क्रिकेट के इतिहास में, बड़ी संख्या में खिलाड़ियों ने अपने जन्म स्थान या मूल स्थान के विपरीत विभिन्न राष्ट्रीय टीमों का प्रतिनिधित्व किया है। इसके अलावा, कुछ खिलाड़ियों ने दो अलग-अलग अंतर्राष्ट्रीय टीमों से भी भाग लिया है।
विशेष रूप से, इंग्लैंड ने बड़ी संख्या में विभिन्न मूल के खिलाड़ियों को अपनी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान किया है। यहां तक कि वर्तमान इंग्लैंड के सीमित ओवरों के कप्तान, इयोन मॉर्गन, आयरलैंड की टीम से खेल चुके हैं । वास्तव में, उन्होंने इंग्लैंड के लिए खेलने से पहले आयरलैंड क्रिकेट टीम की सेवा की।
अब हम बात करते हैं उन 5 खिलाड़ियों कि जो भारतीय मूल से सम्बंध रखते हैं और दूसरे देशों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं:
# 5 अंशुमन रथ ( हांगकांग )
अंशुमन रथ का घर मूल रूप से भारत के सत्यानगर, ओडिशा में स्थित है। वह एक ओडिया परिवार से संबंधित है। 1990 के दशक के अंत में, उनके पिता व्यवसाय के लिए भारत छोड़कर हांगकांग में बस गए। अंशुमान का जन्म वर्ष 1997 में हांगकांग में ही हुआ था।
बायें हाथ के बल्लेबाज अंशुमन ने हांगकांग के लिए 8 नवंबर 2014 को ऑस्ट्रेलिया में पापुआ न्यू गिनी के खिलाफ अपना एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण किया। वह बायें हाथ के सलामी बल्लेबाज हैं और टीम के मुख्य विकेटकीपर भी हैं।
अंशुमन की कप्तानी में पिछले साल एशिया कप में, हांगकांग ने उम्दा प्रदर्शन किया था। एशिया कप में भारत के खिलाफ अंशुमन रथ और निजाकत खान ने पहले विकेट के लिए 174 रनों की साझेदारी कर टीम इंडिया को संकट में डाल दिया था। अनुभव की कमी के चलते उनका मध्यक्रम लड़खड़ा गया । वे अंततः 26 रनों से हार गए और एशिया कप से बाहर हो गए।
भारतीय मूल के इस खिलाड़ी ने हांगकांग के लिए सिर्फ 2 ही एकदिवसीय मैचों में कप्तानी की जिसमें उनकी टीम दोनों मैच हार गई थी।
# 4 आशीष बगई ( कनाडा )
आशीष बगई का जन्म 26 जनवरी 1982 को दिल्ली में हुआ था। वह महज 11 वर्ष की उम्र में कनाडा चले गए थे । उन्होंने अपना अंतर्राष्ट्रीय पर्दापण 11 फरवरी 2003 को बांग्लादेश के खिलाफ किया था। वह कनाडा की टीम से विकेटकीपिंग भी करते थे। विकेटकीपर बल्लेबाज आशीष बगई अपने 10 साल के अंतराष्ट्रीय करियर के दौरान कनाडाई क्रिकेट का चेहरा थे। उन्होंने 62 एकदिवसीय और 9 टी 20 मैच कनाडा के लिए खेले।
दायें हाथ के बल्लेबाज बगई ने 2011 विश्व कप में कनाडा की ओर से कप्तानी की। उन्होंने अपने पहले मैच में केन्या के खिलाफ नाबाद 64 रन बनाए। न्यूजीलैंड के खिलाफ अगले एकदिवसीय मैच में 84 रनों की यादगार पारी खेली थी। उन्होंने 27 एकदिवसीय मैचों व 4 टी-20 मैचों में कनाडा की कप्तानी की। उनकी कप्तानी में कनाडा की टीम एक टी 20 मैच जीतने मे सफल रही।
# 3 रोहन कन्हाई ( वेस्टइंडीज )
वेस्टइंडीज के दिग्गज खिलाड़ी रोहन कन्हाई भारतीय मूल के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से एक हैं, जिन्होंने किसी अन्य देश का प्रतिनिधित्व किया है। उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर शानदार रहा। उन्होंने वेस्टइंडीज की ओर से 79 टेस्ट मैचों की 137 परीयों में 47.53 की शानदार औसत से 6227 रन अपने नाम किये।
दायें हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज ने 1972/73 और 1973/74 सत्रों के बीच 13 मैचों में कप्तान के रूप में वेस्टइंडीज टेस्ट टीम की सेवा की। अपने कप्तानी के दौरान रोहन कन्हाई ने अच्छी सफलता हासिल की। उनकी कप्तानी में टीम ने 3 टेस्ट जीते और 3 में हार का सामना करना पड़ा जबकि उनकी टीम 6 मैच ड्रॉ करवाने में सफल रही । उन्होंने वेस्टइंडीज का पहला एकदिवसीय कप्तान होने का गौरव भी प्राप्त किया। कन्हाई ने मात्र 2 एकदिवसीय मैचों में टीम की कप्तानी की जिसमे उनकी टीम एक मैच में जीत जबकि एक मैच में हर का सामना करना पड़ा।
# 2 हाशिम अमला ( दक्षिण अफ्रीका )
दक्षिण अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज हाशिम अमला का जन्म 31 मार्च 1983 को डरबन में हुआ, मगर उनके दादा मूलतः गुजरात से हैं। अमला वर्तमान पीढ़ी के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक हैं । उन्होंने क्रिकेट के सभी प्रारूपों में ढेरों रन अपने नाम किए हैं। अमला ने अपना अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट पर्दापण वर्ष 2004 में भारत के खिलाफ कोलकाता में किया था। वह दक्षिण अफ्रीका के सबसे सफल सलामी बल्लेबाज हैं।
दायें हाथ के बल्लेबाज अमला ने 14 टेस्ट मैचों में दक्षिण अफ्रीका टीम का नेतृत्व किया, जिसमें उनकी टीम को 4 मैचों में हार जबकि 4 मैचों में जीत मिली। उन्होंने नौ वनडे में भी प्रोटियाज टीम का नेतृत्व किया जिसमें उनकी टीम को 4 में जीत जबकि 5 मैचों में हार का सामना करना पड़ा।
हाशिम अमला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय मूल के पहले दक्षिण अफ्रीकी हैं।
# 1 नासिर हुसैन ( इंग्लैण्ड )
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर नासिर हुसैन का जन्म भारतीय शहर चेन्नई (पूर्व में मद्रास) में हुआ था। उन्होंने अपना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पर्दापण 30 अक्टूबर 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ किया था। उन्होंने खुद को इंग्लैंड की टीम में स्थापित करने के लिए काफी कड़ी मेहनत की। टीम में जगह बनाने के बाद नासिर ने पलटकर पीछे नहीं देखा। उन्हें 1999 में इंग्लिश टीम की कमान सौंपी गई।
पिछले कुछ दशकों में इंग्लैंड के सबसे सफल कप्तानों की बात की जाए तो नासिर हुसैन का नाम सबसे पहले आता है। उन्होंने 45 टेस्ट और 56 एकदिवसीय मैचों में टीम का नेतृत्व किया। उनकी कप्तानी में इंग्लिश टीम ने 17 टेस्ट मैच और 28 एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच जीते, जिसमें विदेशी धरती पर भी कई जीत शामिल थी।
अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास के बाद नासिर ने बतौर कमेंटेटर नई पारी की शुरुआत की। वर्तमान में वह अंग्रेजी कमेंटेटर हैं।
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