यह भारतीय क्रिकेट के इतिहास के सबसे दु:खद छवियों में से एक है। 2007 के विश्वकप में अनुभवी खिलाड़ियों से भरे हुए टीम का ग्रुप चरण से बाहर हो जाना निश्चित रूप से मार्मिक और दिल तोड़ देने वाला था। इस टीम को टूर्नामेंट के फेवरिट टीमों में से एक माना जा रहा था, लेकिन सितारों से भरी यह टीम बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी टीमों से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई। राहुल द्रविड़ की टीम को अपने अभियान की शुरूआत में ही अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा जब बांग्लादेश की कमजोर मानी जा रही टीम ने उसको पांच विकेट से हरा दिया। हालांकि इसके बाद टीम इंडिया ने कमजोर बरमूडा को 257 रनों के एक बड़े अंतर से हराया, लेकिन वह ग्रुप की सबसे मजबूत टीम श्रीलंका से पार नहीं पा सकी। त्रिनिदाद के क्वीन पार्क ओवल में मजबूत माने जाने वाली भारतीय बल्लेबाजी क्रम श्रीलंका के 255 रनों का लक्ष्य का पीछा नहीं कर सकी और 69 रनों से मैच हार गई। श्रीलंका के सबसे बड़े खिलाड़ी मुथैया मुरलीधरन ने इस मैच में 3 विकेट लिया, वहीं भारत के सबसे बड़े खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर इस मैच में एक रन भी नहीं बना सके।