5 ऐसे भारतीय युवा जो अंडर-19 विश्व कप में कमाल कर सकते हैं

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अगले साल न्यूजीलैंड में होने वाले अंडर-19 विश्व कप के लिए भारतीय टीम को ‘टॉप-मोस्ट फेवरेट’ माना जा रहा है। जूनियर टीम इंडिया इस समय शानदार फॉर्म में है और उन्होंने इस महीने की शुरुआत में इंग्लैंड को उसी की धरती पर टेस्ट और वन-डे दोनों फॉर्मेट में हराया है।

अंडर-19 विश्व कप को युवा प्रतिभाओं के लिए एक सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म माना जाता है और यहां से प्रत्येक बार क्रिकेट के बड़े-बड़े सितारे उभर के आते हैं।

युवराज सिंह, विराट कोहली, रविंद्र जडेजा, शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा कुछ ऐसे नाम हैं जिन्होंने अंडर-19 विश्व कप में ही बड़े खिलाड़ी होने की झलक दिखला दी थी और आज ये नाम टीम इंडिया के बहुमूल्य रत्नों में से एक हैं। मौजूदा अंडर-19 टीम में भी कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चमकने की क्षमता रखते हैं। तो आज चर्चा ऐसे ही भारतीय टीम के पांच अंडर-19 खिलाडियों की-

#5 हिमांशु राणा

हिमांशु राणा भारतीय अंडर-19 टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं। हिमांशु ने घरेलू सर्किट में हरियाणा के लिए 30 से अधिक मैच खेले हैं। हरियाणा के लिए 16 वर्ष की उम्र में प्रथम श्रेणी में डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी ने राज्य की रणजी टीम में अपने आप को स्थापित कर लिया है। उन्होंने रणजी ट्रॉफी की 20 पारियों में 37 की औसत से कुल 697 रन बनाये हैं, जिसमें 2 शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। इस प्रदर्शन की बदौलत उन्होंने अपने आप को टीम का एक प्रमुख बल्लेबाजी स्तंभ बना लिया है।

रणजी में डेब्यू के बाद उन्होंने जल्द ही टी-20 में भी हरियाणा के लिए डेब्यू किया और अब तक वे अपने राज्य के लिए 11 टी-20 मैच खेले हैं। 2015 में ही प्रथम श्रेणी और टी 20 कैरियर की शुरुआत करने वाले इस 18 वर्षीय बल्लेबाज ने अपने लिस्ट-ए कैरियर की शुरुआत 2017 में की और अब तक उन्होंने इस प्रारूप में सिर्फ एक मैच खेला है।

जब इस साल के शुरुआत में इंग्लैंड अंडर-19 टीम ने भारत का दौरा किया था तब हिमांशु ने चार मैचों में 53 की शानदार औसत और 96 की विस्फोटक स्ट्राइक रेट से 211 रन बनाए थे जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल था। हालांकि वह इस महीने इंग्लैंड में अपने इस प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाए और चार मैचों में 20.5 के मामूली औसत से सिर्फ 82 रन ही बना सके।

भारतीय अंडर-19 टीम को अगले साल हिमांशु के अनुभव की जरुरत होगी, जब वह दुनिया पर फतह करने के इरादे से न्यूजीलैंड का दौरा करेगी।

#4 कमलेश नागरकोटी

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घरेलू क्रिकेट सर्किट में कमलेश नागरकोटी का नाम उस समय उभर कर सामने आया जब विजय हजारे ट्राफी के एक मैच में उन्होंने अपनी टीम राजस्थान के लिए डिफेंडिंग चैंपियन गुजरात के खिलाफ हैट्रिक विकेट लिया और अपनी टीम को जीत दिलाई।

इस हरफनमौला खिलाड़ी को अपने इस प्रदर्शन का ईनाम भी मिला, जब उन्हें इमर्जिंग प्लेयर्स एशिया कप टूर्नामेंट के लिए भारत की अंडर-23 टीम में जगह मिली। कमलेश ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया और तीन मैच में चार विकेट लिए।

हालांकि इस 17 वर्षीय खिलाड़ी ने हैट्रिक लेने से पहले ही इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन करके अपना नाम क्रिकेट प्रेमियों और चयनकर्ताओं की जुबान पर ला दिया था। साल की शुरुआत में भारतीय अंडर-19 टीम की ओर से खेलते हुए इस खिलाड़ी ने इंग्लैंड के खिलाफ 13 के शानदार औसत और 4.3 के किफायती स्ट्राइक से तीन मैचों में सात विकेट लिए। बल्ले से भी उपयोगी योगदान देते हुए इस खिलाड़ी ने 40.5 की औसत और 92 की स्ट्राइक रेट के साथ तीन पारियों में महत्वपूर्ण और निर्णायक 81 रन बनाए। नागरकोटी ने ये रन तब बनाए जब टीम को इसकी सबसे ज्यादा जरुरत थी।

हालांकि जब इस महीने की शुरुआत में लड़कों ने इंग्लैंड का दौरा किया तब नागरकोटी अपने इस प्रदर्शन को दोहरा नहीं सकें और चार मैचों में सिर्फ तीन विकेट ले पाए। बल्ले से भी वह दो पारियों में सिर्फ 32 रन का योगदान दे पाए।

इसके बावजूद नागरकोटी भारत के विश्व कप अभियान के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, जहां वह भारतीय गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व करेंगे।

