आईसीसी ने वर्ष 2015 में गुलाबी गेंदो से दूधिया रोशनी के नीचे टेस्ट मैच करने का फैसला किया। यह समिति द्वारा उठाया गया सराहनीय कदम था। तब से, 6 डे-नाईट टेस्ट मैच (ऑस्ट्रेलिया में 3, दुबई में 2 और इंग्लैंड में 1) खेले जा चुके हैं और उन सभी के परिणाम आये हैं। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और पाकिस्तान जैसी टीमों ने टेस्ट सीरीज़ के दौरान कम से कम 1 टेस्ट दूधिया रोशनी में खेलने का फैसला किया है। दक्षिण अफ्रीका को बॉक्सिंग-डे टेस्ट में ज़िम्बाब्वे से खेलना है और न्यूजीलैंड की टीम अगले साल इंग्लैंड के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट मैच की मेजबानी करेगा। यह देखने वाली बात होगी कि भारतीय टीम अपना पहला डे-नाइट टेस्ट मैच कब खेलती है। हालांकि, भारतीय घरेलू मैचों में गुलाबी गेंद से कई मैच खेले जा चुके हैं। डे-नाइट टेस्ट मैच का मुख्य उद्देश्य स्कूल के बच्चे और अन्य कामकाजी लोगों को टेस्ट मैचों के लिए आकर्षित करना है। यह उद्देश्य काफी हद तक सफल भी हो रहा है। लेखक- मीत सम्पत अनुवादक- ऋषिकेश सिंह