इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को क्रिकेट के इतिहास का एक सबसे बड़ा बदलाव माना जाता है। बिजनेस, आय, राजस्व के साथ-साथ दर्शकों की संख्या के मामले में भी आईपीएल निर्विवाद रूप से विश्व क्रिकेट का सबसे बड़ा लीग है। यह खेलों की दुनिया के शीर्ष 10 लीग टूर्नामेंट्स में भी शामिल है। आईपीएल ने ना केवल क्रिकेट के बाजार का विस्तार किया है बल्कि घरेलू क्रिकेटरों को भी क्रिकेट के माध्यम से एक बेहतर जीवन जीने के लिए सक्षम किया है। इसने घरेलू और युवा क्रिकेटरों को एक बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया है। विभिन्न देशों के युवा क्रिकेटर अब आईपीएल को एक अवसर के रूप में लेते हैं और इसमें अच्छा प्रदर्शन कर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की कोशिश करते हैं। हम ऐसे ही पांच भारतीय खिलाड़ियों की चर्चा करेंगे जिन्होंने आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन कर टीम इंडिया में जगह बनाई और आज वे टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। युजवेंद्र चहल यजुवेंद्र चहल ने 2013 के सीजन में मुंबई इंडियंस के साथ अपने आईपीएल कैरियर की शुरूआत की थी। बाद में वह रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम का हिस्सा बने। तब से लेकर अब तक चहल ने कोहली के कप्तानी में शानदार प्रदर्शन किया है। 2015 का सीजन चहल के लिए पहला बड़ा सीजन था, जहां उन्होंने 15 मैचों में 18 के औसत और 12 के शानदार स्ट्राइक रेट से 23 विकेट लिए। इस शानदार प्रदर्शन के बाद चहल को टीम इंडिया में जगह मिली और वह 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ होने वाले सीरीज के लिए चुन लिए गए। तब से वह भारतीय टीम का लगातार हिस्सा हैं।आश्विन, जडेजा, मिश्रा जैसे अन्य वरिष्ठ स्पिनरों की मौजूदगी के बावजूद सीमित ओवरों के क्रिकेट में उनकी जगह सुरक्षित है। चहल ने अब तक 11 एकदिवसीय मैचों में 25.70 की औसत और 4.5 की इकोनॉमी रेट से 25 विकेट लिए हैं। जबकि आठ टी-20 मैचों में उनके नाम 15 विकेट दर्ज हैं। चहल की सबसे बड़ी खासियत है कि वह रन रोकने के साथ-साथ एक विकेट लेने वाले गेंदबाज भी हैं और टी-ट्वेंटी क्रिकेट में उनके नाम एक बार 6 विकेट लेने का भी रिकॉर्ड है। चहल अब क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट्स में भारतीय टीम के नियमित सदस्य हैं। हालांकि टेस्ट टीम का हिस्सा बनने के लिए अभी उन्हें और मेहनत की दरकार है। अक्षर पटेल अपने स्पिन जोड़ीदार चहल की तरह अक्षर को भी सबसे पहले मुंबई इंडियंस ने ही आईपीएल के लिए साइन किया था। हालांकि चहल की तरह अक्षर को भी मुंबई इंडियंस के तरफ से अपनी गेंदबाजी का जौहर दिखाने का पर्याप्त मौका नहीं मिला। 2014 की नीलामी में किंग्स इलेवन पंजाब ने अक्षर को खरीदा और अक्षर ने भी अपने टीम को निराश नहीं किया। अक्षर ने उस सीजन के 17 मैचों में 23 की शानदार औसत से 17 विकेट लिए। अपने आईपीएल प्रदर्शन की बदौलत अक्षर को उसी साल ही बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज के लिए चुना गया। उसके बाद से अक्षर ने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा। अक्षर ने अब तक 36 वनडे मैचों में 29 की औसत से 44 विकेट लिए हैं। वहीं 8 टी-ट्वेंटी मैचों में उनके नाम 27 की औसत से 7 विकेट दर्ज हैं। वर्षों से उन्होंने अपनी आईपीएल टीम के लिए भी अच्छा प्रदर्शन किया है और 59 मैचों में 26 की औसत से 58 विकेट झटके हैं। लोकेश राहुल लोकेश राहुल ने साल 2013 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से अपना पहला आईपीएल सीजन खेला। हालांकि यह सीजन उनके लिए कुछ खास नहीं गया और वह 5 मैचों में सिर्फ 20 रन ही बना पाए। 