#3 राहुल चाहर

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सीमित ओवर के मैच में कलाईयों का स्पिनर किसी भी टीम के लिए एक बहुमूल्य संपत्ति के समान होता है। राजस्थान के 18 वर्षीय लेग स्पिनर राहुल चाहर के साथ भी कुछ अलग नहीं है। वह भारतीय प्रशंसकों में पहले से ही एक जाना पहचाना नाम है क्योंकि वह आईपीएल के दसवें संस्करण में राइजिंग पुणे सुपरजायन्ट्स टीम का हिस्सा था। हालांकि यह खिलाड़ी अपने साथी खिलाड़ी 17 वर्षीय वॉशिंगटन सुंदर की तरह प्रभावित नहीं कर सका और आईपीएल के तीन मैचों में सिर्फ दो विकेट ही ले पाया। गुजरात लायंस के खिलाफ सीमा रेखा पर किया गया उनका शानदार बचाव ही आईपीएल का उनका एकमात्र सुखद पल था।

हिमांशु राणा की तरह ही राहुल चाहर ने 16 साल की उम्र में अपना प्रथम श्रेणी की शुरुआत की और अब तक उन्होंने कुल 10 मैच खेला है। हाल के इंग्लैंड दौरे में राहुल ने चार मैचों में 15.2 की औसत और 4.18 की इकोनॉमी के साथ 10 विकेट लिए। इससे पहले जब इंग्लैंड अंडर-19 टीम भारत दौरे पर आई थी तब इस लेग स्पिनर ने तीन मैचों में छह विकेट लिए थे।

अगले वर्ष भारत के विश्व कप अभियान के दौरान राहुल टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। राहुल बीच के ओवरों में विपक्षी टीम के रनों की रफ्तार रोककर कुछ महत्वपूर्ण विकेट उखाड़ने की क्षमता रखते हैं।

#2 पृथ्‍वी शॉ

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भारतीय अंडर-19 टीम के कप्तान पृथ्‍वी शॉ का नाम पहली बार सुर्खियों में तब आया था जब उन्होंने अपने स्कूल की टीम 'रिज़वी स्प्रिंगफील्ड' के लिए हैरिस शील्ड टूर्नामेंट के एक मैच में 330 गेंदों में 546 रन की विशालकाय पारी खेली थी। यह किसी भी मान्यता प्राप्त क्रिकेट में 1901 से लेकर अब तक का सर्वश्रेष्ठ स्कोर है।

तब से लेकर अब तक पृथ्वी ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा है और उन्हें भारतीय बल्लेबाजी का भविष्य माना जा रहा है। कई विशेषज्ञ तो पृथ्वी को दूसरा तेंदुलकर बताने लगे हैं। स्कूली क्रिकेट में कई शानदार पारियों के बाद जब पृथ्वी को मुंबई रणजी टीम में मौका मिला तो उन्होंने अपने पहले ही मैच में चिर प्रतिद्वंदी तमिलनाडु के खिलाफ एक महत्वपूर्ण शतक बनाकर ना सिर्फ अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाया बल्कि टीम में अपने चयन को भी सही साबित कर दिया।

अपने इस शतक के साथ ही वह मुंबई के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू मैच में शतक लगाने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बने। पृथ्वी से ऊपर महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का नाम है। भारत के विश्वकप अभियान के लिए उन्हें अंडर-19 टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है और उन्हें उदाहरण स्थापित कर टीम का नेतृत्व करना होगा।

उन्होंने इंग्लैंड में हाल ही में संपन्न हुई सीरीज में 32 की औसत और 100 से ज्यादा की स्ट्राइक-रेट से पांच पारियों में 160 रन बनाए। इससे पहले जब इंग्लैंड की टीम ने भारत का दौरा किया था तब उन्होंने तीन पारियों में 42 की औसत से 126 रन बनाए थे।

आशा है कि विश्व कप के दौरान पृथ्वी, विराट कोहली से प्रेरणा लेंगे और टीम को सामने से लीड करते हुए जीत दिलाएंगे।

#1 शुबमन गिल

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हाल ही में समाप्त हुई इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में बल्लेबाज शुबमन गिल ने केवल चार परियों में 93 की शानदार औसत और 100 से अधिक की स्ट्राइक रेट से 278 रन बनाए। इस सीरिज में गिल के वर्चस्व का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि दोनों टीम को कोई भी बल्लेबाज गिल से एक पारी अधिक खेलकर भी 160 रन से अधिक नहीं बना पाया।

यह पहली बार नहीं है जब किसी वनडे सीरीज में गिल ने अपना दबदबा कायम किया हो। साल की शुरुआत में जब इंग्लैंड ने भारत का दौरा किया था तब भी उन्होंने 117 के औसत और 105 की स्ट्राइक रेट से सिर्फ 4 पारियों में 351 रन बनाए थे।

लगता है कि 50 ओवर के मैच के लिए ही बने हैं। उनका लिस्ट-ए और अंडर-19 करियर औसत देखकर यह बात आसानी से कहा जा सकता है। 17 वर्षीय यह आक्रामक बल्लेबाज अगले साल भारत की चुनौती का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह से तैयार दिख रहा है।

लेखक- विग्नेश अनंत सुब्रह्मण्यन

अनुवादक-सागर

Edited by Staff Editor