5 भारतीय गेंदबाज जिनका 2019 विश्वकप खेलने का सपना सिर्फ सपना ही रह सकता है

विश्वकप 2019 को शुरू होने में अब 10 महीने से भी कम का समय बचा हुआ है। इंग्लैंड में होने वाले क्रिकेट के महाकुंभ में हिस्सा लेनी जा रही सभी टीमों ने कमर कसना शुरू कर दिया है। भारतीय टीम अभी इंग्लैंड में ही है। टीम ने टी20 सीरीज जीता लिया लेकिन वनडे सीरीज में उसे हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम में पिछले कुछ समय में साफ कर दिया है कि वह विश्वकप में किस खिलाड़ियों के साथ उतरने वाली है। इसके साथ ही यह भी साफ हो गया है कि कुछ खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया जाना लगभग नामुमकिन ही है। आज हम आपको ऐसे ही कुछ गेंदबाजों के बारे में बताने जा रहे हैं #1 रविचन्द्रन अश्विन 2011 विश्वकप के बाद से चैंपियंस ट्रॉफी 2017 तक अश्विन खेल के सभी फॉर्मेट में भारतीय टीम के प्रमुख गेंदबाज थे। लेकिन समय के साथ बल्लेबाजों ने उनकी गेंदबाजी परख ली और सीमित ओवरों के खेल में उनका प्रभाव कम होने लगा। चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत को मिली हार में अश्विन की खराब गेंदबाजी का भी बहुत बड़ा हाथ था। अश्विन की वजह पर टीम में शामिल किए दोनों ही कलाई के गेंदबाज युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव टीम के लिए शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं। वह बीच के ओवरों में विकेट निकलकर विपक्षी बल्लेबाजी की कमर तोड़ देते हैं। अश्विन टेस्ट मैचों में अभी भी दुनिया के सबसे बेहतरीन स्पिनरों में शामिल हैं लेकिन 2019 विश्वकप के लिए भारतीय टीम में उनकी वापसी की उम्मीद ना के बराबर है।#2 मोहम्मद शमी फिटनेस और पारिवारिक कलह की वजह से मोहम्मद शमी का क्रिकेट काफी प्रभावित हुआ है। 2015 विश्वकप में भारतीय टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज शमी ने इस विश्वकप में खेले 7 मैचों में 17 बल्लेबाजों का शिकार बनाया था। विश्वकप सेमीफाइनल के बाद से अभी तक शमी को सिर्फ 3 वनडे मैच खेले का मौका मिला है। जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार ने टीम के लिए लगातार विकेट निकले हैं। इसके अलावा टीम के पास विकल्प के रूप में उमेश यादव, शार्दुल ठाकुर, सिद्धार्थ कौल जैसे गेंदबाज मौजूद हैं। ऐसे में शमी का विश्वकप खेलना मुश्किल ही नजर आ रहा है।#3 इशांत शर्मा विश्वकप 2015 से पहले इशांत शर्मा लगातार शानदार गेदबाजी कर रहे थे। 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले से भी उन्होंने शानदार गेंदबाजी की थी। लेकिन, उनके करियर का सबसे बुरा वक्त विश्वकप से ठीक पहले आ गया जब वह चोटिल हो गये और टीम में उनकी जगह मोहित शर्मा को शामिल कर लिया गया। इसी वजह से इशांत अपना पहला विश्वकप खेलने से भी चूक गये। विश्वकप के बाद इशांत ने कोई ऐसा प्रदर्शन नहीं किया जिसकी वजह से उन्हें टीम में लगातार मौका मिले। आज उन्हें भारत के लिए सिर्फ टेस्ट मैच में ही खेलने का मौका मिलता है। इसमें भी उन्हें सभी मैचों में टीम में जगह नहीं मिल पाता। उनका करियर अब ढलान की तरह है। ऐसे में साफ नजर आ रहा है कि इशांत अब विश्वकप में नहीं ही खेलेंगे।#4 धवन कुलकर्णी धवन कुलकर्णी घरेलू स्तर पर भारत के सबसे निरंतर गेंदबाजों में से एक है। इसके साथ ही उन्होंने आईपीएल और भारत ए के लिए भी कई शानदार प्रदर्शन दिए हैं। इसके बावजूद भारतीय टीम के पास रिज़र्व में काफी गेदबाज हैं। जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार जहाँ गेंदाबाजी की कमान संभालते हैं वहीं हार्दिक पांड्या के रूप में टीम के पास तीसरा तेज गेदबाज है। इनके अलावा बेंच पर उमेश यादव, सिद्धार्थ कौल और शार्दुल ठाकुर बैठे हैं। इन सबसे देखते हुए धवल कुलकर्णी की राह मुश्किल ही लगती है। हाँ अगर खिलाड़ी चोटिल होते हैं तो इन्हें मौका मिल सकता है।#5 मोहित शर्मा आईपीएल की खोज रहे मोहित शर्मा को पिछले विश्वकप में इशांत शर्मा की जगह भारतीय टीम में जगह मिली थी। उन्होंने इस मौके का फायदा उठाते हुए विश्वकप में शानदार गेंदबाजी की। ऐसे प्रदर्शन के बावजूद विश्वकप के बाद उनके प्रदर्शन में लगातार गिरावट आने लगी। आईपीएल 2014 में पर्पल कैप जीतने वाले मोहित को आईपीएल 2015 में 16 मैचों में मात्र 14 विकेट मिले। अब वह अपनी आईपीएल में भी लगातार मौका नहीं मिलता। इस परिस्थितियों में विश्वकप टीम उनका शामिल होने नामुमकिन ही है। लेखक: विनायक रॉय अनुवादक: ऋषिकेश सिंह

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