पारस म्हाम्ब्रे इस समय भारतीय अंडर-19 टीम के गेंदबाजी कोच हैं। वो लंबे समय से अंडर-19 टीम की कोचिंग कर रहे हैं और अपने शानदार काम से उन्होंने अंडर-19 टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ से भी तारीफें बटोरी हैं। अंडर-19 टीम के युवा गेंदबाजों की स्किल को जिस तरह से पारस ने निखारा है, दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ उसकी तारीफ करते नहीं थकते। म्हाम्ब्रे इसके अलावा रणजी ट्राफी में विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन के मुख्य कोच भी हैं। मीडियम पेसर पारस गेंदबाजी के अलावा निचले क्रम में उपयोगी बल्लेबाजी भी कर लेते थे। मुंबई के इस खिलाड़ी ने मई 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था। इसके एक महीने बाद इंग्लैंड के खिलाफ ही उन्होंने अपना वनडे डेब्यू किया था। लेकिन दुर्भाग्यवश उनका करियर महज 1 टेस्ट और 2 वनडे मैच में सिमट कर रह गया। हालांकि घरेलू क्रिकेट में मुंबई के लिए पारस ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। मुंबई की 5 रणजी ट्रॉफी जीत में भी पारस का अहम योगदान रहा है। पारस ने 24.36 की औसत से 284 विकेट चटकाए। 2002-03 में पारस ने संन्यास ले लिया। उन्होंने नेशनल क्रिकेट एकेडमी से 'लेवल 3 कोचिंग' में डिप्लोमा किया। दो सीजन में महाराष्ट्र रणजी टीम की कोचिंग करने के बाद पारस म्हाम्ब्रे ने बंगाल की टीम की कोचिंग कमान संभाली और उस सीजन में बंगाल को रणजी के फाइनल तक पहुंचाया। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि पारस के पास कोचिंग का अपार अनुभव है, इसलिए वो नेशनल क्रिकेट टीम की कोचिंग के लिए बिल्कुल फिट बैठते हैं।