इस फ़ेहरीस्त में पहले पायदान पर जो नाम है उसे पढ़कर आप हैरान हो जाएंगे, लेकिन उनकी क़ाबिलियत पर किसी भी क्रिकेट प्रेमी को शक़ नहीं होगा। हम बात कर रहे हैं अंडर-19 वर्ल्डकप में भारत को पहली बार चैंपियन बनाने वाले मोहम्मद कैफ़ की, श्रीलंका में हुए अंडर-19 वर्ल्डकप में कैफ़ ने अपनी फ़ील्डींग के साथ साथ जिस चीज़ से सभी को प्रभावित किया था वह थी उनकी लाजवाब कप्तानी। अंडर-19 में भारत को चैंपियन बनाने का इनाम कैफ़ को टीम इंडिया की जर्सी के तौर पर मिला, उन्होंने अंडर-19 के ही अपने साथी युवराज सिंह के साथ मिलकर लॉर्ड्स पर भारत को ऐतिहासिक नैटवेस्ट ट्रॉफ़ी जीत दिलाई थी। मोहम्मद कैफ़ ने उत्तर प्रदेश को भी अपनी कप्तानी में पहली बार रणजी ट्रॉफ़ी चैंपियन बनाया था। कैफ़ के बारे में कहा जाता है कि वह अजीबो ग़रीब फ़ील्ड पोजिशन से विपक्षी टीम के बल्लेबाज़ों को हैरान कर देते थे, हालांकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कैफ़ को कभी ये मौक़ा नहीं मिल पाया। जिस तरह क्रिकेट पंडितों की नज़र में धोनी के बाद गंभीर कप्तानी के सबसे बड़े दावेदार थे, ठीक वैसे ही दादा का उत्तराधिकारी कैफ़ को कहा जाने लगा था। लेकिन कैफ़ के साथ भी वही हुआ जो गंभीर के साथ हुआ था, दोनों ही न सिर्फ़ कप्तानी की रेस से बाहर हुए बल्कि टीम से भी जगह खो बैठे। हालांकि इसके लिए कैफ़ का ख़राब फ़ॉर्म और मिले मौक़ों को पूरी तरह से नहीं भुना पाना भी एक बड़ी वजह है।