IPL: 5 भारतीय क्रिकेटर जिन्होंने सिर्फ एक ही सीज़न में अच्छा प्रदर्शन किया

इंडियन प्रीमियर लीग एक घरेलू टी -20 प्रतियोगिता से कहीं अधिक है जो ना सिर्फ युवा खिलाड़ियों के को पैसे कमाने का मौका देता बल्कि इसके साथ साथ उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का भी मौका देता है। यह युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने और राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए एक मंच उपलब्ध करवाता है। आईपीएल के वर्तमान सीज़न में कई खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। ईशान किशन, ऋषभ पंत और क्रुणाल पांड्या जैसे खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया है और निश्चित रूप से भारतीय चयनकर्ताओं से भी उनका यह प्रदर्शन छुपा नहीं है। आईपीएल के हर सीज़न में कई युवा खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हैं, उनमें से कुछ भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब हो जाते और कुछ धीरे धीरे स्मृति से दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं पांच क्रिकेटरों के बारे में जिन्होंने एक आईपीएल में बहुत शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन अगले सत्रों में वह इस प्रदर्शन को दोहराने में असफल रहे।

सौरभ तिवारी

अगर आप मुंबई इंडियंस के प्रशंसक नहीं है तो सौरभ तिवारी का नाम शायद आपको याद ना हो। आईपीएल सीज़न 2010 में तिवारी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 16 मैचों में 135 की स्ट्राइक रेट से 419 रन बनाए थे। अपने लंबे बाल, हेलीकॉप्टर शॉट और फिनिशर के रूप में उनकी मजबूत क्षमता को देखते हुए उनकी तुलना अक्सर एमएस धोनी से की जाती थी। उनकी आक्रामक शैली ने उन्हें उस सत्र के दौरान मुंबई इंडियंस टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया और उनकी बल्लेबाज़ी क्षमता को देखते हुए उनके भारतीय टीम में चयन के कयास लगाए जाने लगे थे। लेकिन अफसोस की बात है कि आईपीएल सीज़न 2010 के बाद तिवारी के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आती चली गई। हालाँकि उनकी बल्लेबाज़ी क्षमता से सभी टीम फ्रैंचाइजी और दर्शक भली-भांति परिचित है लेकिन 2010 के बाद से तिवारी खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं।

मनप्रीत गोनी

आईपीएल के पहले सीज़न में मनप्रीत गोनी ने बेहतरीन गेंदबाज़ी की थी। उस समय, ऐसा लगता था कि चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलने वाले यह तेज़ गेंदबाज़ जल्द ही भारतीय टीम में जगह बनाएंगे। गोनी ने पहले आईपीएल सीज़न में 16 मैचों में 26.05 की औसत से 17 विकेट लिए थे। अपनी विविधापूर्ण और सटीक गेंदबाजी से वह उस सीज़न के सर्वश्रेष्ट गेंदबाज़ों में से एक थे। लेकिन अगले वर्ष से उनकी गेंदबाज़ी में लगातार गिरावट आती गई। अपने पहले आईपीएल सीज़न के दौरान उन्होंने जिस नियंत्रण के साथ गेंदबाजी की थी, वह गायब हो गया और उन्होंने नियमित आधार पर रनों को लीक करना शुरू कर दिया। तब से गोनी अपने पहले आईपीएल सीज़न में किये गए प्रदर्शन दोहराने में नाकाम रहे।

पॉल वेल्थैटी

पॉल वेल्थैटी ने आईपीएल सीज़न 2011 में किंग्स-XI पंजाब की तरफ से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया था और पंजाब के शीर्ष क्रम के विस्फोटक बल्लेबाज़ बन गए थे। उन्होंने अपनी आक्रमक बल्लेबाजी से सब को प्रभावित किया था। उस सीज़न में वेल्थैटी ने 35.61 की औसत और 136.98 की स्ट्राइक रेट के साथ 463 रन बनाए थे। लेकिन अगले सीजन में वह अपना प्रदर्शन दोहरा नहीं पाए। पॉल वेल्थैटी ने आईपीएल सीज़न 2012 में खेले गए 6 मैचों में केवल 30 रन बनाए थे और तब से वह अपने प्रदर्शन में निरंतरता लाने में नाकाम रहे।

स्वप्निल असनोदकर

स्वप्निल असनोदकर एक और ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया था लेकिन वह अपने प्रदर्शन में निरंतरता लाने में नाकाम रहे । उन्होंने आईपीएल सीज़न में 9 मैचों में 311 रन बनाए थे लेकिन लीग के पहले सीजन में जो सफलता उन्होंने देखी थी, वह भविष्य में उसे दोहराया नहीं पाए। बल्ले के साथ उनकी हमलावर क्षमता निरंतर कम होती गई। असनोदकर ने आईपीएल के अगले तीन सत्रों में केवल 11 मैच खेले लेकिन कभी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके।

राहुल शर्मा

आईपीएल सीज़न 2011 के दौरान राहुल शर्मा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। यह लेग स्पिनर पुणे वॉरियर्स के लिए एक मूल्यवान खिलाड़ी सदस्य साबित हुए। लंबे कद के इस गेंदबाज़ ने जिस तरह का प्रदर्शन किया था, उनकी तुलना अनिल कुंबले से की जाने लगी थी। उन्होंने मैच के नाजुक पलों में विकेट निकाले और अपनी गेंदबाज़ी में विविधता लाकर अपनी क्षमता का परिचय दिया। यह सीज़न उनके करियर के लिए भी अच्छा साबित हुआ और कुछ समय के बाद उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया लेकिन यहां से उनके प्रदर्शन में निरंतर गिरावट आती चली गई, परिणामस्वरूप उन्हें टीम से हटा दिया गया। लेखक: मासूम अली अनुवादक: आशीष कुमार

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