अजीत अगरकर उनके शिष्य हैं जिन्होंने महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, और विनोद कांबली जैसे दिग्गजों को कोचिंग दी है। जी हां वो रमाकांत आचरेकर के शिष्य हैं। अजीत अगरकर का वनडे डेब्यू उनके लिए ड्रीम डेब्यू रहा। अगरकर ने भारत की तरफ से वनडे मैचों में सबसे तेज 50 विकेट लेने का कारनामा किया। मात्र 23 वनडे मैचों में अगरकर ने 50विकेट लेकर नया कीर्तिमान बनाया। अगरकर ने 200 से ज्यादा मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। उनकी गेंदबाजी की सबसे खास बात ये थी कि नई गेंद से वो बेहतरीन स्विंग कराते थे और गेंद पुरानी होने पर रिवर्स स्विंग भी अच्छी करते थे। इसी वजह से वो भारत के मुख्य तेज गेंदबाजों में से एक थे। उनका सबसे बेहतरीन प्रदर्शन 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रहा। उस टेस्ट सीरीज में अगरकर ने कंगारू बल्लेबाजों को खूब परेशान किया और पूरी सीरीज में 16 विकेट चटकाए। टेस्ट मैचों से ज्यादा सफलता अगरकर को वनडे मैचों में मिली। एकदिवसीय मैचों में अगरकर ने अपने करियर में 288 विकेट चटकाए। वनडे मैचों में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की सूची में वो तीसरे नंबर पर हैं। इसके साथ ही वो भारत के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में भी शामिल हैं, जिन्होंने लार्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर शतक लगाया है। अगरकर के नाम वनडे मैचों में सबसे तेज अर्धशतक लगाने का भी रिकॉर्ड है।इससे पता चलता है कि अगरकर अच्छे तेज गेंदबाज होने के अलावा अच्छे बल्लेबाज भी थे। मुंबई में जन्मे अगरकर ने 20 साल की उम्र में मुंबई के लिए रणजी मैच खेलना शुरु किया। 16 सालों तक वो मुंबई की टीम से रणजी मैच खेलते रहे, 2013 में मुंबई के रणजी ट्राफी जीतने के बाद उन्होंने संन्यास ले लिया। इससे पता चलता है कि अगरकर के पास कितना अनुभव है। अगर उनको युवा भारतीय गेंदबाजों को सिखाने का मौका मिले तो भारतीय क्रिकेट को इससे काफी फायदा होगा।