहित शर्मा को काफी परेशानी हुई। आखिरी वनडे से पहले, वो बाकि मैचों में काफी धीमा खेले। इस सीरीज में उन्होंने कुल 123 रन बनाए जिसमें उनका औसत 24.60 रहा।
अमित मिश्रा – हिट
रविचंद्रन अश्विन के वनडे सीरीज से बाहर होने के बाद दिग्गज लेग स्पिनर अमित मिश्रा को उनके वनडे करियर में एक सुनहरा अवसर मिला। 2003 में डेब्यू करने के बावजूद, अमित मिश्रा को 50 वनडे विकेट हासिल करने में काफी समय लग गया।
अपनी क्लासिक लेग स्पिन शैली में, मिश्रा ड्रैब पिचों पर गेंद को टर्न कराने में कामयाब रहे और अपनी शानदार गेंदबाजी से उन्होंने मेहमान न्यूजीलैंड के लिए ये सीरीज को बूरे सपने में तबदील करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेग स्पिनर ने इस सीरीज में 15 विकेट झटके और पहली बार मैन ऑफ द सीरीज का खिताब अपने नाम किया। लेकिन सबसे बेहतरीन प्रदर्शन विशाखापट्टनम में हुए सीरीज के फाइनल मुकाबले में देखने को मिला। जहां उन्होंने कीवी टीम की हालत खराब कर दी और पांच विकेट हासिल किए।
मार्टिन गप्टिल – फ्लॉप
एक और मैच विनर खिलाड़ी इस सीरीज में रन बनाने के मामले में फेल साबित हुआ, गप्टिल टेस्ट सीरीज मे एक समुद्र की तरह दिखाई दिए जिसने टीम का प्रेशर कम करने की काफी बढाया था।
वनडे में, उनसे उम्मीद थी कि वो शानदार बल्लेबाजी करके टीम के ज्यादा से ज्यादा रन बनाएंगे। ऐसा करने के बजाए, वो वनडे फॉर्मेट में भी अपनी उपयोगिता साबित नहीं कर पाए। इस सीरीज में उन्होंने सिर्फ एक अर्धशतक बनाया, और हर बार गलत गेंद को खेल वो अपना विकेट गवांते रहे और ज्यादातर वो उमेश यादव के शिकार बने।
केदार जाधव – हिट
भारतीय टीम का सर्प्राइज पैकेज बल्ले से बेशक कमाल करने में चूक गया, लेकिन गेंद से केदार ने काफी प्रभावित किया है, मीडिल ओवर में उन्होंने अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी से कई अहम विकेट चटकाए। घरेलू क्रिकेट में भी केदार को गेंदबाजी का कोई खास अनुभव नहीं था, लेकिन एमएस धोनी, अपनी अलग सोच के लिए जाने जाते हैं, और जिस वक्त कीवी बल्लेबाज सेट होकर बड़े स्कोर बनाने की कोशिश में होते थे जब धोनी ने केदार के हाथों में गेंद थमाई, और इस ऑफ स्पिनर ने शानदार प्रदर्शन किया। इस सीरीज में उन्होंने 6 विकेट झटके और न्यूजीलैंड के खिलाफ चौथे सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले खिलाड़ी साबित हुए।
कोरी एंडरसन – फ्लॉप
टॉम लैथम – हिट
ये बाएं हाथ का बल्लेबाज कीवी टीम के टॉर ऑर्डर के लिए किसी पहाड़ से कम नहीं है। इस बल्लेबाज ने सीरीज बराबरी के लिए शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया, उन्होंने गैप ढूंढे, गेंद को बाउंड्री पार पहुंचाया और न्यूजीलैंड का स्कोर बढ़ाने में अहम योगदान दिया। जब उनके ओपनिंग साथी मार्टिन गप्टिल टेस्ट और वनडे में नाकाम साबित हुए, तब लैथम ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया और वो इस सीरीज के दूसरे हाईएस्ट रन स्कोरर बने।
उनकी शानदार लय ने कीवी टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने और बोर्ड पर बड़े स्कोर खड़े करने में काफी मदद की। वो काफी तेज बल्लेबाजी करने में यकीन नहीं रखते लेकिन वो सही गेंद को चुनते हैं और उसे उसके अंजाम तक पहुंचाते हैं।
मनीश पांडे – फ्लॉप
टीम इंडिया को एक मैच फीनिशर को निखारने की जरूरत है, वो भी तब जब एमएस धोनी का करियर आखिरी पड़ाव में है। मनीश पांडे एक मीडिस ऑर्डर बल्लेबाज हैं जो तेजी से रन बनाना जानते हैं। उनके पास कोई मजबूत तकनीक नहीं है लेकिन उनके हाथ और आंख के कॉर्डिनेशन की वजह से वो बड़े स्ट्रोक्स खेलने में सक्षम हैं।
लेकिन, जिस तरह से वो खेलते हैं वो क्रीज पर ज्यादा समय बिताए बिना बड़े स्ट्रोक्स खेलते हैं वो उनके टेम्प्रामेंट के लिए एक गंभीर मुद्दा है। इस वर्ष उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में एक शतक लगाया था, जिससे चयनकर्ताओं ने उनपर भरोसा जताया, लेकिन पांच मैचों में उन्होंने 76 रन बनाए जो काफी नहीं हैं।