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भारत के इस तेज़ गेंदबाज को टीम का स्टार गेंदबाज बनने में थोड़ा समय लगा। करियर के शुरुआत में ज़हीर ने सभी को अपनी पेस और स्विंग से प्रभावित किया। लेकिन साल 2005 में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। 2006 में ज़हीर ने इंग्लिश काउंटी टीम वोस्टरशायर के साथ करार किया और उस टूर्नामेंट में कमाल का प्रदर्शन किया। 16 मैचों में उन्होंने अपनी टीम के लिए 78 विकेट लिये। मुम्बई के इस गेंदबाज ने कई बार काउंटी क्रिकेट को अपनी सफलता का श्रेय दिया है। उनके अनुसार वहीँ से उन्होंने क्रिकेट को समझा। वहां से ज़हीर के करियर में बदलाव आया और वे आगे जाकर भारतीय टीम के मुख्य तेज़ गेंदबाज बने।
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