महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) भारत के ही नही बल्कि दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। धोनी ने एक दशक तक भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व किया है। इस दौरान दिग्गज खिलाड़ियों से लेकर तमाम युवा खिलाड़ी उनकी कप्तानी में खेले। धोनी दुनिया के अकेले ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने ICC की तीनों ट्राफियां जीतने में कामयाबी पाई।
धोनी की कप्तानी के अंतराल में कई ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्होंने उनके अंडर खेलकर अच्छी शुरुआत की लेकिन बाद में अपने करियर में सफल नहीं हो पाए।
5 भारतीय खिलाडी जिन्होंने धोनी की कप्तानी में खुद को शाबित तो किया पर आगे चलके वो लड़खड़ा गए
#5 वरुण आरोन
वरुण आरोन भारतीय टीम में तेज गेंदबाजी की नई उम्मीद बनकर आए थे।अपने करियर की शुरुआत में वरुण ने प्रभावित किया मगर वो अपने खेल में निरंतरता बरकरार नहीं रख सके और जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से गायब हो गए। अपने चार साल के छोटे एकदिवसीय करियर में वरुण ने मात्र नौ वनडे मैच खेले जिसमें उन्होंने 11 बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। वहीं नौ टेस्ट में उनके नाम 18 विकेट दर्ज हैं। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने अभी तक संन्यास नहीं लिया है लेकिन वापसी की उम्मीद काफी कम है।
#4 स्टुअर्ट बिन्नी
1983 विश्वकप विजेता टीम का हिस्सा रहे भारतीय दिग्गज ऑलराउंडर रोजर बिन्नी के बेटे स्टुअर्ट बिन्नी पिछले दशक के बीच में भारतीय टीम में शामिल हुए थे और उन्हें एक उभरता हुआ सितारा माना जा रहा था। बिन्नी ने अपने करियर की शुरुआत में ही अपने बेहतरीन खेल के दम पर अपनी पहचान बना ली थी। हालाँकि प्रदर्शन में निरंतरता की कमी के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया था। ऑलराउंडर खिलाड़ी ने अपने करियर में कुल 23 मुकाबले खेले और 2021 में सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी थी
#3 मनोज तिवारी
घरेलू क्रिकेट के स्टार खिलाड़ी दाएं हाथ के बल्लेबाज मनोज तिवारी भी उन बदकिस्मत खिलाड़ियों में आते हैं, जिनमें गजब की प्रतिभा होने के बावजूद वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खुद को स्थापित नही कर पाए। मनोज तिवारी ने अपने करियर में मात्र 12 वनडे मैच खेले जिसमें उन्होंने एक शतक और एक अर्धशतक की बदौलत कुल 287 रन बनाए। वहीं टी20 में उन्होंने सिर्फ 3 मैच खेले, जिसमें महज एक पारी खेलने को मिली और उन्होंने 15 रन बनाये।
#2 प्रवीण कुमार
प्रवीण कुमार के पास गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने काबिलियत थी। एक समय वह टीम के नियमित सदस्य भी थे। उन्होंने एकदिवसीय करियर में 68 मैच खेले जिसमें उन्होंने 77 विकेट लिए वहीं टेस्ट और टी20 में उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले।
फिटनेस और अपने रवैए के चलते वो ज्यादा दिन भारतीय टीम का हिस्सा नहीं रह सके और 2007 में अपना पदार्पण करने वाले प्रवीण ने 2012 में अपना आखिरी एकदिवसीय मैच खेला। 2018 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था।
#1 युसूफ पठान
युसूफ पठान अपने समय में दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक थे। उन्होंने अपनी कई ताबड़तोड़ पारियों की बदौलत भारत कई रोमांचक मैच जितवाए और थोड़े समय में ही अपनी एक पहचान बना ली थी। एकदिवसीय में उनका स्ट्राइक रेट 113.60 का है, जो कि अपने आप में गेंदबाजों में दिल में डर पैदा करने के लिए काफी था। बल्लेबाजी के साथ साथ पठान दाएं हाथ से ऑफ स्पिन भी फेंकते थे।
युसूफ पठान ने अपने एकदिवसीय करियर में 57 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 810 रन बनाए और 33 विकेट भी लिए। 2008 में एकदिवसीय मैच में अपना पदार्पण करने वाले युसूफ ने भी प्रवीन की तरह ही अपना आखिरी मैच 2012 में खेला जो कि पाकिस्तान के खिलाफ था। उसके बाद यूसुफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी नहीं कर पाए और अब वह संन्यास ले चुके हैं।