विश्वकप विजेता टीम के सदस्य ये 5 भारतीय दिग्गज भव्य विदाई डिजर्व करते हैं

भारत ने साल 2011 में 50 ओवर के फॉर्मेट में श्रीलंका को हराकर 28 साल विश्वकप जीता था। इस ऐतिहासिक पल को आज भी कोई नहीं भूल सकता है। रवि शास्त्री की कमेंट्री ने इस महान पल को हमारे जहन में सदा के लिए यादगार बना दिया था। साथ ही धोनी और कुलशेखरा इस खास मोमेंट को कभी नहीं भूल सकते हैं। इस विश्वकप को जिताने वाले कई खिलाड़ी 6 वर्ष बाद भी मैदान पर सक्रिय हैं। जिनमें कई खिलाड़ी अपने करियर के आखिरी मुकाम पर हैं। जो एक भव्य विदाई डिजर्व करते हैं।

युवराज सिंह

युवराज सिंह ने वर्षों से भारतीय क्रिकेट की सेवा बेहद भावनात्मक, लगन और पूरी तरह से समर्पित होकर की है। कैंसर जैसे जानलेवा बीमारी से उबरने के बाद युवराज ने जिस तरह मेहनत करके टीम में वापसी की उससे उनके क्रिकेट के प्रति प्यार और भारत के लिए खेलने के जज्बे का अंदाजा लगाया जा सकता है। वह उन भारतीय खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्हें भव्य विदाई की जरूरत है। साल 2011 के वर्ल्डकप के हीरो रहे युवराज 6 साल बाद भी भारतीय टीम के लिए मैच जिताऊ पारी खेल रहे हैं। विश्वकप में उनके ऑलराउंड प्रदर्शन ने टीम को विजेता बनाने में अहम योगदान दिया था। उस विश्वकप में युवराज मैन ऑफ़ द सीरिज रहे थे, मौजूदा समय में वह चैंपियंस ट्रॉफी में टीम का हिस्सा हैं और उनकी पारी की बदौलत भारत ने पाक को बड़े अंतर से हराया है।

महेंद्र सिंह धोनी

फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 91 रनों की पारी खेलने वाले पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने भारत को अपने दम पर कई मैच जिताए हैं। कई बार तो उन्होंने हारी हुई बाज़ी को पलटते हुए टीम को जीत दिलाई है। इसके अलावा वह मौजूदा समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर हैं। धोनी ने जिस तरह से भारतीय टीम की सेवा की है, उसे देखते हुए उन्हें भारतीय क्रिकेट प्रबन्धन की ओर से भव्य विदाई जरुर मिलना चाहिए। धोनी की कप्तानी में भारत ने आईसीसी के सभी इवेंट को भी जीता है। इस साल की शुरुआत में धोनी ने भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूप से कप्तानी छोड़कर विराट को नेतृत्व का मौका दिया। जबकि टीम में वह बतौर खिलाड़ी अब भी शामिल हैं।

गौतम गंभीर

बीते एक दो साल में गंभीर को टीम इंडिया में खेलने का मौका बहुत कम ही मिला है। हालाँकि उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। लेकिन चयनकर्ताओं ने दिल्ली के इस बल्लेबाज़ को मौका नहीं दिया है। गंभीर ने साल 2011 के वर्ल्डकप में भारत की लड़खड़ाती पारी को न सिर्फ संभाला था, बल्कि धोनी के साथ मिलकर मैच को भारत के पक्ष में किया था। गंभीर ने प्रभावी 97 रन की पारी खेली थी। गंभीर की उम्र अभी 35 वर्ष है और उनका अभी भारत के खेलने का सपना बरकरार है। इसके लिए वह लगातार मेहनत कर रहे हैं, घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन भी किया है।

हरभजन सिंह

हरभजन सिंह भारत के बेहतरीन स्पिनरों में से एक हैं, जिन्होंने सभी फॉर्मेट में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। हालांकि मौजूदा समय में वह टीम से बाहर चल रहे हैं। लेकिन वह एक ऐसे खिलाड़ी जो भारतीय क्रिकेट प्रबन्धन की ओर से बेहतरीन विदाई डिजर्ब करते हैं। भज्जी ने भारत के लिए कई बार मैच जिताऊ प्रदर्शन किया है। साल 2011 के विश्वकप में भज्जी ने शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने विपक्षी टीम के सामने लक्ष्य का पीछा करने के दौरान रुकावटें डाली थी। भारत के लिए लम्बे समय तक शानदार प्रदर्शन करने वाले हरभजन सिंह का प्रदर्शन घरेलू क्रिकेट में और आईपीएल में बेहतरीन रहा है। जिससे वह आज भी टीम में वापसी को बेकरार हैं।

आशीष नेहरा

भारतीय क्रिकेट में जब भी तेज गेंदबाजों की बात होगी आशीष नेहरा का नाम उसमें जरुर शामिल होगा। नेहरा जैसा प्रतिभावान गेंदबाज़ भारत को आज तक नहीं मिला है, लेकिन चोट की वजह से उनका करियर लम्बा तो रहा लेकिन वह ज्यादा मैच नहीं खेल पाए। हालाँकि नेहरा ने अपनी फिटनेस पर जमकर काम किया और भारतीय टीम में ढलती उम्र में वापसी की। मौजूदा समय में वह भारतीय टी-20 का हिस्सा हैं। इसके अलावा विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम में नेहरा का योगदान अद्भुत था। पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में उनका स्पेल शानदार रहा था। 38 वर्ष के नेहरा जी उन खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्हें भव्य विदाई मिलनी चाहिए।

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