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बंगाल के बल्लेबाज मनोज तिवारी इस सूची में सबसे अभाग्यशाली हैं। अगर वह वर्तमान की जगह किसी और युग में खेल रहे होते तो निश्चित रूप से उनका कैरियर काफी लंबा होता। उन्हें 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन में बारिश से प्रभावित मैच में अपना एकदिवसीय पदार्पण करने का मौका मिला था। तिवारी इस मैच में केवल दो रन बनाकर ब्रेट ली का शिकार हो गए थे। उन्होंने अब तक खेले गए 12 वनडे मैचों में एक शतक और एक अर्धशतक बनाया है, लेकिन भारतीय टीम के मजबूत बैटिंग लाइन अप को देखते हुए उनकी वापसी मुश्किल ही है। तिवारी ने अपना अंतिम वनडे मैच 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ था।
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