सीरीज के ज्यादातर मैचों में भारतीय टीम 2 प्रमुख तेज़ गेंदबाज बुमराह और भुवनेश्वर कुमार से खेली है। लेकिन दोनों ने उस तरह का निरन्तर प्रदर्शन नहीं किया जिसकी उनसे उम्मीद की जाती है। भारतीय टीम अतरिक्त रनों का खामियाजा 2003 विश्वकप फाइनल में भी भुगत चुकी है। जहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ज़हीर खान ने अपना नियंत्रण खोकर कई वाइड और नो बॉल फेंके थे और टीम को विश्वकप गवाना पड़ गया था। टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ 25 अतिरिक्त रन दिए जिसमें नो बॉल भी शामिल था, जिसपर फखर ज़मान आउट होकर भी बच गए थे। बांग्लादेश के खिलाफ भी गेंदबाजॉन ने 23 अतरिक्त रन दिए वही दक्षिण अफ्रीका ने 191 रन बनाए थे जिसमें 16 अतरिक्त रन ही थे।
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