वर्ष 2015 में, जब से विराट कोहली ने टीम की कमान संभाली है, भारतीय टीम का ग्राफ ऊपर की दिशा में ही बढ़ा है। इस शानदार बल्लेबाज़ ने अब तक 17 टेस्ट में भारत की कप्तानी की है जिसमें से 10 मैच में भारत ने जीत दर्ज की है तो वहीं 2 मैचों में ही टीम इंडिया की हार हुई है, जबकि 5 मुकाबलों का कोई नतीजा नहीं निकला।
कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम के इतने सफल होने की खासबात ये है कि टीम के कई अनुभवी खिलाड़ियों ने अपना खेल का स्तर काफी ऊपर उठाया है और उनमें निरंतरता झलक रही है। जिससे हर किसी के व्यक्तिगत आंकड़ों में बाकी कप्तानों के अंडर खेलने की तुलना में काफी सुधार आया है।
चलिए उन 5 खिलाड़ियों पर नजर डालते हैं जिन्होंने विराट की कप्तानी में उन्नती की है:
#5 अमित मिश्रा
हरियाणा के लेग स्पिनर, अमित मिश्रा ने साल 2015 में 4 साल के लंबे वक्त के बाद टेस्ट टीम में वापसी की। मिश्रा के टेस्ट टीम में वापसी के बाद से अब तक, टीम में कप्तान से लेकर काफी बदलाव हुए हैं ।
हालांकि, मिश्रा के लिए टीम में नए कप्तान का आना बेहद अच्छा साबित हुआ है, विराट कोहली ने धोनी और अन्य कप्तानों की तुलना में मिश्रा पर काफी भरोसा जताया है।
अमित मिश्रा महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 11 टेस्ट खेले और इस दौरान उन्होंने सिर्फ 34 विकेट ही लिए वो भी 45.82 की खराब औसत से।
लेकिन कोहली की कप्तानी में अमित मिश्रा के लिए राहें सुखद रही हैं और 33 साल के मिश्रा ने कोहली की कप्तानी में अपनी गेंदबाजी का जौहर दिखाते हुए सिर्फ 7 मैचों में 28 विकेट झटके हैं वो भी 20.64 की शानदार औसत से।
हालांकि वापसी के बाद भी मिश्रा को अंतिम 11 में खेलने के कम ही मौके मिले हैं, लेकिन कोहली का उनको बतौर एक आक्रामक गेंदबाज़ के तौर पर इस्तेमाल करना मिश्रा के लिए काफी भी उनकी सफलता की चाबी की तरह ही रहा है।
#4 चेतेश्वर पुजारा
पुजारा निसंदेह ही मौजूदा भारतीय टीम के बेस्ट बल्लेबाज़ों में एक हैं और जिस तरह से वो आगे बढ़ रहे है जल्द ही उनकी गिनती विश्व के शानदार बल्लेबाज़ों में भी होगी। पुजारा कोहली की कप्तानी में उभरने वाले एक और बल्लेबाज़ों हैं।
धोनी की कप्तानी में खेले 26 मैचों में सौराष्ट के इस बल्लेबाज़ ने 47.11 की औसत से 2000 के करीब रन बनाए जिसमें 6 शतक शामिल हैं। दूसरी ओर कोहली की कप्तानी में खेले 12 मुकबालों में पुजारा ने 54.75 की लाजवाब औसत से रन बनाए हैं जिसमें 2 शतक और 5 अर्धशतक शामिल हैं।
कोहली की कप्तानी में पुजारा का बेस्ट प्रदर्शन हालही में खत्म हुई न्यूज़ीलैंड सीरीज़ में देखने को मिला और पुजारा ने 6 पारियों में 70 से ज्यादा की औसत से 373 रन बनाए जिसने उनका टॉप स्कोर 101 नाबाद रहा।
कोहली ने जब से टेस्ट टीम की कमान संभाली है तब से न सिर्फ पुजारा के करियर बल्कि टीम के लिए भी बेहतर परिणाम आएं हैं।
#3 रविन्द्र जडेजा
रविन्द्र जडेजा का भारत की ओर से मेन स्ट्राइक बॉलर बनना और उनके करियर का पूरी तरह कायापलट होना बिलकुल अविश्वसनीय है।
वैसे ज्यादातर ऑलराउंडर खिलाड़ियों का बेस्ट प्रदर्शन कोहली की आक्रामक कप्तानी के तले ही देखने को मिला है।
वो बात अलग है कि जडेजा वनडे और टी20 के हमेशा से ही उपयोगी गेंदबाज़ रहे थे, लेकिन उनकी टेस्ट गेंदबाज़ी की क्षमता की खोज पूर्व कप्तान एम एस धोनी ने की और साल 2013 में ऑस्ट्रेलिया का वाइटवॉश करने में जडेजा का गज़ब का इस्तेमाल किया गया।
