टेस्ट मैचों से संन्यास लेने के बाद पूरे क्रिकेट जगत में ये चर्चा तेज हो गई कि क्या जल्द ही धोनी सीमित ओवरों के खेल को भी अलविदा कह देंगे। यहां तक कि हर सीरीज के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी उनसे उनके संन्यास को लेकर सवाल पूछे जाने लगे। लेकिन धोनी ने हर बार अपने संन्यास की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया। लेकिन धोनी का बल्ला इस साल एकदम खामोश रहा। 2016 में 34 वनडे मैचों में धोनी का औसत मात्र 34 रहा। इस दौरान वो मात्र एक ही अर्धशतक लगा सके। धोनी के बल्ले में वो पुरानी रफ्तार नहीं दिखी। धोनी ने इस साल 21 टी-20 मैचों की 16 पारियों में 11 बार नाबाद रहे, वहीं उनका औसत 47.60 रहा। लेकिन धोनी मात्र 2 मैचों में ही 20 से ज्यादा रन बना सके। धोनी इस साल पहले ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्होंने भारतीय टीम की तरफ से सभी 13 वनडे मैचों में हिस्सा लिया और खुद को नंबर 4 पर प्रमोट भी किया। लेकिन इस नंबर पर इस साल उनका औसत महज 27.60 रहा जो कि उनके ओवरॉल करियर औसत 50 से काफी कम है। हालांकि धोनी का स्ट्राइक रेट इस साल अच्छा रहा और उन्होंने 80.1 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए। लेकिन धोनी पिछले 3 साल से एकदिवसीय मैचों में एक भी शतक नहीं लगा पाए हैं, जिससे उन पर काफी सवाल उठने लगे हैं।