हर इंसान की जिंदगी में उतार-चढ़ाव लगे रहते हैं। लेकिन कभी-कभी हमारे जीवन में कई ऐसे मौड़ आते हैं जिनके बारे में हमें समझ नहीं आता कि क्या करना सही होगा। बिल्कुल उसी तरह खिलाड़ियों की भी अपनी निजी जिन्दगी होती है और उनपर भी बहुत सारी चीजें निर्भर करती हैं। खिलाड़ी भी आखिरकार इंसान ही होते हैं। जैसे कि आम इंसान, वो भी ऐसी स्थिति का सामना करते हैं जहां उनके परिवार को उनकी जरुरत होती है और उनकी टीम को भी। लेकिन ऐसे भी कुछ खिलाड़ी हैं जो इस मुश्किल स्थिति में भी परिवार से पहले अपनी नेशनल ड्यूटी को समझते हुए भारत के लिए खेलना पसंद करते हैं। एक नजर उन खिलाड़ियों पर जिन्होंने फैमिली इमरजेंसी के वक्त भी अपने खेल को महत्व दी: #1 सचिन तेंदुलकर घड़ी का कांटा पीछे लेकर जाते हैं, तो हमें 1999 वर्ल्ड कप का वो मैच याद आता है। जब केन्या के खिलाफ ब्रिस्टल के काउंटी ग्राउंड पर सचिन ने 140 रन की नाबाद पारी खेली थी। इस मैच से कुछ दिन पहले ही, मास्टर ब्लास्टर के पिता की मृत्यु हुई थी, और इस बड़े सदमे में डूबने के बावजूद सचिन ने भारतीय टीम को वर्ल्ड कप में बने रहने के लिए शानदार बल्लेबाजी कर शतक जमाया। भारत ने ये मैच 94 रन से जीता और सचिन को मैन ऑफ द मैच के खिताब से सम्मानित किया गया। सचिन ने अपनी आत्मकथा में लिखा है, “चार दिन भारत में बिताने के बाद, मैं वापस इंग्लैंड गया और केन्या के खिलाफ होने वाले मैच के लिए टीम में दोबारा शामिल हुआ। मुझे लगा कि मेरे पिता भी मुझसे यही चाहते थे, इसलिए मैं वर्ल्ड कप के बाकि मैच खेलने के लिए लंदन पहुंचा।”