भारत में क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं उससे भी कही बढ़कर है। यही वजह है कि भारत में ज्यादातर बच्चे क्रिकेटर बनने का सपना देखते हैं। इनमें से कुछ का सपना बड़े होकर पूरा भी हो जाता है और उन्हें भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलता है। हालांकि, कई बार खिलाड़ी बड़े मंच तक पहुँच तो जाता है, लेकिन प्लेइंग XI में उसके लिए जगह बना पाना थोड़ा मुश्किल होता है। यह काम और मुश्किल तब हो जाता है, जब टीम में कई बड़े नाम मौजूद हों, जिनका प्रदर्शन लगातार अच्छा रहा हो।
कुछ ऐसी ही कहानी हमें भारतीय टीम में भी देखने को मिली है। एक समय था जब भारतीय बल्लेबाजी ऑर्डर में वीरेंदर सहवाग, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्षमण जैसे दिग्गज मौजूद थे। इन सभी के दौर में कई ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी रहे, जिन्हें वह पहचान या कामयाबी नहीं मिल पाई जिसके वह हकदार थे। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही 5 भारतीय खिलाड़ियों का जिक्र करने जा रहे हैं।
इन 5 खिलाड़ियों को भारतीय दिग्गजों की मौजूदगी में ज्यादा मौके नहीं मिले
#5 वसीम जाफ़र
![टेस्ट मैच में शतक मारने के बाद दर्शकों का अभिवादन करते बल्लेबाज वसीम जाफ़र](https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/cfc18-16589373995266-1920.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/cfc18-16589373995266-1920.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/cfc18-16589373995266-1920.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/cfc18-16589373995266-1920.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/cfc18-16589373995266-1920.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/cfc18-16589373995266-1920.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/cfc18-16589373995266-1920.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/cfc18-16589373995266-1920.jpg 1920w)
पूर्व भारतीय ओपनर वसीम जाफ़र फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। जाफ़र के आंकड़ों को देखते हुए उन्हें घरेलू क्रिकेट का दिग्गज कहना गलत नहीं होगा। साल 2000 में भारत के लिए डेब्यू करने वाले जाफ़र ने अपने करियर में 31 टेस्ट खेले, जिनमें 34.10 की औसत और 5 शतकीय पारियों की बदौलत 1944 रन बनाये। इस दौरान दो दोहरे शतक भी उन्होंने जड़े। जाफर ने 2008 में अपना आखिरी टेस्ट खेला। उसके बाद वह कभी टीम में वापसी नहीं कर पाए। उन्हें एकदिवसीय फॉर्मेट केवल दो मैच ही खेलने का मौका मिला।
वसीम जाफर के पास प्रतिभा थी और उन्होंने टीम से बाहर किये जाने के बाद घरेलू क्रिकेट में ढेर सारे रन बनाये लेकिन दिग्गजों की मौजूदगी के कारण उन्हें मौके नहीं मिले।
#4 अमोल मजूमदार
![अमोल मजूमदार](https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/5ac75-16589375056652-1920.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/5ac75-16589375056652-1920.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/5ac75-16589375056652-1920.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/5ac75-16589375056652-1920.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/5ac75-16589375056652-1920.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/5ac75-16589375056652-1920.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/5ac75-16589375056652-1920.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/5ac75-16589375056652-1920.jpg 1920w)
वसीम जाफर के बाद रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक रन बनाने वाले अमोल मजूमदार का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। इस खिलाड़ी की किस्मत इतनी खराब रही कि इन्हें अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए एक भी मैच में मौका नहीं मिला। 171 फर्स्ट क्लास मैच खेलने वाले वाले अमोल के नाम 48.13 की औसत से 11167 रन दर्ज हैं, जिसमें 30 शतक और 60 अर्धशतक शामिल हैं। बदकिस्मती से अमोल ने उस समय में अपनी प्रतिभा दिखाई जब भारत के 4 दिग्गज सचिन, द्रविड़, गांगुली, और लक्ष्मण अपने खेल के शिखर पर थे।
#3 मोहम्मद कैफ
