इंग्लैंड के महान क्रिकेटर एलिस्टेयर कुक को उनके आखिरी टेस्ट में भव्य विदाई दी गई। आखिरकार वह इंग्लैंड के बेहतरीन सलामी बल्लेबाज थे जिन्होंने इंग्लैंड को दुनिया की शीर्ष टीमों में लाने में अहम भूमिका निभाई थी। सचिन तेंदुलकर एक और ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने घरेलू मैदान पर टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा और उन्हें हज़ारों प्रशंसकों के सामने भव्य विदाई दी गई। हालाँकि सभी महान खिलाड़ी इतने भाग्यशाली नहीं रहे। भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में कुछ ऐसे महान खिलाड़ी रहे जिनको अपने प्रशंसकों के सामने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का मौका नहीं मिला। आइये जानते हैं 5 ऐसे महान खिलाड़ियों के बारे में:
राहुल द्रविड़
सर्वकालिक महान बल्लेबाज़ों में से एक राहुल द्रविड़ का टेस्ट रिकॉर्ड असाधारण रहा है। द्रविड़ ने जनवरी 2012 में एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेला और मार्च 2012 में उन्होंने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। ऑस्ट्रेलियाई दौरे के बाद मौजूदा भारतीय अंडर-19 टीम के कोच ने सोचा कि यह क्रिकेट को अलविदा कहने और युवाओं को अवसर देने का सही समय होगा। हालाँकि उन्हें इतने शानदार करियर के बावजूद हज़ारों क्रिकेट प्रशंसकों के सामने विदाई नहीं मिली जिसके वह हकदार थे।
वीवीएस लक्ष्मण
भारतीय टीम के कलात्मक बल्लेबाज़ वीवीएस लक्ष्मण ने भारत के लिए कई मैच जिताऊ पारियाँ खेली हैं। उन्होंने कई बार पुछल्ले बल्लेबाज़ों के साथ मिलकर टीम को संकट से उबारा है। लक्ष्मण की प्रतिभा इस तरह की थी कि उनके संन्यास के कई सालों बाद भी भारतीय टीम नंबर 6 पर उनका उपयुक्त विकल्प खोजने के लिए संघर्ष कर रही है। लक्ष्मण ने अपना आखिरी टेस्ट जनवरी 2012 में एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। इसके कुछ महीनों बाद उन्होंने अपने संन्यास की घोषणा कर दी। राहुल द्रविड़ की तरह उन्हें भी कभी विदाई मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
वीरेंदर सहवाग
सहवाग ने अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में दुनियाभर के गेंदबाजों की धुनाई की है। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 82 की अविश्वसनीय स्ट्राइक रेट पर कुल 8586 टेस्ट रन बनाए। दिल्ली के विस्फोटक बल्लेबाज ने अपने धमाकेदार शतकों से भारत को कई मैच जिताये और विपक्षी टीम के गेंदबाज़ी आक्रमण को तहस-नहस किया है। सहवाग ने मार्च 2013 में हैदराबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना अंतिम टेस्ट खेला था और उन्होंने 20 अक्टूबर 2015 को अपने जन्मदिन पर क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की।
ज़हीर खान
भारत के सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज़ों में से एक ज़हीर खान कुछ साल पहले भारत के गेंदबाज़ी आक्रमण की मुख्य धुरी थे। उन्होंने अपने यॉर्कर्स और इनस्विंग से विरोधी बल्लेबाज़ों को खूब परेशान किया है। ज़हीर ने अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में दुनिया के महानतम बल्लेबाज़ों को अपनी स्विंग के जाल में फँसा कर उनके विकेट लिए हैं। ज़हीर ने वेलिंगटन में फरवरी 2014 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना अंतिम टेस्ट खेला था और 15 अक्टूबर 2015 को उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की।
मोहम्मद अज़हरुद्दीन
भारत के बेहतरीन कलात्मक बल्लेबाज़ और पूर्व कप्तान अज़हरुद्दीन अपने समय के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में से एक थे। मैच फिक्सिंग आरोप के कारण उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया, जिससे उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का अचानक अंत हो गया। उन्होंने भारत के लिए कुल 99 टेस्ट खेले हैं। अज़हरुद्दीन ने मार्च 2000 में बेंगलुरू में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना अंतिम टेस्ट खेला था। लेखक: सचिन अरोड़ा अनुवादक: आशीष कुमार