मशहूर तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद अभी बीसीसीआई की जूनियर सिलेक्शन कमेटी में हैं। प्रसाद के पास गेंदबाजी और कोचिंग दोनों का अनुभव है। इसी वजह से भारतीय गेंदबाजी कोच की रेस में वो सबसे आगे हैं। 2007 से 2009 तक प्रसाद भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भी रह चुके हैं। 2007 में खेले गए पहले टी-20 वर्ल्ड कप में भारत की जीत में उनका अहम योगदान रहा। अपने जमाने में प्रसाद नई गेंद के साथ काफी अच्छी गेंदबाजी करते थे और उनके अंदर गेंद को दोनों तरफ से घुमाने की क्षमता थी। उनका सबसे बड़ा हथियार था उनका स्लोअर वन। जब वेंकटेश चतुराई से स्लोवर वन करते थे तो अच्छे से अच्छे बल्लेबाज भी उनके आगे घुटने टेक देते थे। बैंगलूरू के इस खिलाड़ी ने 1994 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया, पर उस मैच में उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला। लेकिन वेंकटेश प्रसाद का टेस्ट डेब्यू काफी शानदार रहा। इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच में प्रसाद ने 6 विकेट चटकाए। प्रसाद को सबसे ज्यादा 1996 वर्ल्ड कप में पाकिस्तानी बल्लेबाज आमिर सोहेल का स्टंप उखाड़ने के लिए जाना जाता है। जब आमिर सोहेल के स्लेजिंग के जवाब में अगली ही गेंद पर उन्होंने उनका ऑफ स्टंप उखाड़ दिया था। प्रसाद ने टेस्ट मैचों में 96 विकेट और वनडे मैचों में 196 विकेट चटकाए हैं। इसके अलावा कर्नाटक की तरफ से रणजी मैच खेलते हुए उन्होंने 361 विकेट लिए। 2005 में क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद 2007 में उन्होंने भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच का जिम्मा संभाला। इसके साथ ही आईपीएल में वो चेन्नई सुपर किंग्स के मेंटर भी रहे। चुंकि कुंबले अभी भारतीय टीम के मुख्य कोच हैं और वो भी कर्नाटक से हैं। ऐसे में वेंकटेश के गेंदबाजी कोच बनाने से उनमें आपसी तालमेल काफी अच्छा रहेगा।दोनों मिलकर भारतीय टीम को नई ऊंचाई तक ले जा सकते हैं।