साल भर पहले एमएस धोनी ने खुद को बल्लेबाज़ी क्रम में ऊपर किया था। उस वक्त सुरेश रैना बतौर फिनिशर सबसे उपयुक्त कैंडिडेट थे। क्योंकि पूर्व में रैना ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई भी थी। वह जब भी बल्लेबाज़ी क्रम में नीचे आते थे, पहली गेंद से हिट करना शुरू कर देते थे। वहीं टी-20 क्रिकेट में रैना तीसरे नंबर के सबसे शानदार बल्लेबाज़ रहे हैं। लेकिन रैना मिले हुए मौके का फायदा नहीं उठा पाए, साल 2015 के ढलान में रैना की फॉर्म खराब होती गयी। फॉर्म के अलावा उनकी फिटनेस में भी गिरावट आने लगी। खासकर शार्ट बॉल उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गयी। रैना टीम से बाहर हो गये और अब वह बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से भी बाहर हो गये हैं। इसके अलावा वेस्टइंडीज दौरे पर गई भारतीय टीम से भी उन्हें बाहर कर दिया गया। जो उनके भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं। ऐसे में अब सबको इस बात का आभास होने लगा है कि रैना का करियर अब अंत की ओर बढ़ चला है, क्योंकि विश्वकप 2019 तक उनकी टीम इंडिया में वापसी असंभव सी लग रही है।