5 भारतीय खिलाड़ी जिन्हें इंग्लैंड सीरिज में खुद को साबित करना है

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इंग्लैंड के साथ होने वाली वनडे सीरिज चैंपियंस ट्राफी से पहले भारत के लिए आखिरी सीमित ओवरों की सीरिज होगी। ऐसे में इस सीरिज में कई भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर खास नजरें होंगी। जिन्हें चैंपियंस ट्राफी में चुना जा सकता है। धोनी ने टीम की कप्तानी छोड़ दी है। जिनकी जगह पर विराट कोहली इस प्रारूप में पहली बार बतौर कप्तान नजर आएंगे। अनुभवी धोनी इस सीरिज में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज़ के रूप में खेलेंगे। ये सीरिज कई खिलाड़ियों के काफी अहम है। इस लेख के माध्यम से हम आपको ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं, जिनका प्रदर्शन ही टीम इंडिया में उनका भविष्य सुनिश्चित करेगा: शिखर धवन साल 2016 में शिखर धवन सिर्फ एक ही वनडे सीरिज में अच्छा खेले थे। इसके अलावा वह टी-20 में भारत की तरफ सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में तीसरे स्थान पर रहे थे। लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि उन्हें अंतिम एकादश में जगह मिल ही जाये। रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम वनडे और टी-20 में मिलाकर 6 मैच खेलेगी। ऐसे में धवन के पास खुद को टीम में स्थापित करने का मौका है। जहां रोहित उनके साथ आगामी टूर्नामेंट में सलामी भूमिका में नजर आ सकते हैं। धवन को चुनौती केएल राहुल और रहाणे से मिल रही है। जिन्होंने 2016 में सभी प्रारूप में शतक बनाये हैं। टी-20 में शिखर धवन को ऋषभ पन्त की मौजूदगी में अंतिम 11 में जगह और कठिन हो सकता है। पन्त ने फ़िलहाल घरेलू स्तर पर बेहतरीन खेल दिखाकर टीम में जगह पायी है। हाल ही में पन्त डीवाई पाटिल टी-20 कप में भी सुर्खियाँ बटोरी हैं। तो ऐसे में 31 वर्षीय धवन को इंग्लैंड के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा अगर वह टीम में अपनी जगह बरकरार रखना चाहते हैं। अजिंक्य रहाणे भारत के बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाजों में से एक अजिंक्य रहाणे को लेकर सीमित ओवर के क्रिकेट में थोड़ा बहुत संदेहास्पद स्थितियां हैं। इस दायें हाथ के बल्लेबाज़ ने तकरीबन सभी देशों में शतक बनाये हैं। लेकिन मौजूदा हालात में अंतिम 11 में जगह पाना उनके लिए काफी कठिन है। लेकिन छोटे फॉर्मेट में खासकर आईपीएल में उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। जहां वह राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए ही टीम इंडिया के लिए चयनित हुए थे। इसके अलावा वह राइजिंग पुणे सुपरजायंट के लिए भी अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं। रहाणे को इससे पहले ओपनिंग करने का काफी मौका मिला है। लेकिन वह खुद को साबित करने में असफल रहा हैं। रहाणे का औसत वनडे में 32 का और टी-20 में 20 का रहा है। जो कुछ खास नहीं है। उन्हें इस सीरिज में धवन, राहुल और ऋषभ चुनौती मिल सकती है। जबकि अगर उनका प्रदर्शन अच्छा रहा तो वह चैंपियंस ट्राफी में रोहित के साथ सलामी बल्लेबाज़ी करते देखे जा सकते हैं। मनीष पाण्डेय सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक बनाकर भारत को 300 से ज्यादा का लक्ष्य हासिल कराने में अहम योगदान देने के बाद मनीष पाण्डेय का बदल गया। बहुत लोगों ने उन्हें भारत का अगला फिनिशर बता दिया था। धोनी के साथ चौथे क्रम पर बल्लेबाज़ी करते हुए पाण्डेय ने विजयी शतकीय पारी खेली थी। लेकिन उन्होंने पूरे साल में 11 वनडे मैचों में 190 रन बनाये और 4 टी-20 में 48 रन बनाये हैं। साल 2016 का शानदार आगाज करने वाले मनीष पाण्डेय पूरे साल बहुत अच्छा नहीं खेल पाए। लेकिन युवराज सिंह के साथ उनकी टीम में वापसी हुई है। ऐसे कर्नाटक के इस बल्लेबाज़ को मध्यक्रम में चुनौती मिलती नजर आ रही है। इसके अलावा रैना भी टीम में हैं। जो आईसीसी चैंपियंस ट्राफी में अपना दावा पेश करना चाहते हैं। सुरेश रैना साल 2016 में वनडे टीम से बाहर होने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरिज में भी उनकी जगह पर युवराज सिंह को जगह मिली है। हालांकि ये बात सही है कि रैना का प्रदर्शन वनडे में कुछ खास नहीं रहा था। साल 2016 में रैना को टी-20 टीम में काफी मौका दिया गया, जिसे वह भुनाने में नाकामयाब साबित हुए। जिसकी वजह से रैना को टीम से बाहर बिठा दिया गया था। जून में होने वाले चैंपियंस ट्राफी में की तैयारी को अगर गौर किया जाये तो रैना को इस वनडे सीरिज में टीम में शामिल नहीं किया गया है। हालांकि रैना अगर टी-20 सीरिज में मिले मौके पर शानदार प्रदर्शन करने में सफल रहे तो वह दोबारा वनडे टीम का हिस्सा बन सकते हैं। इसलिए ये सीरिज उनके लिए काफी दबाव भरी होगी और उन्हें इस सीरिज में बेहतरीन प्रदर्शन करना ही होगा। युवराज सिंह साल 2016 में टी-20 क्रिकेट में वापसी करने के बाद युवी चोटिल हो गये थे। जहां वह टी-20 वर्ल्डकप से भी बाहर हो गये थे। लेकिन युवराज ने साल 2013 के बाद एक बार वनडे क्रिकेट में वापसी की है। 35 बरस के इस क्रिकेटर ने इंग्लैंड के खिलाफ हुए वार्मअप मैच में अच्छी पारी खेलकर खुद को साबित किया है। लेकिन उन्हें आगामी सीरिज में भी अच्छा प्रदर्शन करना होगा। जहां उनका प्रदर्शन ही उन्हें आगे चैंपियंस ट्राफी में जाने वाली भारतीय टीम में जगह दिला सकता है। ऐसे में उनके पास ये बड़ा मौका है। वनडे में सबसे ज्यादा मुकाबले खेल चुके युवराज सिंह ने हमेशा अपने आलोचकों को अपने प्रदर्शन से जवाब दिया है। युवराज सिंह विराट कोहली का काम आसान बना सकते हैं, इसके साथ ही वह चैंपियंस ट्राफी भारत को दोबारा दिला सकते हैं।

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