5 भारतीय क्रिकेटर जिन्होंने सियासत के अखाड़े में भी आज़माया हाथ

Kirti Azad Claims SFIO Probe Recommended Prosecution Of Arun Jaitley Among Others At Press Conference In New Delhi

भारत में क्रिकेट को एक धर्म का दर्जा हासिल है, यही वजह है कि खिलाड़ियों का महत्व और उनके फ़ैंस की संख्या बहुत ज़्यादा है। क्रिकेट के मैदान पर जलवा बिखेरने वाले क्रिकेटरों ने सियासत की ओर भी रुख़ किया। क्रिकेट के मैदान पर अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीतने वाले कई खिलाड़ियों ने राजनीति के अखाड़े में भी हाथ आज़माए, जहां कईयों को सफलताएं मिली तो कई नाकाम भी रहे। भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन से लेकर मोहम्मद कैफ़ भी राजनेता बने, और अब प्रवीण कुमार ने भी समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। एक नज़र 5 ऐसे भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों पर डालते हैं जिन्होंने सियासत के अखाड़े में भी विपक्षियों को चुनौती दी: #1 कीर्ति आज़ाद भारत के लिए 7 टेस्ट और 25 वनडे मुक़ाबला खेलने वाले कीर्ति आज़ाद, 1983 विश्व विजेता टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं। 1983 वर्ल्डकप के सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ जीत दिलाने में कीर्ति आज़ाद का योगदान अहम रहा था। हालांकि कीर्ति आज़ाद क्रिकेट के मैदान में बहुत ज़्यादा क़ामयाबी हासिल नहीं कर पाए। कीर्ति आज़ाद का क्रिकेट करियर जल्द ही ख़त्म हो गया, लेकिन दाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने अपनी दूसरी पारी सियासत के मैदान में शुरू की। कीर्ति ने अपने पिता और बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके भगवत झा आज़ाद के नख़्शोक़दम पर चलते हुए राजनीति के सफऱ की शुरुआत की। अपने पिता की ही तरह कीर्ति आज़ाद इस क्षेत्र में तुंरत ही क़ामयाब भी हो गए। भारतीय जनता पार्टी की ओर से राजनीति की पारी शुरू करने वाले कीर्ति आज़ाद के लिए ये सफ़र शानदार रहा। दरभंगा से वह दो बार बीजेपी की टिकट पर सांसद रह चुके हैं, अभी भी वह सांसद हैं। ये कहना ग़लत नहीं होगा कि कीर्ति आज़ाद के लिए दूसरी पारी ज़्यादा बेहतर रही है। #2 मोहम्मद अज़हरउद्दीन kkk भारतीय क्रिकेट टीम के सफलतम कप्तानो में से एक मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने अपने करियर और नीजि ज़िंदगी में कई उतार चढ़ाव देखे हैं। 1984 से 2000 के बीच टीम इंडिया की जान कहे जाने वाले मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने भारत के लिए 99 टेस्ट और 334 वनडे मैच खेले। अज़हर का अपने शुरुआती तीन मैचो में लगातार तीन शतकीय पारी खेलने का बनाया गया वर्ल्ड रिकॉर्ड आज भी क़ायम है। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ कोलकाता में डेब्यू करने वाले अज़हर ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वनडे में अज़हर के नाम जहां 7 शतक और 58 शतकों के साथ 9378 रन हैं, तो टेस्ट में इस दिग्गज क्रिकेटर के नाम 21 अर्धशतक और 22 शतकों के साथ 6215 रन हैं। अज़हर को लोग उनके जादुई फ़्लिक शॉट के लिए आज भी याद करते हैं। दाएं हाथ के इस कलाई के जादुगर का करियर मैच फ़िक्सिंग में फंसने की वजह से 2000 में थम गया था। अज़हर इसी वजह से 100 टेस्ट का सपना भी पूरा कर पाने से चूक गए थे। हालांकि इन आरोपों से बाहर आते हुए अज़हर ने एक बार फिर वापसी की, लेकिन इस बार क्रिकेट के मैदान में नहीं बल्कि सियासत के अखाड़े में। 2009 में कांग्रेस की टिकट पर उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा और मोरादाबाद से जीत हासिल करते हुए सांसद चुने गए। लेकिन 2014 में उन्हें कांग्रेस ने राजस्थान के टोंक सवाइमाधो पुर से टिकट दिया, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। #3 नवजोत सिंह सिद्धू Navjot_Singh_Sidhu1 इस फ़ेहरिस्त में तीसरा नाम है एक और भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज़ नवजोत सिंह सिद्धू का। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पहली बार भारत के लिए 1983 में खेलने का मौक़ा मिला। सिद्धू ने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अहमदाबाद में डेब्यू किया था, भारत के लिए आगे जाकर सिद्धू ने 51 टेस्ट मैच खेले जिनमें 9 शतकों के साथ एक दोहरा शतक भी शामिल है। सिद्धू ने सीमित ओवर क्रिकेट मे ज़्यादा धमाल मचाया था। 136 वनडे में सिद्धू के नाम 4413 रन हैं, जिनमें 6 शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं। भारत के लिए वनडे क्रिकेट में 5 से ज़्यादा शतक लगाने वाले सिद्धू पहले बल्लेबाज़ थे। सिद्धू ने संन्यास लेने के बाद क्रिकेट कॉमेंट्री में अपनी दूसरी पारी खेली। कॉमेंट्री के दौरान भी सिद्धू के फ़ैंस की कमी नहीं थी बल्कि अपने शायराना अंदाज़ से उन्होंने यहां भी झंडा गाड़ दिया था। सिद्धू की इन शायरी को लोगों ने ‘सिधुइज़्म’ का नाम दिया था। क्रिकेट कॉमेंट्री में छाप छोड़ने के बाद इस दिग्गज खिलाड़ी ने अपनी तीसरी पारी 2004 में भारतीय जनता पार्टी के साथ शुरू की और अमृतसर से जीत हासिल करते हुए संसद का सफ़र भी तय किया। सिद्धू ने लगातार दो बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करते हुए अपनी एक अलग पहचान बना ली थी। हालांकि 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिससे सिद्धू नाराज़ भी चल रहे थे। सिद्धू को ख़ुश करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें राज्यसभा सांसद भी बनाया। लेकिन सिद्धू ने आख़िरकार पंजाब विधानसभा से पहले बीजेपी का साथ छोड़ते हुए एक अलग पार्टी बना ली। #4 मोहम्मद कैफ़ 2014_3$img22_mar_2014_pti3_22_2014_000073b भारतीय क्रिकेट टीम को नैटवेस्ट ट्रॉफ़ी में शानदार पारी खेलते हुए 300 से ज़्यादा रनों का पीछा करते हुए जीत दिलाने वाले इस बल्लेबाज़ को शायद ही कोई भारतीय क्रिकेट प्रेमी भूल सकता है। भारत के लिए 2000 में डेब्यू करने वाले मोहम्मद कैफ़ ने 13 टेस्ट और 125 वनडे में भारत का प्रतिनिधित्व किया। टेस्ट में कैफ़ को उतने मौक़े नहीं मिले जिसके वह हक़दार थे, 125 वनडे में इस दाएं हाथ के बल्लेबाज़ ने 2 शतक और 17 अर्धशतक के साथ 2753 रन बनाए। बल्लेबाज़ी के साथ साथ कैफ़ की ख़ासियत उनकी शानदार फ़ील्डिंग थी।

