एक समय था जब भारतीय टीम सिर्फ अपनी बल्लेबाजी के लिए जानी जाती थी। टीम के पास दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज थे जैसे सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़। टीम के पास हमेशा ऐसे तेज गेंदबाज की कमी रही है जो लगातार अच्छी गति से गेंदबाजी कर सके लेकिन अब समय बदलना शुरू हो गया है। अब टीम के पास ऐसे तेज गेंदबाज हैं जो दुनिया के किसी भी टीम की बराबरी कर सकते हैं। इशांत शर्मा, उमेश यादव, जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार जैसे गेंदबाज जहां अंतरराष्ट्रीय मैचों में अपना दमखम दिखा रहे हैं वहीं कई ऐसे भी गेंदबाज हैं जो अपनी बारी के इंतजार में खड़े हैं। पेसर अब किसी भी विपक्षी के खिलाफ किसी भी पिच पर विकेट निकालने लगे हैं और ऐसा लगातार होता रहा तो भारतीय टीम की तेज गेदबाजी भी दुनिया के लिए खौफ बन जाएगी। आज हम आपको ऐसे ही तेज गेंदबाजों के बारे में बताने जा रहे हैं जो भारतीय गेंदबाजी का भविष्य हैं:
#5 आवेश खान
आवेश खान 2016 अंडर-19 विश्वकप टीम का हिस्सा थे जहां खलील अहमद के साथ मिलकर नई गेंद से उन्होंने बल्लेबाजों को खासा परेशान किया था। अपनी गति और उछाल की वजह से वह बल्लेबाजों के लिए मुसीबत बन गए थे। आवेश ने मध्य प्रदेश के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू 18 साल की उम्र से पहले ही कर लिया था। वहीं आईपीएल में उन्होंने अपना पहला मैच रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए खेला था। आईपीएल 11 में उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स ने अपनी टीम में शामिल किया जहाँ उन्हें कई मैचों में खेलने का मौका मिला। दिल्ली भले ही आईपीएल में कुछ खास नहीं कर पाई लेकिन आवेश ने अपनी गति से सबको प्रभावित किया था।
#4 खलील अहमद
आवेश खान के साथ खलील अहमद भी 2016 अंडर-19 विश्वकप में भारतीय टीम का हिस्सा थे और घरेलू क्रिकेट में भी अपनी छाप छोड़ रहे हैं। आईपीएल 2016 और 2017 में वह दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम का हिस्सा थे जहां उन्हें खेलने का एक भी मौका नहीं मिला लेकिन नेट में गेंदबाजी करने से उनकी गेंदबाजी में काफी सुधार आया। आईपीएल 2018 में सनराईजर्स हैदराबाद की तरफ से उन्होंने कुछ मैच खेलने का मौका भी मिला। हाल ही में इंग्लैंड में हुए त्रिकोणीय सीरीज में इंडिया ए की तरफ से खेलने हुए उन्होंने 5 मैचों में 8 विकेट हासिल किये जिसमें फाइनल में उनका फिगर 3/48 था। घरेलू मैचों में वह राजस्थान की तरफ से खेलते हैं और अक्टूबर 2017 में जम्मू कश्मीर के खिलाफ अपना डेब्यू किया था। सेलेक्टोर्स को उनपर काफी भरोसा है और वह इसपर खड़े उतरने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
#3 प्रसिद्ध कृष्णा
आईपीएल में प्रसिद्ध कृष्णा को किस्मत से जगह मिली। केकेआर की खोज कहे जाने वाले इस गेंदबाज को केकेआर की टीम में अंडर-19 विश्वकप के हीरो रहे कमलेश नागरकोटी के चोटिल होने के बाद जगह मिली। कृष्णा ने आईपीएल में 9.28 की इकॉनोमी से रन दिए लेकिन 7 मैचों में 10 विकेट हासिल कर उन्होंने अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया। कप्तान दिनेश कार्तिक को इनपर काफी भरोसा था और इसी वजह से अंतिम ओवरों में इन्हें गेंदबाजी भी मिलती थी। कृष्णा अपनी गेंदबाजी में पूरी ताकत झोंकते हैं और उनकी सभी गेंद 140 किमी प्रति घंटे से ऊपर की ही होती है। घरेलू मैचों में वह कर्नाटक की तरफ से खेलते हैं और सितम्बर 2015 में डेब्यू भी कर चुके हैं।
#2 शिवम मावी
शिवम मावी, अंडर-19 का एक और सितारा जो इस साल कप उठाने में सफल रहा। यह गेंदबाज लगातार 140 से ऊपर की गति से गेंद फेंक सकता है। अंडर-19 विश्वकप में शानदार प्रदर्शन की बदौलत आईपीएल की नीलामी में कोलकाता नाईट राइडर्स ने उन्हें खरीदा, जहां 9 मैचों में उन्होंने 5 बल्लेबाजों का शिकार किया। मावी के लिए आईपीएल कुछ खास नहीं रहा लेकिन भविष्य में उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है। आईपीएल की नीलामी में उन्हें 3 करोड़ रूपये मिले थे और उन्होंने अभी तक अपनी घरेलू टीम उत्तर प्रदेश के लिए डेब्यू भी नहीं किया है। अपने राज्य की सीनियर टीम के लिए खेले बिना भी मावी ने केकेआर के कोचिंग स्टाफ को अपने खेल से काफी प्रभावित किया और यह उनका टैलेंट दिखाता है।
#1 कमलेश नागरकोटी
18 वर्षीय राजस्थान के इस इस खिलाड़ी ने अंडर-19 विश्वकप के समय तहलका मचा दिया था। भारतीय टीम पृथ्वी शॉ की कप्तानी में वह विश्वकप जीत भी गई थी और इस खिलाड़ी को भविष्य का सितारा माना गया था। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली अंडर-19 विश्वकप में नागरकोटी के खेल से काफी प्रभावित हुए थे और ट्विट भी किया था। वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज इयान बिशप भी इनके पेस और एक्शन से प्रभावित थे। नागरकोटी ने विश्वकप में टीम के तेज गेंदबाजी की अगुआई करते हुए 6 मैचों में 9 विकेट हासिल किए। आईपीएल की नीलामी में उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स ने 3.2 करोड़ में खरीदा था लेकिन चोट की वजह से वह पहले ही हफ्ते में आईपीएल से बाहर हो गए। अगर उनके करियर में सबकुछ ठीक चलता रहा तो नागरकोटी में यह क्षमता है कि वह भारतीय टीम के लिए खेल सकते हैं। वह उन गेंदबाजों में से हैं जो 150 की गति से गेंद फेंक सकते हैं, लेकिन उन्हें चोट से बचकर रहना पड़ेगा। लेखक- सौमिन परमार अनुवादक- ऋषिकेश सिंह