2014 के नीलामी में राहुल को सनराइजर्स हैदराबाद ने खरीदा जहां पर एक विकेटकीपर बैट्समैन के रूप में खेलते हुए उन्होंने 11 मैचों में 166 रन बनाए। राहुल ने चयनकर्ताओं को अपनी प्रतिभा से प्रभावित किया और जल्द ही वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली टेस्ट श्रृंखला के लिए टीम में शामिल कर लिए गए। राहुल ने 2016 के आईपीएल सीजन में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 14 मैचों में 44 के शानदार औसत से 397 रन बनाए। राहुल को इस प्रदर्शन का ईनाम भी मिला और उन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ 2016 के वन डे सीरीज के लिए टीम में शामिल कर लिया गया। राहुल ने तब से लेकर अब तक पीछे मुड़ के नहीं देखा है और क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट्स में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। राहुल ने 35 की औसत से 10 वनडे मैचों में 248 रन बनाए हैं, जबकि 19 टेस्ट मैचों में उनके नाम 46 के औसत से 1342 रन दर्ज हैं। वहीं टी-ट्वेंटी में राहुल का औसत आश्चर्यजनक रूप से 50 के ऊपर का है। जसप्रीत बुमराह जसप्रीत बुमराह की प्रतिभा को सबसे पहले पूर्व भारतीय कोच जॉन राइट ने पहचाना था। राइट ने 2013 में सैयद मुश्ताक अली ट्राफी के एक मैच में उन्हें खेलते हुए देखा था। उस समय मुंबई इंडियन के कोच रहे जॉन राइट ने झट से उन्हें टीम में शामिल कर लिया। हालांकि 2013 के अपने पहले आईपीएल सीजन में बुमराह को खेलने का कुछ खास मौका नहीं मिला, फिर भी मिले मौकों में उन्होंने अपने डेथ ओवर की गेंदबाजी से प्रभावित किया। इसके बाद 2014 के आईपीएल में बुमराह ने 11 मैचों में 8 से कम की इकोनॉमी से गेंदबाजी की। 2015 में चोट की वजह से अनुपस्थित रहने के बाद बुमराह ने 2016 में धमाकेदार वापसी की और 15 विकेट लिए। इसके बाद 2017 के सीजन में भी बुमराह ने 20 विकेट हासिल किए। भारत को लंबे समय से एक डेथ ओवरों के स्पेशलिस्ट गेंदबाज की जरूरत थी और बुमराह ने इस जरूरत को बखूबी पूरी किया। बुमराह को 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली सीरीज के लिए भारतीय टीम में चुना गया। अपने पहले ही सीरीज में बुमराह ने शानदार प्रदर्शन कर टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। बुमराह ने अब तक खेले 25 एकदिवसीय मैचों में 22 के औसत से 46 विकेट लिए हैं, वहीं 26 टी20 मैचों में 18 के औसत से उनके नाम 36 विकेट दर्ज है। बुमराह अब एकदिवसीय और टी 20 में भारतीय टीम का एक अनिवार्य हिस्सा है और जल्द ही उन्हें टेस्ट टीम में भी जगह मिल सकती है। हार्दिक पांड्या 2015 के सीजन में मुंबई इंडियंस के साथ शुरू हुआ हार्दिक पांड्या का सफर अब ऐसे मुकाम पर पहुंच गया है कि उनकी तुलना भारत ही नहीं विश्व के सर्वश्रेष्ठ आलरॉउंडर्स में से एक कपिल देव से की जाने लगी है। पांड्या ने टीम इंडिया की दशकों पुरानी हरफनमौला की तलाश को पूरा किया है। वह ना सिर्फ सूझ-बूझ से अच्छी और सटीक गेंदबाजी करते हैं बल्कि पारी के अंत में आकर लंबे-लंबे छक्के लगाने में भी सक्षम हैं। आईपीएल में प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद पांड्या को 2016 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टी20 टीम में पहली बार चुना गया। हालांकि इस मैच में पांड्या को बल्लेबाजी और गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला। लेकिन आने वाले मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन करके पांड्या ने धीरे-धीरे क्रिकेट के तीनों प्रारुपों में जगह बना ली। पांड्या ने अब तक खेले 26 एकदिवसीय मैचों में 40 के औसत से 530 रन बनाए हैं और 29 विकेट भी लिए हैं। 20 टी20 मैचों में पांड्या के नाम 26.37 के औसत से 16 विकेट और 100 रन दर्ज है। विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अभी हाल ही में खत्म हुई एकदिवसीय श्रृंखला में पांड्या ने 54 की औसत से चार पारियों में 222 रन बनाए वहीं पांच मैचों में छह विकेट लिए। उनके हाल के कारनामों ने दिखाया है कि उनके पास आगे एक बेहतरीन भविष्य है। लेखक - देवानाथन वरूण अनुवादक - सागर