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कैफ़ को फ़ील्डिंग की बदौलत 2003 वर्ल्डकप में टीम इंडिया का फ़ील्डिंग कप्तान भी बनाया गया था। कैफ़ का करियर ज़्यादा लंबा नहीं चल पाया और 2006 में टीम से बाहर होने के बाद दोबारा वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पाए।

मोहम्मद कैफ़ ने अपनी दूसरी पारी 2014 लोकसभा चुनाव में शुरू की, जब उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर अपने ही घर इलाहाबाद से क़िस्मत आज़माई। हालांकि मोहम्मद कैफ़ के लिए सियासत का ये सफ़र बेहद कड़वा रहा, उन्हें इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। #5 प्रवीण कुमार praveen-kumar-joined-samajvadi-party इस फ़ेहरिस्त में अब ताज़ा नाम भारतीय क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ प्रवीण कुमार का जुड़ गया है। 29 वर्षीय इस तेज़ गेंदबाज़ ने भारत के लिए आख़िरी बार 2012 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला था। प्रवीण कुमार को इसके बाद चयनकर्ताओं ने फिर मौक़ा नहीं दिया, हालांकि दाएं हाथ के इस तेज़ गेंदबाज़ ने आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। प्रवीण कुमार आईपीएल में अब तक तीन टीमों के साथ रह चुके हैं, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, किंग्स-XI पंजाब और पिछले सीज़न में गुजरात लॉयंस के लिए खेलते नज़र आए थे जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। सियासत के इस अखाड़े में अब प्रवीण कुमार ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा है। मेरठ में जन्में इस भारतीय क्रिकेटर ने अब तक 6 टेस्ट मैचो में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, जबकि 68 वनडे भी खेल चुके हैं। आईपीएल के सीज़न-9 में इस गेंदबाज़ ने 16 मैचो में 9 विकेट हासिल की थी। उत्तर प्रदेश में 2017 में विधानसभा चुनाव होना है, अब देखना है कि अपनी गेंदो से बल्लेबाज़ों के होश उड़ाने वाले मेरठ का ये तेज़ गेंदबाज़ सियासत के अखाड़े में बोल्ड करता है या फिर बोल्ड होता है।

Edited by Staff Editor
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