इंडियन प्रीमियर लीग के अब तक 9 सीजन हो चुके हैं। दसवें सीजन की तैयारी चल रही है। अब तक के 9 सीजन से कई ऐसे युवा भारतीय खिलाड़ी निकले हैं जिन्होंने भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई। इन खिलाड़ियों ने आईपीएल में अपने प्रदर्शन के बलबूते भारतीय नेशनल टीम में अपनी जगह बनाई। 2017 के सीजन में भी कई सारे युवा भारतीय खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। अब देखना ये है कि उनका प्रदर्शन इस आईपीएल सीजन में कैसा रहता है और क्या आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करके वो नेशनल टीम में अपनी जगह बना पाएंगें। ईशान किशन, उन्मुक्त चंद और इशांक जग्गी जैसे युवा प्लेयर आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करके नेशनल टीम में जगह जरुर बनाना चाहेंगें। यहां पर हमने उन खिलाड़ियों की लिस्ट तैयार की है जिन्होंने आईपीएल से अपनी पहचान बनाई। 5.अंबाती रायडू घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद अंबाती रायडू को भारतीय टीम में नियमित जगह नहीं मिली। वो टीम से अंदर-बाहर होते रहे। बीत-बीच में उन्हें कभी-कभार एक, दो मैच खेलने का मौका मिलता रहा है। 2007 में उन्होंने इंडियन क्रिकेट लीग में भी खेला। उससे पहले घरेलू मैचों में उनका रिकॉर्ड था, लेकिन आईसीएल के बाद उनके प्रदर्शन में गिरावट आने लगी। हालांकि 2009 में उन्होंने घरेलू क्रिकेट में फिर से वापसी की। बड़ौदा की तरफ से खेलते हुए उन्होंने अपनी खोयी हुई फॉर्म को हासिल किया और अच्छे रन बनाए। 2010 में मुंबई इंडियंस ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया। रायडू ने घरेलू क्रिकेट की तरह आईपीएल में भी अपना जलवा कायम रखा। आईपीएल और घरेलू मैचों में उनके मेहनत का नतीजा रंग लाया और 2013 में जिम्बॉब्वे के खिलाफ उन्होंने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैच खेला। अपने पहले ही वनडे मैच में अंबाती रायडू ने शानदार अर्धशतकीय पारी खेली और विराट कोहली के साथ मिलकर मैच विनिंग साझेदारी की। 34 वनडे मैचों में रायडू का औसत करीब 50 का है लेकिन फिर भी उन्हें टीम में नियमित जगह नहीं मिलती है। इस आईपीएल सीजन में भी वो मुंबई इंडियंस की टीम का हिस्सा होंगें। 4. सौरभ तिवारी 2008 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में सौरभ तिवारी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। वहीं अपनी घरेलू टीम झारखंड की तरफ से भी उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की। 2008 के पहले आईपीएल में मुंबई इंडियंस ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया। हालांकि पहले सीजन में उन्हें ज्यादा मैचों में मौका नहीं मिला लेकिन 2010 के सीजन से वो टीम का नियमित हिस्सा बन गए। मुंबई इंडियंस की तरफ से खेलते हुए उन्होंने मध्यक्रम में अंबाती रायडू के साथ मिलकर काफी अच्छी साझेदारियां की। 2010 के आईपीएल सीजन में सौरभ तिवारी ने 29.92 की औसत से 309 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 3 अर्धशतक भी लगाया। 2010 के आईपीएल में शानदार प्रदर्शन का उन्हें ईनाम मिला और एशिया कप के लिए उन्हें भारतीय टीम में चुन लिया गया। हालांकि एशिया कप में उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। उसी साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विशाखापट्टनम वनडे मैच से उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का आगाज किया। हालांकि वनडे मैचों में उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली और वो महज 3 वनडे मैच ही अभी तक खेल पाए हैं। 2011 के आईपीएल सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने भारी-भरकम रकम के साथ उन्हें खरीदा लेकिन वो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। मुंबई इंडियंस की टीम से अलग होने के बाद से ही सौरभ तिवारी आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। इस आईपीएल सीजन में वो जरुर अपने रनों के सूखे को खत्म करना चाहेंगें। 3. प्रज्ञान ओझा प्रज्ञान ओझा अकेले ऐसे भारतीय गेंदबाज हैं जो इंडियन प्रीमियर लीग में पर्पल कैप जीत चुके हैं। 2010 के सीजन में डेक्कन चार्जर्स की तरफ से खेलते हुए उन्होंने 21 विकेट भी चटकाए थे। आईपीएल के पहले 2 सीजन में उन्होंने प्रभावशाली गेंदबाजी की थी। 2009 में डेक्कन चार्जर्स की आईपीएल विनिंग टीम का वो हिस्सा थे और चार्जर्स की जीत में उनका अहम योगदान था। घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन की वजह से उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने का मौका मिला। उन्हें बांग्लादेश और 2008 के एशिया कप के लिए टीम में शामिल किया गया। 2009 में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया। रविचंद्रन अश्विन के साथ मिलकर अगले कुछ सालों तक उन्होंने शानदार गेंदबाजी की। रविद्र जडेजा के आने के बाद प्रज्ञान ओझा टीम में अपना स्थान को बैठे। संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन पाए जाने की वजह से उन पर दिसंबर 2014 में गेंदबाजी पर रोक भी लगा दिया गया था। हालांकि जनवरी 2015 में उन्हें क्लीन चिट दे दी गई। 2. युसुफ पठान आईपीएल से पहले आक्रामक बल्लेबाज यूसुफ पठान ने बड़ौदा की तरफ से खेलते हुए रणजी ट्रॉफी में अच्छे-खासे रन बनाए। 2008 में पहले आईपीएल सीजन में वो राजस्थान रॉयल्स की विनिंग टीम का हिस्सा थे। पहले आईपीएल सीजन में पठान ने धमाकेदार प्रदर्शन किया था और फाइनल मुकाबले में मैन ऑफ द् मैच चुने गए थे। उस सीजन में यूसुफ पठान ने 31.07 की औसत और 179.01 की शानदार स्ट्राइक रेट से 435 रन बनाए थे। आईपीएल में उनके धमाकेदार प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें 2008 में एशिया कप के लिए भारतीय टीम में चुन लिया गया। न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में उन्होंने कई मैच जिताऊ पारियां खेली। हालांकि उसके बाद लगातार खराब प्रदर्शन की वजह से उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। भारतीय टीम से बाहर होने के बावजूद आईपीएल में युसुफ पठान का शानदार खेल जारी रहा। इस साल वो कोलकाता नाइट राइडर्स की जर्सी में दिखेंगें। 1.अक्षर पटेल स्पिन गेंदबाज अक्षर पटेल ने 2013 के रणजी सीजन में गुजरात की तरफ से शानदार गेंदबाजी की। इसी वजह से 2014 के आईपीएल सीजन में किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया। पहले आईपीएल सीजन में अक्षर पटेल काफी सफल रहे और उन्होंने 17 विकेट चटकाए। इसकी वजह से किंग्स इलेवन पंजाब की टीम पहली बार आईपीएल के फाइनल में पहुंची। अगले सीजन में भी उन्होंने शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन किया। उन्होंने 13 विकेट चटकाने के साथ ही 206 रन भी बनाए। 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच से उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का आगाज किया। 2015 के वर्ल्ड कप में वो भारत की 15 सदस्यीय टीम का हिस्सा थे। अभी तक वो भारत की तरफ से 34 वनडे और 7 टी-20 मैच खेल चुके हैं। लेखक-राजदीप पुरी अनुवादक-सावन गुप्ता