काउंटी क्रिकेट से कामयाब होने का अगर कोई सबसे अच्छा उदाहरण है, तो वो है राहुल द्रविड़ का। भारतीय टीम में 'द वॉल' के नाम से जाने जाने वाले द्रविड़ को 1999/00 के सीजन में टीम में अपनी जगह पक्की करने में दिक्कत हो रही थी। वे 14 परियों में एक भी अर्धशतक नहीं बना पाएं। अपने करियर को वापस पटरी पर लाने के लिए द्रविड़ ने 2000 में इंग्लिश काउंटी टीम केंट से जुड़ गए। 16 मैचों में उन्होंने अपनी टीम के लिए 1000 रन बनाए। जब उन्होंने वापसी की तब वे काफी बदल चुके थे। उसके बाद राहुल द्रविड़ भारतीय टीम की अहम कड़ी बन गए। उन्होंने नंबर 3 का स्थान अपने नाम किया और उसपर कामयाब रहे। 164 टेस्ट के बाद जब वे रिटायर हुए तब उनके नाम 13,000 से ज्यादा रन थे। लेखक: अभिनव मैस्सी, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी