6 बार जब धोनी घिरे विवादों में

भारतीय टीम के ओडीआई कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बांग्लादेश सीरीज़ में फिर से एक विवाद में फंस गए। इस बार उन्होंने सिंगल चुराते समय बांग्लादेश के गेंदबाज़ मुस्तफिजूर रहमान को कोहनी मारी थी। हालांकि रहमान उनके रास्ते में थे फिर भी कई लोगों ने सुझाव दिया कि धोनी को ऐसा नही करना चाहिए था। यह पहली बार नही है, इससे पहले भी धोनी युवराज को नही खिलाने और टीम में लड़ाई के कारण विवाद में फँस चुके है।

6- मैच के बाद की गई टिप्पणी के कारण जुर्माना

बहुत ही कम बार हम धोनी को अंपायर के साथ उलझते हुए देखते है। पर कुछ हफ़्ते पहले खेले गए आईपीएल क्वालिफ़ायर में मुम्बई इंडियंस के खिलाफ ड्वेन स्मिथ गलत नतीजे का शिकार हुए थे। धोनी ने प्रेजेनटेशन में नतीजे को बेहद ख़राब कहा जिस कारण से उन्हे मैच की 10% फ़ीस का जुर्माना देना पड़ा। धोनी ने कहा था,"उनकी टीम ने बीच समय में बहुत विकेट गँवाएँ और ड्वेन स्मिथ को आउट देने का नतीजा बेहद ख़राब था। पर हम ख़ुद ही इस सबके ज़िम्मेदार है।" उनको बहुत समर्थन मिला क्योंकि फ़ैसला बेहद ख़राब था। कई लोग ऐसे भी थे जिनका मानना था कि एक अनुभवी कप्तान को ऐसा नही करना चाहिए था।

5- कॉफ्लिक्ट ऑफ़ इंटरेस्ट

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2013 में इंग्लैण्ड में चैम्पियन्स ट्रॉफ़ी की शुरुआत से पहले धोनी पर रीती स्पोर्ट्स (वह कंपनी जो उन्हे, जडेजा रैना और ओझा को मैनेज करती थी), के 15% शेयरों का मालिक होने का आरोप लगा था। हालाँकि कंपनी ने इस आरोप को नकार दिया पर पूर्व खिलाड़ियों ने इस पर असमर्थता जताते हुए धोनी को सभी शेयर बेचने की हिदायत दी। टीम के तीनों फ़ॉर्मेट के कप्तान होने के साथ वे साएसके के भी कप्तान थे। एसे में 15% मालिकाना हक़ खिलाड़ियों के लिए सलेक्शन के समय अन्याय का कारण बन सकता था।

4- सीनियर खिलाड़ियों के संग अनबन की ख़बरें

Indian cricket captain Mahendra Singh Dhoni (L) talks with Indian batsman Sourav Ganguly during a practice session on the eve of the fourth One-Day International match againt Australia in Chandigarh, 07 October 2007. Australia lead the seven match one-day series 2-0 with first match being abandoned by rain. AFP PHOTO/RAVEENDRAN (Photo credit should read RAVEENDRAN/AFP/Getty Images)

2007 में कप्तान बनने के बाद, ऑस्ट्रेलिया में होने वाली सीबी सीरीज़ में द्रविड़ और गांगुली के टीम में ना होने का कारण, अगर ख़बरों की माने तो धोनी से अनबन था। 2009 टी 20 विश्व कप से पहले धोनी और उपकप्तान सहवाग के बीच अनबन की ख़बरों ने भी तूल पकड़ लिया। हालाँकि धोनी ने इसे सिरे से नकार दिया और इसे "ग़ैरज़िम्मेदाराना मीडिया रिपोर्टिंग" बताया। 2011-12 की सीबी सीरीज़ में उन्होंने सचिन, सहवाग और गंभीर को ना खिलाने का कारण उनकी धीमी फ़ॉर्म बताया। पर फिर सचिन कुछ महीनों बाद रिटायर हो गए और सहवाग और गंभीर को ख़राब फ़ॉर्म के कारण नहीं खिलाया गया।

3- मुस्तफिजूर रहमान से भिड़ंत

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एकदम नया ताज़ा विवाद हुआ बांग्लादेश के नए खिलाडी रहमान के साथ, जब भारत 25वें ओवर में टार्गेट चेज़ कर रहा था। धोनी रन लेने के लिए गेंदबाज को धक्का मारते दिखाई दिए। हालाँकि मुस्ताफिजूर रहमान ने भी यह हरकत दोहराई। वे जानबूझकर धोनी और इससे पहले रोहित शर्मा के रास्ते में आए थे। परंतु फिर भी लोगों का मनना है कि धोनी को उन्हें स्पर्श नही करना चाहिए था। इस कारण कप्तान ने अपनी 75% मैच फ़ीस भी गँवा दी।

2- युवराज के पिता द्वारा लगाए आरोप

Mahendra Dhoni, Yuvraj Singh

युवराज के पिता योगराज ने कहा कि "पहले जब लोग उन्हें धोनी के बारे में कहते थे तो उन्हें लगता था कि वे उनकी सफलता से जलते हैं, पर जब दूसरे खिलाड़ियों ने मुझे उनके बारे में बताया तो मुझे समझ आया कि धोनी से बदतर इंसान मैंने आज तक नहीं देखा। " हालाँकि युवराज ने ट्विटर पर इसे साफ़ करते हुए कहा कि मेरे और धोनी के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं पर इससे पहले भी 2013 में स्पॉट फ़िक्सिंग के चलते श्रीसंत के पिता ने धोनी व हरभजन पर उनके बेटे का करियर बर्बाद करने का आरोप लगाया था।

1- स्पॉट फ़िक्सिंग स्कैंडल

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यह उनके करियर का सबसे बड़ा और शर्मनाक विवाद था। 2013 के इस घोटाले ने कई पर्दे खोल दिए। श्रीनिवासन के दामाद, गुरुनाथ से भयंकर पूछताछ हुई थी जिस पर उन्होंने कहा था कि वे केवल खेल प्रेमी हैं और उनका इससे कोई संबंध नहीं। धोनी से भी ख़ूब पूछताछ की गई और विपक्षी वक़ील ने उन पर बेइंसाफ़ी होने का आरोप लगाया। ज़्यादातर शांत रहने वाले कप्तान ने अंततः चुप्पी ती और कहा कि "मैं जानता हूँ कि जब भी भारतीय क्रिकेट की बात आती है तो मेरा नाम ज़रूर उछलता है। यह मामला ख़त्म हो गया है, पर फिर कोई नया विवाद होगा। यह मेरे लिये बहुत आम बात हो चुकी है और मुझे इन सबका सामना करना पड़ेगा। यह सिर्फ़ एक कहानी का अंत है, पर फिर कोई नई कहानी बन जाएगी।" लेखक-नर्बवी, अनुवादक-सेहल जैन

Edited by Staff Editor
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