5 स्टार भारतीय खिलाड़ी जिन्हें विश्वकप 2019 में खेलने का मौका नहीं मिल सकता

चैंपियंस ट्रॉफी अब खत्म हो गयी है, सभी टीमें साल 2019 में होने वाले विश्वकप की तैयारी में लग गयी हैं। जो समय बचा है, इस दौरान सभी टीमों को अपनी खामियों पर काम करने का मौका है। भारतीय टीम का प्रदर्शन चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार रहा है, टीम का पूरा ध्यान विश्वकप की तैयारी पर लग गया है। हालांकि कई प्रतिभावान खिलाड़ी अभी भी टीम में जगह नहीं बना पाएं। जिन्हें चयनकर्ताओं समय रहते टीम में मौका देने की जरूरत है। टीम की कमजोरी भी उभरकर सामने आई है, जिसके हिसाब से ही टीम को तैयारी करनी है। आने वाले समय में चयनकर्ता कुछ कड़े निर्णय ले सकते हैं, जिनमें कई सीनियर खिलाड़ियों पर गाज गिर सकती है और कई युवाओं को टीम में शामिल किया जा सकता है। इस लेख में हम आपको एक कयास के जरिये ये बता रहे हैं कि वह कौन से खिलाड़ी हैं, जिन्हें विश्वकप 2019 में भारतीय टीम की जर्सी में आप नहीं देख सकते हैं: दिनेश कार्तिक कार्तिक टीम इंडिया से लम्बे समय से बाहर चल रहे थे, लेकिन अपने बेहतरीन घरेलू प्रदर्शन के बदौलत उन्होंने दोबारा टीम में जगह बनाई है। लेकिन वापसी के बाद उन्हें एक भी मैच में जगह नहीं मिली है। क्योंकि टीम के विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी अभी तक एमएस धोनी के कंधों पर ही रही है। हालांकि कार्तिक ने खुद को बतौर बल्लेबाज़ भी तराशा है, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें टीम में जगह नहीं मिली है। एशिया कप 2014 में कार्तिक ने अपना आखिरी वनडे मुकाबला अफगानिस्तान के खिलाफ खेला था। चैंपियंस ट्रॉफी में भी सबको पता चल गया था कि वह सिर्फ उन्हें मैदान पर उतरने का मौका नहीं मिलेगा। मनीष पाण्डेय और केएल राहुल की वापसी और रहाने जिस तरह से रन बना रहे हैं, उससे कार्तिक का टीम में बने रहना निश्चित नहीं है। यहां तक अगर धोनी भी टीम में नहीं होंगे तो पन्त, सैमसन या फिर राहुल को बतौर विकेटकीपर मौका मिल सकता है। साल 2019 में कार्तिक का टीम में होना असम्भव सा लग रहा है। वह जल्द ही टीम से बाहर किये जा सकते हैं। वह खुद को दुर्भाग्यशाली मान सकते हैं, क्योंकि उनके समय में भारत की तरफ इस युग का सबसे बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज़ खेला। केदार जाधव केदार जाधव का प्रदर्शन घरेलू स्तर पर बेहद शानदार रहा है, जिसकी वजह से उन्हें टीम इंडिया में मौका मिला। उन्हें धोनी के बाद भारतीय टीम का अगला फिनिशर माना जाता है। वह एकमात्र ऐसे क्रिकेटर रहे हैं, जिन्हें जिम्बाब्वे के दौरे पर गयी लो-प्रोफाइल टीम में मौका दिया गया। जाधव को चैंपियंस ट्रॉफी में धोनी और युवराज के साथ अतिरिक्त बल्लेबाज़ के तौर पर शामिल किया गया। जाधव को ज्यादा बल्लेबाज़ी का मौका नहीं मिला और जो मिला वहां उनका प्रदर्शन ठीकठाक रहा है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या ये हैं कि टीम में उनकी क्या भूमिका होगी। उन्हें बल्लेबाज़ी क्रम में ऊपर खिलाना ज्यादा अच्छा होगा। भारतीय टीम प्रबन्धन के सामने ये सबसे बड़ी समस्या है कि 6ठे नंबर पर प्योर बल्लेबाज़ खिलाये क्योंकि अन्य टीम इस क्रम पर ऑलराउंडर को तरजीह देती हैं। ऐसे में टीम में उनकी जगह बन नहीं रही है। सुरेश रैना साल भर पहले एमएस धोनी ने खुद को बल्लेबाज़ी क्रम में ऊपर किया था। उस वक्त सुरेश रैना बतौर फिनिशर सबसे उपयुक्त कैंडिडेट थे। क्योंकि पूर्व में रैना ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई भी थी। वह जब भी बल्लेबाज़ी क्रम में नीचे आते थे, पहली गेंद से हिट करना शुरू कर देते थे। वहीं टी-20 क्रिकेट में रैना तीसरे नंबर के सबसे शानदार बल्लेबाज़ रहे हैं। लेकिन रैना मिले हुए मौके का फायदा नहीं उठा पाए, साल 2015 के ढलान में रैना की फॉर्म खराब होती गयी। फॉर्म के अलावा उनकी फिटनेस में भी गिरावट आने लगी। खासकर शार्ट बॉल उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गयी। रैना टीम से बाहर हो गये और अब वह बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से भी बाहर हो गये हैं। इसके अलावा वेस्टइंडीज दौरे पर गई भारतीय टीम से भी उन्हें बाहर कर दिया गया। जो उनके भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं। ऐसे में अब सबको इस बात का आभास होने लगा है कि रैना का करियर अब अंत की ओर बढ़ चला है, क्योंकि विश्वकप 2019 तक उनकी टीम इंडिया में वापसी असंभव सी लग रही है। युवराज सिंह आधुनिक भारतीय क्रिकेट में युवराज सिंह को कमबैक मैन कहा जाता है। वह पिछले डेढ़ दशक से शानदार क्रिकेट खेलते आये हैं। साल 2011 में युवराज सिंह ने भारत को विश्वकप दिलाने में अहम योगदान निभाया था। जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट का ख़िताब भी मिला था। उसके बाद उन्होंने लंग कैंसर को मात भी दिया। कैंसर की जंग जीतने के बाद युवराज सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार वापसी की। लेकिन वह टीम में आते-जाते रहे। लेकिन जब भी उन्होंने वापसी की वह शानदार रही। घरेलू सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन के बदौलत युवराज सिंह को भारतीय टीम में जगह मिली। इंग्लैंड के खिलाफ बढ़िया प्रदर्शन के चलते युवराज सिंह को चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम में जगह मिली। उनका प्रदर्शन मिला जुला रहा। पाकिस्तान के साथ पहले मैच में युवराज ने अर्धशतक बनाया उसके बाद उनके प्रदर्शन पर नजर रखें तो उनके टीम से बाहर होने के चांस बढ़ गये हैं। ऐसे में साल 2019 के वर्ल्डकप में उनका खेल पाना अब असम्भव सा लग रहा है। एमएस धोनी इस लिस्ट में धोनी का नाम होना भले ही पाठकों को हैरत में डाले, लेकिन बीते कुछ दिनों के प्रदर्शन के आधार पर उन्हें इस लिस्ट में शामिल किया गया है। हालांकि धोनी ने अपने पूरे करियर में आलोचना को बहुत ही शांत मन से स्वीकार करते हुए बल्ले से उसका जवाब दिया है। बतौर विकेटकीपर धोनी आज भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। लेकिन बल्ले से उनका योगदान न दे पाना टीम के लिए महंगा साबित हो जाता है। अभी तक उनके अनुभव को तरजीह देकर टीम में उनकी जगह बनी रही है। लेकिन साल 2019 के विश्वकप तक उन्हें इस चीज का फायदा मिलता रहेगा ये असम्भव सा है। पहले की तरह वह अब उतने खतरनाक बल्लेबाज़ नहीं रहे हैं। युवा विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऋषभ पन्त ने जिस तरह से खुद भारत के अगले विकेटकीपर के तौर पर खुद को साबित किया है। उसके इर्द-गिर्द संजू सैमसन कहीं नहीं टिकते हैं। इसके अलावा केएल राहुल जल्द ही चोट से उबरकर टीम में वापसी करेंगे। साथ ही बतौर फिनिशर मनीष पाण्डेय को मौके की दरकार है। इसके अलावा हार्दिक पांड्या की हालिया फॉर्म को देखते हुए उन्हें बल्लेबाज़ी क्रम में ऊपर मौके की तलाश है। ऐसे में एमएस धोनी अब टीम में फिट नहीं बैठ रहे हैं। टेस्ट में सीरिज के बीच में विराट कोहली को कप्तानी सौंपने वाले एमएस धोनी क्रिकेट के दीवानों को 2019 से पहले एक बार फिर बड़ा निर्णय लेकर हैरान कर सकते हैं।

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