भारत को स्पिनरों का गढ़ कहा जाता है। सुभाष गुप्ते से लेकर आर.आश्विन तक सभी ने अपने गेंदबाजी से विश्व स्तर पर छाप छोड़ी है। लेकिन अनिल कुंबले इन सब में सर्वश्रेष्ठ थे और इस पर शायद ही किसी को संदेह हो। टेस्ट से लेकर वनडे तक गेंदबाजी के लगभग सभी भारतीय रिकॉर्ड कुंबले के नाम ही दर्ज है। वह एक मैच जिताऊ स्पिनर थे और उन्होंने अपने दम पर भारत को कई मैच जिताया था। 1999 में दिल्ली के कोटला में पाकिस्तान के खिलाफ मैच भी एक ऐसा ही मैच था, जहां पर कुंबले पारी के सभी 10 टेस्ट विकेट लेकर अंतरराष्ट्रीय और टेस्ट क्रिकेट में ऐसा करने वाले सिर्फ दूसरे खिलाड़ी बने। यह सभी क्रिकेट दर्शकों के लिए एक अविश्वसनीय और सुखद पल था क्योंकि आधुनिक क्रिकेट (टीवी पर मैचों के लाइव प्रसारण के बाद) में ऐसा पहली बार हो रहा था। मैच के चौथे दिन भारतीय टीम इस मैच में पिछड़ रही थी। 420 रन के एक बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम ने एक समय बिना विकेट गवाएं 101 रन बना लिए थे। लेकिन इसके बाद धीमी और नीची रह रही पिच पर कुंबले ने अपनी स्पिन का जादू बिखेरना शुरू किया और एक के बाद सभी पाकिस्तानी खिलाड़ियों को चलता कर दिया। इस मैच में वह दो बार हैट्रिक पर भी थे। कुंबले ने पारी में 26.3 ओवर में 10-74 के आंकड़े पेश किए और भारत को 212 रनों से एक बड़ी जीत दिलाई। जीत के बाद कुंबले को साथी खिलाड़ियों ने ठीक उसी तरह कंधे पर उठाकर पवेलियन की तरफ लाया था, जिस तरह सचिन तेंदुलकर को विश्व कप जीत के बाद।