भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच हमेशा अच्छी क्रिकेट खेली गई है और इसकी यादें बेहद शानदार रही हैं। इन दोनों देशों के बीच पहला टेस्ट 1948 में खेला गया था। भारत ने 1971 तक वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ कभी जीत हासिल नहीं की थी, और ये पहली बार तब हुआ जब सुनील गावस्कर ने डेब्यू करते हुए 774 रन सीरीज़ में बनाए थे। भारत ने वह मैच भी जीता, और सीरीज़ पर भी कब्ज़ा किया था। पिछले कुछ सालों में वेस्टइंडीज़ की टीम के प्रदर्शन में थोड़ी गिरावट ज़रूर आई, लेकिन फिर भी इन दो टीमों के बीच का मुक़ाबला हमेशा दिलचस्प रहता है। आपके सामने हम एक फ़हरीस्त लेकर आए हैं जिसमें कुछ ऐसे भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी शामिल हैं जिन्होंने वेस्टइंडीज़ में हमेशा शानदार प्रदर्शन किया है। सुनील गावस्कर क्रिकेट के इतिहास के सबसे शानदार सलामी बल्लेबाज़ों में से एक भारत के सुनील गावस्कर का इस फ़हरीस्त में नाम रखना लाज़िमी है। टेस्ट क्रिकेट में 10 हज़ार का आंकड़ा पार करने वाले और 30 शतकों तक पहुंचने वाले सुनील गावस्कर पहले बल्लेबाज़ थे। छोटे कद के इस खिलाड़ी को वेस्टइंडीज़ के तेज़ गेंदबाज़ कुछ ज़्यादा ही पसंद थे। जिन गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ दुनिया के बल्लेबाज़ ख़ौफ़ खाते थे उनके ख़िलाफ़ लिटिल मास्टर का रिकॉर्ड अपनी डेब्यू सीरीज़ से ही बेमिसाल रहा है। वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध अपनी पहली सीरीज़ में उन्होंने रिकॉर्ड 774 रन बनाए तो उसके बाद भी लगातार उनके बल्लों से रनों की बारिश आती रही। गावस्कर ने आख़िरी सीरीज़ 1983 में खेली थी, जहां उनके सामने मार्शल, रोबर्ट्स और होल्डिंग की तेज़ तिकड़ी थी। उस सीरीज़ में गावस्कर का उच्चतम स्कोर 236 रन था, जो 2001 में वीवीएस लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ तोड़ा था। तब तक भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी पारी यही थी। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ गावस्कर: मैच-27, रन-2479, औसत-65.45, 100-13, बेस्ट-236* राहुल द्रविड़ भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच 6 टेस्ट मैचों की सीरीज़ में टीम इंडिया की दीवार हमेशा खड़ी रही। द्रविड़ की औसत इन 6 टेस्ट सीरीज़ में 49 से ज़्यादा की थी। 1997 में पहली बार द्रविड़ वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ टेस्ट में नज़र आए थे, जहां उनके सामने कर्टली एम्ब्रोज़, कर्टनी वाल्श और इयान बिशॉप की पेस तिकड़ी थी। इनके सामने भी द्रविड़ की औसत 72 की रही, जिसमें उका बेस्ट स्कोर 92 रन रहा। इसके बाद 2002, 2006 और 2011 में भी राहुल द्रविड़ ने शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए भारत को यादगार जीत दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी, जो 2006 की सीरीज़ में आई थी। भारत ने 35 साल बाद कैरेबियाई सरज़मीं पर कोई मैच जीता था। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ द्रविड़: मैच-23, रन-1978, औसत-63.80, 100-5, बेस्ट-146 वीवीएस लक्ष्मण अगर हैदराबाद के इस खिलाड़ी को कोई गहरी नींद में से उठाकर ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलने के लिए बुला ले, तो भी वीवीएस लक्ष्मण शानदार बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। वीवीएस के लिए कुछ ऐसा ही कहा जाता है, और कंगारुओं के ख़िलाफ़ उनके लाजवाब आंकड़े भी इसके गवाही देते हैं। ऑस्ट्रेलिया के साथ साथ वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ भी टीम इंडिया का ये स्पेशल बल्लेबाज़ ख़ूब रन बना चुका है। लक्ष्मण ने कैरेबियाई टीम के ख़िलाफ़ 22 मैचों में 1715 रन बनाए हैं। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ ही लक्ष्मण ने अपने करियर का आख़िरी शतक लगाया था। कलाई के इस जादूगर के अलावा मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ रन बनाए हैं। लेकिन हमारी इस फ़हरीस्त में लक्ष्मण को इसलिए जगह मिली है क्योंकि भारत के लिए उनका योगदान जीत में सचिन से ज़्यादा रहा है। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 7 मैचो में जो भारत ने जीत दर्ज की, उनमें लक्ष्मण ने 61.62 की औसत से 493 रन बनाए थे। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ लक्ष्मण: मैच-22, रन-1715, औसत-57.16, 100-4, बेस्ट-176* अनिल कुंबले भारतीय क्रिकेट टीम में एक बार फिर अनिल कुंबले की वापसी हुई है, फ़र्क ये है कि इस बार वह हेड कोच हैं। एक खिलाड़ी के तौर पर कुंबले को उनके हार न मानने के जज़्बे के तौर पर देखा जाता था। कुंबले एक पारंपरिक लेग स्पिनर की तरह नहीं थे, बल्कि उनकी गेंद तेज़ आती और उछाल लिया करती थी। 1994 में पहली बार कुंबले ने वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध खेला था, 24 वर्ष की उम्र में अनिल कुंबले ने 13 विकेट हासिल किए थे। उस सीरीज़ में कुंबले के अलावा वेंकटपथी राजू और आशीष कपूर भी स्पिनर के तौर पर टीम में थे। कुंबले ने 1997 में वेस्टइंडीज़ का पहली बार दौरा किया था जहां उन्होंने 19 विकेट हासिल किए थे। कुंबले का 2002 वेस्टइंडीज़ दौरा कोई नहीं भूल सकता जब मर्वन डिल्लन के बाउंसर ने उनके जबड़े को तोड़ दिया था, लेकिन उसके बाद भी वह पट्टी बांध कर मैदान पर आए और गेंदबाज़ी करते हुए दिग्गज ब्रायन लारा का विकेट भी लिया था। हालांकि उसके बाद उन्हें भारत लौटना पड़ा था। 2006 में भी कुंबले वेस्टइंड़ीज़ दौरे पर गए और 23 विकेट हासिल करते हुए टीम इंडिया को 35 सालों बाद वेस्टइंडीज़ में जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ कुंबले: मैच-27, विकेट-74, औसत-29.78, बेस्ट-6/78 कपिल देव हरियाणा हरिकेन के नाम से मशहूर इस भारतीय दिग्गज ने भारत को पहली बार वनडे वर्ल्डकप चैंपियन बनाया। कपिल देव के नाम भारत-वेस्टइंडीज़ टेस्ट मैचों में सबसे ज़्यादा विकेट का रिकॉर्ड है। 25 मैचों में इस पूर्व भारतीय तेज़ गेंदबाज़ ने 89 विकेट हासिल किया, जिसमें अहमदाबाद में वेस्टइंड़ीज़ के ख़िलाफ़ 83 रनों पर 9 विकेट शामिल है। हालांकि वह मुक़ाबला भारत 138 रनों से हार गया था। कपिल देव ने गेंद के साथ साथ बल्ले से भी वेस्टइंड़ीज़ के ख़िलाफ़ 25 मैचों में 1000 से ज़्यादा रन बनाए हैं। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ कपिल ने आख़िरी सीरीज़ 1989 में खेली थी जहां उन्होंने 18 विकेट हासिल किए थे और उनका बेस्ट प्रदर्शन 6/84 था। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ कपिल : मैच-25, विकेट-89, बेस्ट-9/83