भारतीय क्रिकेट टीम में एक बार फिर अनिल कुंबले की वापसी हुई है, फ़र्क ये है कि इस बार वह हेड कोच हैं। एक खिलाड़ी के तौर पर कुंबले को उनके हार न मानने के जज़्बे के तौर पर देखा जाता था। कुंबले एक पारंपरिक लेग स्पिनर की तरह नहीं थे, बल्कि उनकी गेंद तेज़ आती और उछाल लिया करती थी। 1994 में पहली बार कुंबले ने वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध खेला था, 24 वर्ष की उम्र में अनिल कुंबले ने 13 विकेट हासिल किए थे। उस सीरीज़ में कुंबले के अलावा वेंकटपथी राजू और आशीष कपूर भी स्पिनर के तौर पर टीम में थे। कुंबले ने 1997 में वेस्टइंडीज़ का पहली बार दौरा किया था जहां उन्होंने 19 विकेट हासिल किए थे। कुंबले का 2002 वेस्टइंडीज़ दौरा कोई नहीं भूल सकता जब मर्वन डिल्लन के बाउंसर ने उनके जबड़े को तोड़ दिया था, लेकिन उसके बाद भी वह पट्टी बांध कर मैदान पर आए और गेंदबाज़ी करते हुए दिग्गज ब्रायन लारा का विकेट भी लिया था। हालांकि उसके बाद उन्हें भारत लौटना पड़ा था। 2006 में भी कुंबले वेस्टइंड़ीज़ दौरे पर गए और 23 विकेट हासिल करते हुए टीम इंडिया को 35 सालों बाद वेस्टइंडीज़ में जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की। वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ कुंबले: मैच-27, विकेट-74, औसत-29.78, बेस्ट-6/78