ज़िम्बाब्वे में चल रही सीरीज़ ने एक बात तो साबित कर दिया कि भारत की युवा टीम भी कितनी अच्छी हैं। जो कनडिशन ज़िम्बाब्वे में हैं, वहां बड़ी साझेदारी बनाना कितना मुश्किल हैं, लेकिन लोकेश राहुल ने दिखाया कि कैसे इन सब चीजों से लड़ा जाता हैं और इसके साथ ही उन्होने अपने पहले मैच में ही शानदार शतक लगाया।
हालांकि भारतीय टीम में कुछ ऐसे क्रिकेटर्स भी रहे, जिनके लिए ज़िम्बाबवे टूर उनके क्रिकेट करियर का आखिरी टूर बन गया। आइये नज़र डालते हैं 5 ऐसे क्रिकेटर्स और उनके आखिरी प्रदर्शन पर :
1- राहुल सांघवी
भारत के लिए एक टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले राहुल संघवी, इस समय दिल्ली की डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट के मुख्य चयनकर्ता के साथ-साथ मुंबई इंडियंस टीम के मैनेजर भी हैं।
अपने 2 साल के करियर में, राहुल ने 10 वनडे मुकाबलों में भारत की तरफ से खेले, उन्होने अपना आखिरी मुक़ाबला 30 सितंबर को हरारे में खेला था। उस मैच में इन्होने 7.5 की इकोनोमी से रन खर्च किए और बल्ले के साथ भी वो 19 गेंद में सिर्फ 8 रन ही बनाए।
उनके करियर में एक मात्र रिकॉर्ड जो उनके नाम रहा वो था रणजी का 1997-98 सीजन, जिसमे इन्होने हिमाचल के खिलाफ खेलते हुए 15 रन देकर 8 विकेट अपने नाम किया।
2- मनोज तिवारी
अगर मनोज तिवारी के करियर की बात की जाए तो 2012 ही उनके लिए सबसे यादगार रहा, जहां उन्होने कोलकता नाइटराइडर्स के लिए शानदार प्रदर्शन किया। अगर उनकी उपलब्धियों को देखा जाए तो, ज़्यादातर बार आईपीएल ही दिमाग में आएगा।
तिवारी के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में सिर्फ 1 शतक मौजूद हैं, जो उन्होने 2011 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ चेन्नई में मारा था। उसके अलावा उनका करियर 2015 में हुई ज़िम्बाब्वे के दौरे के बाद से लड़खड़ा सा गया हैं।
उन्होने उस दौरे के आखिरी मैच में इन्होने 33 गेंदों पर सिर्फ 10 रन ही बनाए। वो सीरीज़ इंडिया ने 3-0 से जीती थी। तिवारी का आईपीएल और घरेलू सीरीज़ में प्रदर्शन शानदार रहा हैं।
3- रॉबिन उथप्पा
रॉबिन उथप्पा ने अपना आखिरी टी-20 और वनडे मुक़ाबला 2015 में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में खेला था। उनके करियर की शुरुआत शानदार रही थी, जहां उन्होने अपने पहले ही मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 2006 में 86 रनों की पारी खेली थी। जिसका रिकॉर्ड हाल ही में लोकेश राहुल ने तोड़ा था।
उन्होने अपने लास्ट मैच में 44 गेंदो पर 31 रन बनाए थे। उस साल वो रणजी ट्रॉफी में कर्नाटक के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी थे।
4- नमन ओझा
यह कहना कि नमन ओझा का लिमिटेड ओवर्स करियर खत्म हो गया हैं, तो यह काफी जल्दी होगा। हालांकि उन्होने अपना आखिरी इंटरनेशनल मुक़ाबला 2010 में खेला था। जहां उन्होंने एक वनडे और 2 टी-20 मुक़ाबले खेले थे।
इस दौरे के बाद उन्होने 2015 में श्रीलंका के खिलाफ 32 साल साल की उम्र में अपने टेस्ट करियर का आगाज किया। उनका आखिरी 50 ओवर मुक़ाबला ज़िम्बाब्वे के खिलाफ था, जहां उन्होने भारत के लिए ओपनिंग की थी और 18 गेंदो पर 10 रन बनाए थे।
ओझा ने आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदरबाद के लिए अच्छा प्रदर्शन किया हैं।
5- मुरली विजय
2015 का ज़िम्बाब्वे दौरा काफी क्रिकेटर्स के लिए उनकी आखिरी सीरीज़ साबित हुआ हैं। मुरली विजय उन्हीं में से एक हैं। वो इंडिया की टेस्ट टीम के सदस्य लगातार रहे हैं, पर क्रिकेट के छोटे फोर्मेट में वो ज़िम्बाब्वे दौरे के बाद से नज़र नहीं आए।
उनका आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स के साथ प्रदर्शन शानदार रहा, जिसकी बदौलत वो इंडियन टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे और टेस्ट क्रिकेट में उन्होने अपनी छाप भी छोडी।
विजय के नाम टेस्ट क्रिकेट में 6 शतक दर्ज हैं। लेकिन उन्होने अपना आखिरी लिमिटेड ओवर मुक़ाबला 2015 में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ खेला था। जहां उन्होने दूसरे टी-20 में 11 गेंदो पर 13 रन बनाए थे।
लेखक- दीपशिखा चैटरजी, अनुवादक- मयंक महता
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