![फील्डिंग के दौरान कैच पकड़कर खुश होते मोहम्मद कैफ](https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/08410-16589376221591-1920.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/08410-16589376221591-1920.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/08410-16589376221591-1920.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/08410-16589376221591-1920.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/08410-16589376221591-1920.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/08410-16589376221591-1920.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/08410-16589376221591-1920.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/08410-16589376221591-1920.jpg 1920w)
पूर्व भारतीय बल्लेबाज मोहम्मद कैफ की पहचान एक अच्छे फील्डर तक ही सीमित रह गई, जो उनकी प्रतिभा को देखते हुए सही नहीं। कैफ में निचले क्रम में बल्लेबाजी करने की शानदार काबिलियत थी। नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में उनकी जबरदस्त मैच जिताऊ पारी को आज भी याद किया जाता है। हालाँकि यह खिलाड़ी हमेशा बड़े नामों के बीच प्लेइंग XI में जगह बनाने के लिए संघर्ष करता रहा। कैफ ने टेस्ट में महज 13 मुकाबले खेले लेकिन वनडे में उनके नाम 125 मैच दर्ज हैं । इन वनडे मुकाबलों की 1110 पारियों में दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 32.01 की औसत से 2753 रन बनाये।
2006 में कैफ ने टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन बड़े नामों की वापसी के बाद इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। यह साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी उनके लिए आखिरी साबित हुआ और दोबारा उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला।
#2 सुब्रमण्यम बद्रीनाथ
![मैच के दौरान तेज गेंद से बचते एस बद्रीनाथ](https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/79885-16589376924130-1920.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/79885-16589376924130-1920.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/79885-16589376924130-1920.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/79885-16589376924130-1920.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/79885-16589376924130-1920.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/79885-16589376924130-1920.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/79885-16589376924130-1920.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/79885-16589376924130-1920.jpg 1920w)
सुब्रमण्यम बद्रीनाथ उन खिलाड़ियों में से हैं जिन्हे अपने करियर के दौरान एक बैकअप ऑप्शन के तौर पर इस्तेमाल किया गया। जब टीम के प्रमुख खिलाड़ी चोटिल होते थे तब बद्रीनाथ को उनके बैकअप के तौर पर शामिल किया जाता था। घरेलू क्रिकेट में सोलह हजार से भी अधिक रन बनाने के बावजूद बद्रीनाथ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महज 10 मुकाबले ही खेलने को मिले। बद्रीनाथ ने अपने डेब्यू टेस्ट में डेल स्टेन की अगुवाई वाले पेस अटैक के सामने 56 रनों की शानदार पारी खेली थी।
दाएं हाथ के खिलाड़ी ने 2011 के वेस्टइंडीज दौरे में अपना आखिरी एकदिवसीय और एक मात्र टी20 मैच खेला था। उसके बाद वह कभी भारतीय टीम में वापसी नहीं कर पाए।
#1 ऋषिकेश कानिटकर
![ऋषिकेश कानिटकर](https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/73ab5-16590700611934-1920.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/73ab5-16590700611934-1920.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/73ab5-16590700611934-1920.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/73ab5-16590700611934-1920.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/73ab5-16590700611934-1920.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/73ab5-16590700611934-1920.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/73ab5-16590700611934-1920.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/07/73ab5-16590700611934-1920.jpg 1920w)
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में दस हजार से अधिक रन बनाने वाले कानिटकर ने भारत के लिए 36 मुकाबले खेले। इनमें से उन्होंने महज दो मुकाबले ही टेस्ट फॉर्मेट में खेले। 1999/2000 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले बल्लेबाज को इसी सीरीज में लाल गेंद के मुकाबले खेलने को मिले थे और इसके बाद उन्हें दोबारा टेस्ट टीम में कभी नहीं खिलाया गया।
बाद में उन्होंने घरेलू क्रिकेट में रन बनाये लेकिन उस समय वीवीएस लक्षमण जैसे बल्लेबाज ने अपनी चमक बिखेरनी शुरू कर दी थी और कानिटकर के लिए वापसी मुश्किल बना दी।