भारतीय टीम का लंबा घरेलू सत्र ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में संपन्न बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के साथ हुआ, जिसे मेजबान टीम ने 2-1 के अंतर से जीता। सत्र में देखने को मिला कि कई भारतीय खिलाड़ियों ने अपने खेल में गजब का सुधार किया और समय पर प्रदर्शन करके टीम को सफलता दिलाई। यहां हम आपको ऐसे ही पांच खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने खेल में गजब का सुधार किया और इस सत्र में अच्छा खेलकर अपने आप को बेहतर क्रिकेटरों की श्रेणी में शामिल किया।
भुवनेश्वर कुमार
भारतीय तेज गेंदबाज को भले ही सत्र में सभी मैच खेलने को नहीं मिले हो, लेकिन जो भी मौका उन्हें मिला, भुवनेश्वर कुमार ने अपनी भूमिका को बखूबी प्रदर्शित किया। कोलकाता टेस्ट में भुवी ने 5 विकेट लिए और भारत को सीरीज में 2-0 की बढ़त दिलाई।
भुवनेश्वर कुमार को इंग्लैंड के खिलाफ एक और बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में खेलने का मौका मिला और इस गेंदबाज ने मौके का पूरा फायदा उठाते हुए अपना प्रभाव छोड़ा। कुमार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट में खेलने का मौका मिला। वह ज्यादा प्रभावी नहीं, लेकिन दो विकेट लेने में कामयाब रहे। बड़ी बात यह रही कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ को दूसरी पारी में सस्ते में आउट किया, जिन्होंने सीरीज में धमाकेदार प्रदर्शन किया था।
भले ही भुवी के आंकडें बेहतरीन न हो, लेकिन जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने अच्छी गति के साथ गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराया और बल्लेबाजों में खौफ बनाए रखा।
भुवी का प्रदर्शन पिछले कुछ समय में अच्छा नहीं रहा, लेकिन उन्होंने अच्छी वापसी की और उम्मीद करते हैं कि 2017 उनके लिए काफी लाभदायक साबित हो।
ऋद्धिमान साहा
विकेटकीपर बल्लेबाज ने घरेलू सत्र में नाजुक पलों में महत्वपूर्ण योगदान देकर ख्याति हासिल की। न्यूजीलैंड के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में साहा ने दोनों पारियों में अर्धशतक जमाकर भारत को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया और जीत दिलाने में मदद की।
इंग्लैंड के खिलाफ साधारण सीरीज के बाद साहा ने बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में गजब की वापसी की। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रांची टेस्ट में साहा ने चेतेश्वर पुजारा के साथ सातवें विकेट के लिए उम्दा साझेदारी करके टीम को बढ़त दिलाई।
बंगाल के विकेटकीपर ने अपनी कीपिंग में भी गजब का सुधार किया है बल्ले से भी वह भारत की सेवा कर रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि साहा अगले कुछ वर्षों तक भारत के नंबर एक विकेटकीपर रहेगे।
लोकेश राहुल
दाएं हाथ के भारतीय ओपनर का सत्र सर्वश्रेष्ठ नहीं रहा। न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ वह शुरुआती चरण में उल्लेखनीय योगदान नहीं दे सके। हालांकि बाद में उन्होंने अपने खेल के स्तर को बढ़ा दिया।
इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में 199 रन की पारी के साथ राहुल के शानदार फॉर्म की शुरुआत हुई। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज में राहुल ने छह अर्धशतकीय पारियां खेलकर शीर्षक्रम को बेजोड़ शुरुआत दिलाई।
2014 के अंत में डेब्यू करने वाले राहुल टीम इंडिया शीर्षक्रम के प्रमुख बल्लेबाज बने और उम्मीद है कि वह इस वर्ष अपने इस शानदार फॉर्म को जारी रख सके।
लोकेश राहुल
दाएं हाथ के ओपनर के सत्र की शुरुआत भले ही शानदार नहीं रही हो, क्योंकि वह न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में ज्यादा नहीं खेले जबकि इंग्लैंड के खिलाफ भी उनकी शुरुआत सही नहीं रही। मगर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया और अपने खेल के स्तर को बढ़ाया। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में 199 रन की बेहतरीन पारी खेली और फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 6 अर्धशतकीय पारियां खेली। राहुल ने शानदार पारियां खेलकर शीर्षक्रम को मजबूत शुरुआत दिलाई। 2014 के अंत में टेस्ट डेब्यू करने वाले राहुल फ़िलहाल भारतीय टीम के प्रमुख बल्लेबाजों की सूची में शुमार हैं और उम्मीद है कि वह अपना शानदार फॉर्म जारी रखेंगे। उमेश यादव
सत्र में भारतीय टीम के सबसे सफल तेज गेंदबाज बने। यादव ने सत्र में अपनी गति, अनुशासन और जज्बे से भारतीय टीम को अपार सफलता दिलाई। पूरे घरेलू सत्र में यादव ने 30 विकेट चटकाए और बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में उनका बोलबाला रहा। उमेश के एक स्पेल को शाकिब अल हसन ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी स्पेल करार दिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यादव ने बड़े विश्वास के साथ बल्लेबाजों को परेशान किया। उमेश ने अपनी गति और उछाल से अधिकांश लोगों को प्रभावित किया। उनका अगला लक्ष्य इसी फॉर्म को जारी रखने का होगा। रविंद्र जडेजा
बाएं हाथ के स्पिनर ने सत्र के अंतिम चरण में अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। जहां अश्विन ने शुरुआत में अपनी ख्याति बनाते हुए विरोधी टीम के बल्लेबाजों को परेशान किया। वहीं जडेजा ने सत्र के दूसरे हाफ में बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने चेन्नई टेस्ट की दूसरी पारी में शानदार प्रदर्शन करते हुए 7 विकेट लेकर भारत को अंतिम दिन जीत दिलाई। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में सौराष्ट्र के क्रिकेटर ने अपने करियर के शानदार प्रदर्शनों में से एक दिया। उन्होंने 127 रन बनाए और 25 विकेट चटकाए। वह सीरीज में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। जडेजा के प्रदर्शन से प्रभवित भारतीय फैंस ने तो उन्हें अश्विन से बेहतर स्पिनर करार दिया और बताया कि वह विदेशी पिचों के लिए नंबर-एक स्पिनर है। उम्मीद करते है किवह रंगीन पोशाक में भी शानदार प्रदर्शन करेंगे और उनके प्रदर्शन की मदद से भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी के अपने ख़िताब को बचाने में सक्षम हो।