इस लिस्ट में धोनी का नाम होना भले ही पाठकों को हैरत में डाले, लेकिन बीते कुछ दिनों के प्रदर्शन के आधार पर उन्हें इस लिस्ट में शामिल किया गया है। हालांकि धोनी ने अपने पूरे करियर में आलोचना को बहुत ही शांत मन से स्वीकार करते हुए बल्ले से उसका जवाब दिया है। बतौर विकेटकीपर धोनी आज भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। लेकिन बल्ले से उनका योगदान न दे पाना टीम के लिए महंगा साबित हो जाता है। अभी तक उनके अनुभव को तरजीह देकर टीम में उनकी जगह बनी रही है। लेकिन साल 2019 के विश्वकप तक उन्हें इस चीज का फायदा मिलता रहेगा ये असम्भव सा है। पहले की तरह वह अब उतने खतरनाक बल्लेबाज़ नहीं रहे हैं। युवा विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऋषभ पन्त ने जिस तरह से खुद भारत के अगले विकेटकीपर के तौर पर खुद को साबित किया है। उसके इर्द-गिर्द संजू सैमसन कहीं नहीं टिकते हैं। इसके अलावा केएल राहुल जल्द ही चोट से उबरकर टीम में वापसी करेंगे। साथ ही बतौर फिनिशर मनीष पाण्डेय को मौके की दरकार है। इसके अलावा हार्दिक पांड्या की हालिया फॉर्म को देखते हुए उन्हें बल्लेबाज़ी क्रम में ऊपर मौके की तलाश है। ऐसे में एमएस धोनी अब टीम में फिट नहीं बैठ रहे हैं। टेस्ट में सीरिज के बीच में विराट कोहली को कप्तानी सौंपने वाले एमएस धोनी क्रिकेट के दीवानों को 2019 से पहले एक बार फिर बड़ा निर्णय लेकर हैरान कर सकते हैं।