अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट भी एक अलग तरह का भूत होता है। कुछ का कैरियर शानदार तरीके से शुरू होता है और ज्यादा आगे नहीं जाता है। कुछ के कैरियर की शुरूआत धीमी होती है और वो महान बन जाते है। बहुत कम क्रिकेटर ऐसे होते है, जिनकी शुरूआत भी शानदार होती है और अंत भी। इसमें से ज्यादातर चीजें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की प्रतिस्पर्धा के कारण होती है, जो एक समुद की तरह है जिसमें कुछ पाने के लिए आपको अंदर गोता लगाना ही पड़ता है। कुछ सीखकर इसे अपना लेते है वहीं कुछ डूब जाते है। आज के जमाने में क्रिकेट धीरे-धीरे और ज्यादा पेशेवर होता जा रहा है, जहां हर खिलाड़ी के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं है। यहाँ हम बताएँगे ऐसे 5 क्रिकेटर्स के बारे में जिनके अंतर्राष्ट्रीय कैरियर की शुरूआत शानदार रही, चाहे वो टेस्ट हो या एकदिवसीय। गांगुली ने तीन टेस्ट में शानदार शुरूआत की और बाद में उन्हें महान बल्लेबाज और भारत का सबसे सफल कप्तान बनने से पहले काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
1. अजित अगरकर
[caption id="attachment_15609" align="alignnone" width="594"] अजित अगरकर[/caption] वो 23 मैचों में 50 एकदिवसीय विकेट लेने के साथ, सबसे तेज 50 विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज है (सबसे तेज 182 दिनों के अंदर है), उनका रिकॉर्ड अजंता मेंडिस ने तोड़ा था। अगरकर 13 मैचों के बाद पहली बार ऐसा मैच देखा जहां उन्हें एक भी एकदिवसीय विकेट नहीं मिला था। उन्होंने शुरूआत में 2 बार चार विकेट और 4 बार तीन विकेट लिए थे। इसी के साथ शायद उन्हें क्रिकेट आसान लगने लगा था। उनका एक्शन काफी शानदार था जिसने उनकी गति पैदा करने और लगातार विकेट लेने में मदद की, जिसके कारण वो भारत के सबसे सफल एकदिवसीय गेंदबाज बने। अगरकर की प्रतिभा को वो न्याय नहीं मिला। जिस तरह से वो सबसे तेज एकदिवसीय अर्धशतक लगने वाले भारतीय है और उन्होंने 300 के करीब एकदिवसीय विकेट(288) लिए है, इसके बावजूद उन्हें भारत के दूसरे गेंदबाजों की तरह उतनी इज्जत नहीं मिली।
2. विनोद कांबली
[caption id="attachment_15608" align="alignnone" width="594"] विनोद कांबली[/caption] कांबली टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 1000 रन बनाने वाले पांचवें बल्लेबाज है। उनसे पहले 1000 बनाने वाले 4 में से 3 बल्लेबाज हेर्बर्ट सुक्लिफ़्फ़, एवेरटोन वीक्स और डॉन ब्रेडमेन है। ब्रेडमेन ने 1000 रन 13 पारियों में बनाए वहीं कांबली ने 14 पारियों में। ऐसा प्रभाव कांबली का था। उन्होंने पहले 7 टेस्ट मैचों में 2 शतक और 2 अर्धशतक लगाए थे। अभी कांबली ने 1000 से 100 रन भी ज्यादा नहीं बनाए थे की उनका कैरियर एकदिवसीय में उनकी अनेकों वापसियों के साथ खत्म हो गया। उनकी सबसे ज्यादा विफलता अनुशासन हीनता से हुई। कांबली को अभी भी क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी विफलता की मिशाल माना जाता है।
3. मोहम्मद अज़हरुद्दीन
