#3 रोहित शर्मा
गेंदों को मैदान के बाहर पहुँचाने वाले और देखते देखते दोहरे शतक की लाइन लगाने वाले रोहित शर्मा पहले एक प्रतिभाशाली युवा मध्यक्रम के बल्लेबाज़ हुआ करते थे। 2006 के अंडर-1 9 विश्वकप में चेतेश्वर पुजारा जो टूर्नामेंट के सर्वोच्च रन स्कोरर थे, और पियूष चावला के साथ खेलते हुए इस बल्लेबाज़ ने मध्य-क्रम के बल्लेबाज के रूप में 6 मैचों में 41 की औसत से 205 रन बनाए थे। एक साल के अंदर ही रोहित ने जल्द ही बड़ी छलांग लगाते हुए वरिष्ठ टीम में जगह बना ली थी। हालांकि, अनिरंतर प्रदर्शन ने उनके करियर को बाधित किया और बेहद प्रतिभाशाली होने के बावजूद वह लगातार भारतीय टीम से अन्दर-बाहर होते रहे थे। लेकिन एक बार जब उन्हें सलामी बल्लेबाज़ के तौर पर मौक़ा मिला, तो वहां से उनका करियर बदल चुका था। साल 2013 से वह सीमित ओवर के क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज के रूप में खेल रहे हैं, और आज रोहित दुनिया के सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय बल्लेबाजों में से एक हैं।