रविचंद्रन अश्विन के वनडे सीरीज से बाहर होने के बाद दिग्गज लेग स्पिनर अमित मिश्रा को उनके वनडे करियर में एक सुनहरा अवसर मिला। 2003 में डेब्यू करने के बावजूद, अमित मिश्रा को 50 वनडे विकेट हासिल करने में काफी समय लग गया। अपनी क्लासिक लेग स्पिन शैली में, मिश्रा ड्रैब पिचों पर गेंद को टर्न कराने में कामयाब रहे और अपनी शानदार गेंदबाजी से उन्होंने मेहमान न्यूजीलैंड के लिए ये सीरीज को बूरे सपने में तबदील करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेग स्पिनर ने इस सीरीज में 15 विकेट झटके और पहली बार मैन ऑफ द सीरीज का खिताब अपने नाम किया। लेकिन सबसे बेहतरीन प्रदर्शन विशाखापट्टनम में हुए सीरीज के फाइनल मुकाबले में देखने को मिला। जहां उन्होंने कीवी टीम की हालत खराब कर दी और पांच विकेट हासिल किए। मार्टिन गप्टिल – फ्लॉप एक और मैच विनर खिलाड़ी इस सीरीज में रन बनाने के मामले में फेल साबित हुआ, गप्टिल टेस्ट सीरीज मे एक समुद्र की तरह दिखाई दिए जिसने टीम का प्रेशर कम करने की काफी बढाया था। वनडे में, उनसे उम्मीद थी कि वो शानदार बल्लेबाजी करके टीम के ज्यादा से ज्यादा रन बनाएंगे। ऐसा करने के बजाए, वो वनडे फॉर्मेट में भी अपनी उपयोगिता साबित नहीं कर पाए। इस सीरीज में उन्होंने सिर्फ एक अर्धशतक बनाया, और हर बार गलत गेंद को खेल वो अपना विकेट गवांते रहे और ज्यादातर वो उमेश यादव के शिकार बने।