[caption id="attachment_15607" align="alignnone" width="594"] मोहम्मद अजहरुद्दीन[/caption] उनकी पहली 5 एकदिवसीय पारियाँ 47*, 47, 10, 93 और 45 रही। पर इससे भी ज्यादा आकर्षक था की, वो इकलौते ऐसे बल्लेबाज थे, जिन्होंने अपने पहले तीन टेस्ट मैचों में 3 लगातार शतक जड़े थे। अजहर, ने अपने पदार्पण टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 110 रन बनाए, वहीं दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 105 रन बनाए और तीसरे टेस्ट में पहली पारी में 122 रन बनाये उसके बाद दूसरी पारी में 54 रनों पर नाबाद रहे थे। उसके बाद उनका बुरा समय शुरू हुआ, पर अजहर हमेशा लगातार शतक लगने की भूख में दिखे। एक महान एकदिवसीय क्रिकेटर अजहर की औसत उनकी प्रतिभा के अनुरूप नहीं है।
4. वीरेंद्र सहवाग
[caption id="attachment_15606" align="alignnone" width="594"] वीरेंद्र सहवाग[/caption] सहवाग की तकनीक को देखते हुये, किसी ने नहीं सोचा था की सहवाग टेस्ट क्रिकेट में नाम कमा पाएंगे। इसके बावजूद वो एक समय में भारत के दूसरे सबसे शानदार टेस्ट के सलामी बल्लेबाज़ थे, और विश्व के सबसे आक्रामक बल्लेबाज भी और वो लगभग पहले बल्लेबाज बने थे जिन्होंने 3 तिहरे शतक लगाए थे। सबसे बड़ी बात यह रही की उनके टेस्ट कैरियर की शुरूआत राहुल द्रविड़ से भी अच्छी रही थी। सहवाग ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने पदार्पण टेस्ट में 105 रनों की पारी खेली और अपने पहले 10 टेस्ट मैचों में 2 और शतक लगाए, जिसके साथ अपने चौथे, पांचवें और छठे टेस्ट में 3 अर्धशतक भी लगाए। द्रविड़ ने अपने 20 टेस्ट मैचों में मात्र 1 शतक लगाए थे और गांगुली भी अपने पहले 2 टेस्ट शतकों के बाद शांत हो गए थे। सहवाग के एकदिवसीय कैरियर की शुरूआत भी एक बल्लेबाज और अतिरिक्त ऑफ-स्पिनर के तौर पर शानदार रही थी। सहवाग ने अपने खेलने के शानदार अंदाज से सबसे प्रभावित किया था, सहवाग का कैरियर लगभग 50 टेस्ट तक काफी अच्छा रहा इसके बाद उसमे उतार-चढ़ाव आते गए।
5. रविचंद्रन अश्विन
[caption id="attachment_15605" align="alignnone" width="594"] रविचंद्रन अश्विन[/caption] अश्विन 9 टेस्ट मैचों में 50 विकेट लेकर, भारत के सबसे तेज 50 टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज है। वो 18 मैचों में 100 विकेट लेकर ऐसा करने वाले सबसे तेज भारतीय और विश्व के 5वें गेंदबाज है। जो डेल स्टेन, एंडी रॉबर्ट्स और वकार युनूस से कही आगे है। वो सबसे तेज 150 विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज भी है, जो उन्होंने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में किया था। विदेश में अश्विन का बुरा दौर आया था, पर वापिस आने के साथ ही उन्होंने फिर से अपनी गेंदबाजी का प्रभाव छोड़ना शुरू कर दिया है। अश्विन ने अपने तीसरे टेस्ट में शतक भी लगाया था, और पहले 3 टेस्ट मैचों में 22 विकेट लिए थे। अपने पहले 30 मैचों में सिर्फ 3 मैच ऐसे थे जहां उन्हें विकेट नहीं मिला। उन्होंने 17 मैचों में 5 या उससे ज्यादा विकेट लिए है। वो एकदिवसीय में भी उतने ही सफल साबित हुये है, वो अपने पहले 10 एकदिवसीय मैचों में हर मैच में विकेट लेने में कामयाब हुये थे। लेखक- कृष श्रीपदा, अनुवादक- आदित्य मामोड़िया