इस लिस्ट में एक खिलाड़ी 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य भी थे
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पिछले एक दशक में बहुत से युवा और प्रतिभाशाली क्रिकेटरों ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के लिए अपना डेब्यू किया, लेकिन उसमें से बहुत कम ही उच्चतम स्तर पर सफल हो सकें। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि डेब्यू करने वाले अधिकांश क्रिकेटर अपने आप को संभाल नहीं सके और टीम में बढ़ते प्रतिस्पर्धा के कारण टीम में अपना जगह खो बैठे।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला मैच खेलना किसी भी क्रिकेटर के लिए सपने के सच होने जैसा होता है और वह खिलाड़ी निश्चित रूप से कुछ अलग होगा कि उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना डेब्यू करने का मौका मिला।
कुछ भारतीय क्रिकेटर ऐसे रहे जिन्होंने इस मिले मौके का पूरा फायदा उठाया जबकि कई ऐसा करने में सफल नहीं हो सके और कुछ समय बाद टीम से बाहर हो गए। तो आज चर्चा ऐसे ही पांच भारतीय क्रिकेटरों की जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना ओडीआई डेब्यू किया, लेकिन अधिक समय तक टीम में टिक नहीं पाए।
कीर्ति आजाद
ऑलराउंडर कीर्ति आजाद को 1980-81 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए भारतीय टीम में चुना गया था। हालांकि वह उस समय चयनकर्ताओं की पहली पसंद नहीं थे और उन्हें किसी खिलाड़ी के चोटिल होने पर ही टीम में चुना गया था।
उन्हें मेलबर्न में बेन्सन एंड हेजेस वर्ल्ड सीरीज कप के तीसरे एकदिवसीय मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू करने का मौका मिला। लेकिन वह अच्छी शुरुआत नहीं कर सके और बल्ले से संघर्ष करते हुए 22 गेंदों पर केवल चार रन ही बनाए। इस मैच में उन्हें गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला।
बाद में उन्हें 1983 के विश्व कप के लिए चुना गया। यहां पर उन्होंने अपने क्रिकेटिंग जीवन के सबसे बेहतरीन पल का अनुभव किया था जब उन्होंने सेमीफाइनल में लीजेंड इयान बॉथम को क्लीन बोल्ड कर दिया। इस मैच में भारत को जीत मिली थी।
हालांकि धीरे-धीरे उनका कैरियर ढलान पर आता गया और 25 एकदिवसीय मैच खेलने के बाद वह अप्रैल 1986 में टीम से बाहर हो गए।