टी20 क्रिकेट इस सदी में क्रिकेट की सबसे बड़ी क्रांति है। हालांकि टी20 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ 12 साल का है, लेकिन इस अवधि के दौरान इसने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। इसके 6 वर्ल्ड कप में, 5 अलग-अलग टीमों ने ट्रॉफी उठायी है, इससे यह साफ हो जाता है कि यह ऐसा प्रारूप है जिसमें कोई भी टीम लम्बे समय तक दबदबा बनाकर नहीं रख सकती। टी20 का मैच लगभग साढ़े तीन घंटे का होता है और जो टीम इसमें अच्छा खेल दिखाती है, वह विजेता बन जाती है, यह टेस्ट क्रिकेट से बिल्कुल अलग है जहां मैच 5 दिनों का होता है और टीम के पास वापसी करने का भी मौका रहता है। टी20 का प्रारूप इतना लोकप्रिय हो गया है कि लगभग सभी टेस्ट खेलने वाले देशों ने अब अपना टी20 लीग शुरू कर लिया है। टी20 क्रिकेट के बाद से खेल के अन्य प्रारूपों में खिलाड़ियों के दृष्टिकोण में बदलाव आया है जैसे कि टेस्ट और वनडे। वनडे में जहाँ अब व्यक्तिगत स्कोर लगातार 150 के ऊपर जाने लगे हैं जबकि टीमों का पारी में 350 रन बनाना एक सामान्य बात हो गयी है। अब क्रिकेट में कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता और आसानी से हासिल किया जा सकता है। इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजों ने इसी तरीके को अपना लिया है, अब बल्लेबाज एक सत्र में शतक बना लेते है। इससे साफ हो जाता है कि टी20 क्रिकेट ने काफी कम समय में अपनी छाप छोड़ दी है।