बायें हाथ के इस स्पिनर ने धोनी की कप्तानी में 12 टेस्ट में37 की औसत से 45 विकेट लिए। हालांकि कोहली के कप्तान बनने के बाद जडेजा ने आंकड़े गजब के हैं और उन्होंने सिर्फ 8 मुकाबलों में 15.82 की हैरान कर देने वाली औसत से 40 विकेट झटके हैं।
कोहली ने जडेजा का इस्तेमाल हालात के अनुसार बेहद चालाकी के किया है जिसने सौराष्ट्र के इस ऑलरांउडर को टेस्ट क्रिकेट में नई उड़ान मिली है।
#2 अजिंक्य रहाणे
ये कहना गलत नहीं होगा की टेस्ट मैचों में पिछले काफी समय से अजिंक्य रहाणे भारत के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज़ के रुप में सामने आए हैं। न सिर्फ वो प्रदर्शन के मामले में सबसे निरंतर हैं बल्कि वो विश्व के हर देश की कंडीशंस में भी सबसे सफल बल्लेबाज़ रहें हैं चाहे बात ऑस्ट्रेलिया की हो या साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड और या फिर न्यूज़ीलैंड की। रहाणे धोनी की कप्तानी में भी शानदार बल्लेबाज़ी कर रहे थे और उन्होंने माही की कप्तानी में 23 पारियों में 45.90 की प्रभावशाली औसत से लगभग 1000 रन बनाए थे जिसमें 3 शानदार शतक शामिल हैं। लेकिन कोहली के कप्तानी संभाने के बाद, मुंबई के इस बल्लेबाज़ ने अपने पुराने आंकड़ों में जबरदस्त सुधार करते हुए 27 पारियों में 57 की औसत से 1245 रन का इज़ाफा किया है।
हाल में खत्म हुई टेस्ट सीरीज़ में रहाणे ने अपने करियर का बेस्ट स्कोर बनाया , रहाणे ने 188 रन की पारी खेलते हुए कप्तान कोहली के साथ 365 रन जोड़े, कोहली ने उस मैच में 211 रन बनाए थे।
वैसे तो रहाणे को खुद की क्षमता पर शुरु से ही विश्वास था लेकिन ऐसा लगता है कि कोहली की कप्तानी में वो और ज्यादा खुलकर सामने आए हैं। जिस तरह से वो क्रीज पर शांत खड़े होकर अपने बल्ले से विरोधी टीम के गेंदबाजों की क्लास लगाते है वो एक शानदार बल्लेबाज की निशानी है।
और जिस तरह से रहाणे दिनों दिन निखरते जा रहे हैं और अगर यही सिलसिला जारी रहा तो आने वाले दिनों में 28 वर्षीय इस बल्लेबाज़ की गिनती भारत के दिग्गज बल्लेबाज़ों में होने लगे तो कोई अतिश्योक्ती नहीं होगी।
#1 रविचंद्रन अश्विन
साल 2011 में डेब्यू करने वाले रविचंद्रन अश्विन को खुद को मौजूदा वक्त में विश्व के बेस्ट स्पिनर के तौर पर स्थापित करने में सिर्फ 39 टेस्ट का समय लगा।
तमिलनाडु के इस बेहतरीन खिलाड़ी ने अपने अविश्वसनीय प्रदर्शन से क्रिकेट के दिग्गजों की भी बोलती बंद कर दी है।
हालांकि, अश्विन को वर्ल्ड क्लास स्पिनर का दर्जा दिलाने का श्रेय पूर्व भारतीय टेस्ट कप्तान धोनी को जाता है जिन्होंने अश्विन की काबिलियत पर भरोसा जताया। लेकिन सच्चाई यही है कि कोहली की कप्तानी में अश्विन पहले से भी बड़े मैच विनर के तौर पर उभरे हैं।
2011 से लेकर 2014 तक इस ऑफ स्पिनर ने धोनी की कप्तानी में 22 टेस्ट खेले और 28.77 की काबिलेतारीफ औसत से 109 विकेट झटके जिसमें 9बार 5 विकेट झटके। लेकिन कोहली की कप्तानी में अश्विन ने अभी तक सिर्फ 16 टेस्ट खेले हैं और 18.31 की लाजवाब औसत से 106 विकेट हासिल कर लिए हैं जिसमें 12 बार एक पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा किया है।
इसके अलावा अश्विन अभी तक विराट की कप्तानी में खेली चारों सीरीज़ में मैन ऑफ द सीरीज़ का खिताब हासिल करने वाले खिलाड़ी बने हैं। अगर अश्विन आने वाले वर्षों में भी ऐसे ही गेंदबाज़ी करते रहे तो काफी रिकॉर्ड खतरे में पड़ सकते हैं। अश्विन जिस तरह की शानदार फॉर्म में चल रहे हैं उसे देखते हुए लगता है कि वो आने वाले समय में कई ऐसे रिकॉर्ड्स बना डालेंगे जिन्हें तोड़ना किसी भी गेंदबाज के लिए कड़ी चुनौती साबित होगा।