2016-17 की रणजी ट्रॉफी में इस समय चौथे दौर के मुकाबले चल रहे हैं। इस सीजन में अब तक कई ऐसे शानदार व्यक्तिगत प्रदर्शन देखे गए हैं जिसमें गेंदबाजी और बल्लेबाजी शामिल हैं, और ये कमाल करने वाले ज्यादातर युवा खिलाड़ी हैं, जो इस वक्त भारतीय टीम में जगह पाने के लिए बिल्कुल सही हैं। हालांकि, इसमें कुछ अनुभवी खिलाड़ी भी शामिल है, जो युवा खिलाड़ियों को हर मुकाबले में कड़ी टक्कर दे रहे हैं। ये खिलाड़ी भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं लेकिन मौजूदा समय में ये कहीं भी भारतीय टीम में अपनी जगह बनाते हुए नहीं दिख रहे हैं। इसके पीछे वजह है इनका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ने में पूरी तरह विफल होना। एक नजर उन खिलाड़ियों पर जिन्हें भारतीय टीम ने नकार दिया लेकिन उन्होंने इस वर्ष रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया:
पंकज सिंह
राजस्थान के तेज गेंदबाज ने 2010 में अंतर्राष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में जिब्बावे के खिलाफ डेब्यू किया था। उस सीरीज में असफल होने के बाद, वो भारतीय टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे। हालांकि, 2014 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में इस खिलाड़ी ने काफी निराश किया और 2 टेस्ट मैच में सिर्फ 2 विकेट ही हासिल कर सके। उसके बाद से, 31 वर्षीय ये खिलाड़ी चयनकर्ताओं को प्रभावित करने में नाकाम रहा। हालांकि, घरेलू क्रिकेट में काफी शानदार खेल दिखा रहे हैं। पंकज सिंह इस वक्त चल रही रणजी ट्रॉफी में बेहतरीन गेंदबाजी कर हाईएस्ट विकेट टेकर हैं, उन्होंने अब तक इस सीजन में 6 पारियों में कुल 22 विकेट लिए हैं जिसमें उनकी औसत 16 रही है। उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन इस वर्ष असम के खिलाफ देखने को मिला, जहां उन्होंने एक पारी में 65 रन देकर 9 विकेट झटके और राजस्थान को जीत दिलाई। अभिनव मुकुंद
तमिलनाडु के ओपनिंग बल्लेबाज अभिनव मुकुंद अब तक पांच टेस्ट मैच में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, ये मैच उन्होंने 2011 में खेले थे। उन्होंने किंग्सटन में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मे डेब्यू किया था लेकिन वहां वो अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे और 11 और 25 रन बनाए। हालांकि, अगले दो टेस्ट में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 48 और 62 रन बनाए जिसके बाद मुकुंद इंग्लैंड टूर के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे। इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज की अच्छी शुरुआत की और पहले मैच में 49 रन बनाए लेकिन उसके बाद वो बाकि 3 मैच में महज 15 रन ही जोड़ पाए। उसके बाद अभिनव मुकुंद भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाए लेकिन वो लगातार घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस 26 वर्षीय खिलाड़ी ने रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में अब तक 50 से ज्यादा की औसत से कुल 338 रन बनाए हैं, जिसमें पिछले दो मैचों उन्होंने लगातार दो शतक जड़े हैं। मोहित शर्मा
एक वर्ष पहले तक, मोहित शर्मा सीमित ओवर के खेल में टीम इंडिया के नियमित गेंदबाज थे और कप्तान एमएस धोनी के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी भी थे। 2013 में जिब्बावे के खिलाफ वनडे में डेब्यू करने के बाद से अब तक हरियाणा के इस गेंदबाज ने कुल 26 वनडे और 8 टी20 खेले हैं। 2015 आईसीसी वर्ल्ड कप के दौरान मोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलियन पिचों पर बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए 8 मुकाबलों में 13 विकेट झटके जिसमें उनका औसत 24 रहा था। हालांकि घरेलू मैदान पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में वो कोई खास कमाल नहीं कर पाए जिसके बाद से अब तक उन्हें भारतीय टीम में वापसी करने का मौका नहीं मिला। ये मीडियम पेसर, इस वक्त रणजी ट्रॉफी में शानदार गेंदबाजी कर रहे हैं और इस सीजन में हरियाणा की सफलता में अब तक काफी योगदान दे चुके हैं। मोहित शर्मा ने इस सीजन में खेले गए चार मुकाबलों में 13.56 की औसत से 16 विकेट अपने नाम दर्ज कराए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एक पारी में 26 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे। दिनेश कार्तिक
विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक कई बार भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, लेकिन वो टीम इंडिया में अपनी जगह स्थापित करने में असफल रहे हैं। 2004 में उन्होंने वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था, दिनेश कार्तिक ने अब तक कुल 27 टेस्ट, 71 वनडे और 9 टी20 में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। उन्हें हमेशा 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की शानदार जीत में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए याद किया जाता है। सीमिंग कंडीशन्स पर, कार्तिक टीम के लिए नियमित ओपनिंग बल्लेबाजी कर रहे थे और उन्होंने 6 पारियों में 263 रन बनाए जिसमें 3 अर्धशतक भी शामिल थे और वो उस सीरीज में भारतीय टीम के हाईएस्ट रन स्कोरर थे। हालांकि, इसके बाद वो अपनी फॉर्म से साथ जुझते नजर आए और लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में चूंकने लगे, जिसके बाद एमएस धोनी के रहते टीम में एक और विकेटकीपर बैट्समैन की जगह नहीं बन रही थी और दिनेश कार्तिक टीम से बाहर हो गए। लेकिन रणजी ट्रॉफी में वो अपनी घरेलू टीम तमिल नाडु के लिए स्टार बल्लेबाज हैं और इस सीजन मे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी का तमगा भी उनके नाम है। इस सीजन में अब तक खेली 6 पारियों में, 62.50 की उम्दा औसत से शानदार 375 रन बनाए हैं इसके साथ उन्होंने 163 रन की पारी खेलकर रेलवे को 174 रन से मात देने में अहम भूमिका निभाई। युवराज सिंह
युवराज सिंह वो नाम है जिसे किसी पहचान की जरुरत नहीं है, खास तौर पर जब बात पिछले कई दशकों में भारतीय टीम की हो। इस स्टार क्रिकेटर ने अपने दम पर भारतीय टीम को कई मैच जिताए हैं, साथ ही वर्ल्ड कप 2011 में युवराज सिंह के बेहतरीन प्रदर्शन को कौन भूला सकता है। उन्होंने वर्ल्ड कप में जहां एक ओर अपनी गेंदबाजी का जलवा दिखाया वहीं दूसरी ओर बल्ले से भारतीय टीम की जीच में अपना योगदान दिया। जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज के खिताब से भी नवाजा गया। इसके अलावा उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप में भी अपने बल्ले से कमाल किया था। 2007 टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ युवराज सिंह के 6 गेंदों पर 6 छक्कों को कौन भूल सकता है, जिन्हें आज भी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सुनहरी पलों के तौर पर याद किया जाता है। हालांकि, ये युवराज के 16 वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर में किए अनगिनत अद्भुत कारनामों में से सिर्फ एक उपलब्धि है। वर्तमान समय में, युवराज सिंह आज उस जगह पहुंच चुके हैं जहां वो भारतीय टीम के तीनों फॉर्मेट से बाहर हैं। हालांकि इसी वर्ष उन्हें एशिया कप और वर्ल्ड टी20 के लिए भारतयी टी20 टीम में शामिल किया गया। लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ अमेरिका के फ्लोरिडा में हुए टी20 में वो भआरतीय टीम में अपनी जगह बनाने में नाकाम रहे। लेकिन युवराज सिंह भारतीय टीम में वापसी करने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं जिसके लिए वो रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक इस सीजन में पंजाब की ओर से खेलते हुए युवराज सिंह ने 7 पारियों में जबर्दस्त बल्लेबाजी करते हुए 506 रन बनाए हैं जिसमें उनका औसत 84.33 रहा।