#2. मोइन-उल-हक स्टेडियम, पटना
हाल ही में फिर से बनी बिहार की रणजी टीम ने बिहार में क्रिकेट को एक नया जीवनदान दे दिया है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में आंतरिक राजनीति के कारण, बिहार में क्रिकेट कोसों दूर पीछे चला गया है।
बिहार के पटना में स्थित क्रिकेट का एकमात्र मोइन-उल-हक स्टेडियम, दो अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी कर चुका है। 25000 की क्षमता वाली इस स्टेडियम के बुनियादी ढांचे में कमी के कारण इसे खारिज कर दिया गया है। हालात इतने खराब है कि इस स्टेडियम में स्थानीय टूर्नामेंट भी नहीं होते हैं।
इस स्टेडियम को उस समय के आधुनिक तकनीकों से बनाया गया था, लेकिन रखरखाव में अनदेखी के कारण स्टेडियम की हालत अब बत्तर हो चुकी है। बिहार के विभाजन के बाद, आज तक यहाँ एक भी रणजी मैच का आयोजन नहीं किया गया है। खिलाड़ियों को अपने कौशल को विकसित करने के लिए उपयुक्त संसाधन न मिल पाने की वजह से क्रिकेट खेलने का सपना छोड़ने पर मजबूर होना पड़ता है। हालांकि, बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने इस स्टेडियम को फिर से एक अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाने का एलान कर दिया है।