5 भारतीय खिलाड़ी जो विश्व एकादश की टीम में जगह पाने के हकदार थे

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पाकिस्तान में क्रिकेट के लौटने के आसार आख़िरकार नजर आने लगे हैं। पाकिस्तान अब तक विश्व एकादश के खिलाफ 3 मैचों की टी20 सीरीज के पहले 2 मैचों का आयोजन करने में सफल रहा है। 2009 में श्रीलंका की टीम पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में यह पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय सीरीज का आयोजन भी है। फाफ डू प्लेसी की अगुवाई में पाकिस्तान गयी विश्व एकादश में 5 खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका, 3 ऑस्ट्रेलिया, 2 वेस्टइंडीज और 1-1 खिलाड़ी इंग्लैंड, बांग्लादेश, न्यूज़ीलैंड और श्रीलंका के हैं, लेकिन एक भी भारतीय खिलाड़ी इस टीम में शामिल नहीं है। जब विश्व एकादश के कोच एंडी फ्लावर से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने भारतीय टीम के व्यस्त कार्यक्रम का हवाला लेकिन सच्चाई यह है कि इन मैचों के दौरान भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया की सीरीज से पहले आराम ही कर रही थी। इसके अलावा भारतीय टीम से बाहर चल रहे कई ऐसे खिलाड़ी है जो विश्व एकादश के टीम में आसानी से जगह बना सकते थे। आईसीसी और पीसीबी भारतीय खिलाड़ियों को शामिल कर इस सीरीज को और भी रोचक बना सकते थे। आज हम आपको उन भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं जो विश्व एकादश में शामिल होने चाहिए थे: #सुरेश रैना रैना भले ही अभी भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि वह एक जबरदस्त टी20 बल्लेबाज हैं। टी20 की 55 पारियों में रैना ने 133 की स्ट्राइक रेट से 1307 रन बनाए हैं और खेल के इस प्रारूप में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। इसके साथ ही रैना एक निरंतर टी20 के बल्लेबाज हैं। आईपीएल के 10 साल के इतिहास में रैना सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं। रैना इस प्रारूप में लगातार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते आये हैं। इसके साथ ही वो अभी के दौर में विश्व के सबसे अच्छे फील्डर में भी एक हैं। सुरेश रैना मध्यक्रम के बल्लेबाज हैं और विश्व एकादश की टीम को स्थिरता प्रदान कर सकते थे। #जसप्रीत बुमराह CRICKET-WT20-2016-WIS-IND 2016 के शुरुआत में जब से बुमराह ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की है तभी से उन्होंने टीम में अपना स्थान पक्का कर लिया है। इसके साथ ही सीमित ओवरों के खेल में आज वो विश्व के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक हैं। बुमराह साल 2016 में अंतरराष्ट्रीय टी20 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी थे, जहाँ उन्होंने 22 मैचों में 19 से कम की औसत से 28 विकेट हासिल किये। इसके अलावा एकदिवसीय मैचों में भी उनका प्रदर्शन कुछ इसी तरह का रहा था। अभी तक के अपने टी20 करियर में बुमराह ने 25 मैचों में 18.38 की औसत से 34 विकेट हासिल किए हैं और गेंदबाजों की रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज हैं। आपको पता होगा कि टी20 के गेंदबाजों की रैंकिंग में पहले स्थान पर पाकिस्तान के इमाम वसीम हैं और उनके साथ दूसरे स्थान पर मौजूद इमरान ताहिर भी टी20 सीरीज में हिस्सा ले रहे हैं। #रोहित शर्मा Australia v India - Game 3 एकदिवसीय टीम में अपना स्थान पक्का करने के लिए भले ही रोहित को कुछ वर्षों का समय लगा हो लेकिन टी20 में वो भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल रहे हैं। अपने करियर के शुरुआत में ही 2007 टी-20 विश्वकप के एक निर्णायक मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अर्धशतक बनाने वाले रोहित ने उसके बाद कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। एक बार जब वो सलामी बल्लेबाज के तौर पर खेलने लगे उसके बाद से उनके प्रदर्शन में और निरन्तरता आ गयी और वो लम्बी पारी खेलने लगे। यह बात किसी से नहीं छिपी कि जब रोहित लम्बा खेलते हैं तो क्या होता है। आज वह सीमित ओवरों के खेल में विश्व के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाज हैं और आसानी से विश्व एकादश का हिस्सा बन सकते थे। #युवराज सिंह Australia v India - Game 3 विराट कोहली के आने से पहले युवराज सिंह भारत के सबसे बड़े टी20 बल्लेबाज माने जाते थे। दूसरे शब्दों में कहें तो अगर दर्शकों का झुकाव टी20 की तरफ हुआ है तो उसमें 2007 में युवी द्वारा एक ओवर में लगाये 6 छक्कों का काफी अहम योगदान रहा है। युवराज के प्रशंसक उन्हें 'सिक्सर किंग' के नाम से बुलाते हैं और वह अपने बूते भीड़ को मैदान तक खींच सकते हैं। युवी भले भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं लेकिन विश्व एकादश में वैसे भी खिलाड़ी हैं वो वर्षों पहले क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। युवी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले सीरीज में भी भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं, ऐसे में अगर उन्हें विश्व एकादश में शामिल किया जाता तो वह अपने दम पर कुछ ही गेंदों में मैच का समीकरण बदल सकते थे। #विराट कोहली india-sri-lanka-cricket-t20_472201b2-9325-11e7-b219-301a51d93d0d अगर कभी भी सीमित ओवरों की विश्व एकादश बनती है तो उसमें सबसे पहला नाम भारतीय कप्तान विराट कोहली का होगा। मौजूदा समय में विराट निर्विरोध विश्व के सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय और टी20 बल्लेबाज हैं। उनके टी20 रिकॉर्ड को देखा जाए तो कोई बल्लेबाज उनके आसपास भी नहीं दिखता हैं। 2016 में खेले अपने 13 अंतर्राष्ट्रीय टी20 पारी में कोहली ने 107 की औसत और लगभग 140 की स्ट्राइक रेट से 641 रन बनाए थे। इसके अलावा आईपीएल-9 में उन्होंने 950 से ज्यादा रन बनाए थे। कोहली ने 2017 में भी उसी फॉर्म को बरकरार रखते हुए 5 टी20 पारियों में 173 रन बनाए हैं। उनके इस प्रदर्शन के बाद भी अगर कोहली विश्व एकादश का हिस्सा नहीं है तो यह टीम के लिए भी बहुत बड़ा नुकसान है। लेखक- विग्नेश अनंतसुब्रमांयम अनुवादक- ऋषिकेश सिंह