5 उदाहरण जो साबित करते हैं कि एमएस धोनी एक अद्भुत खिलाड़ी हैं

इन दिनों खेल भावना चर्चा का विषय बन गई है, खासकर कुछ समय पहले डेविड वॉर्नर और क्विनटन डी कॉक में हुई नोकझोक ने इस बहस को और हवा दी है। भारतीय टीम की बात करें तो भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी खेल भावना दिखाने में कभी पीछे नहीं रहते। उनके नेतृत्व में भारत ने 2007 में आईसीसी टी 20 विश्व कप, 2011 में आईसीसी विश्व कप और 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती है। इन उपलब्धियों के बावजूद, उन्होंने सुनिश्चित किया कि टीम के खिलाड़ी कुछ भी ऐसा ना करें जो खेल भावना के विपरीत हो। यह विकेटकीपर बल्लेबाज मैदान पर अपनी शांत रवैये के लिए जाने जाते हैं, जिससे उन्हें 'कैप्टन कूल' ' जैसा उपनाम मिला है। आईपीएल में भी उन्होंने आठ सत्रों में चेन्नई सुपर किंग्स का नेतृत्व किया है और छह बार 'फेयर प्ले' पुरस्कार जीता है। तो आइये जानते हैं मैच के दौरान हुई ऐसी घटनाओं के बारे में जब धोनी ने खेल भावना दिखाई:

सौरव गांगुली को उनके विदाई टेस्ट में कप्तानी देना

भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय टीम को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों की पंक्ति में ला खड़ा किया था। जब टीम का मनोबल मैच फिक्सिंग घोटाले के कारण गिर गया था, गांगुली ने टीम में एक नई जान फूंकने का काम किया। अपने आक्रामक कप्तानी के साथ, उन्होंने भारत को कई टूर्नामेंट जिताए। गांगुली ने नवंबर 2008 में नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना विदाई टेस्ट खेला। धोनी, जो उस समय टीम का नेतृत्व कर रहे थे, ने गांगुली को सम्मान देते हुए उन्हें कप्तानी करने के लिए कहा। 'दादा' धोनी के इस कदम से हैरान रह गए थे। पहले तो गांगुली ने इससे मना कर दिया लेकिन मैच के आखिरी ओवरों में धोनी के दोबारा कहने पर वह मना नहीं कर पाए। भारत के सफलतम कप्तानों में से एक, गांगुली के लिए इससे बेहतर विदाई नहीं हो सकती थी।

इयान बेल के विवादास्पद रन आउट पर धोनी ने दिखाई खेल भावना

भारत और इंग्लैंड के बीच 2011 में ट्रेंट ब्रिज में खेले गए टेस्ट की दूसरी पारी में दोनों टीमें जीतने के लिए ज़ोर लगा रहीं थीं। इसी बीच इंग्लैंड के बल्लेबाज़ इयोन बेल को 137 पर रन आउट दे दिया गया। इयोन मोर्गन ने 66 वें ओवर की आखिरी गेंद पर डीप स्क्वायर लेग की ओर शॉट लगाया और रन के लिए दौड़ पड़े। वे तीन रन के लिए भागे लेकिन बेल पिच के आधे रस्ते से ही चाय ब्रेक के लिए ड्रेसिंग रूम की तरफ चले गए, उन्हें लगा कि गेंद सीमा रेखा के बाहर चली गयी थी। इस बीच, अभिनव मुकुंद ने गेंद को पकड़कर बेल्स गिरा दीं और रनआउट के लिए अपील की। अंपायरों ने रिप्ले देखने के बाद बेल को आउट करार दे दिया। ब्रेक के दौरान, इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस और कोच एंडी फ्लॉवर ने धोनी से अनुरोध किया कि वह अपनी अपील वापस ले लें। भारतीय कप्तान ने अपनी टीम की अपील वापस ले ली और बेल को दोबारा मैदान पर आने का न्यौता दिया। धोनी की इस खेल भावना की सबने सराहना की और उस वर्ष उन्हें आईसीसी स्पिरिट ऑफ क्रिकेट पुरस्कार से नवाज़ा गया।

धोनी ने कोहली को विजयी रन लेने दिया

हमने अक्सर फिनिशर की भूमिका में एमएस धोनी को देखा है। 2017 में कोलम्बो में श्रीलंका के खिलाफ पांचवें एकदिवसीय मैच में धोनी ने विराट कोहली को फिनिशर की भूमिका निभाने दी। उस मैच में, कोहली ने 116 गेंदों में 110 रनों बनाए थे। जब कोहली 109 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तब धोनी क्रीज पर आए और उन्होंने पहली गेंद में एक रन लिया ताकि कोहली स्ट्राइक पर आएं और विजयी शॉट लगा सकें। 2014 में आईसीसी टी -20 विश्व कप के सेमीफाइनल में भी धोनी ने ऐसा ही किया। धोनी कोहली को स्ट्राइक पर लाये तांकि वह विजयी रन बना सकें।

धोनी का युवाओं को ट्रॉफी सौंपना

क्रिकेट एक टीम गेम है और टीम की जीत में हर खिलाड़ी की अहम भूमिका होती है। आमतौर पर विजयी ट्रॉफी कप्तान को ही दी जाती है लेकिन धोनी ने हमेशा युवाओं को ट्रॉफी सौंपी है। 2013 में, भारत ने त्रिकोणीय श्रृंखला के लिए वेस्टइंडीज का दौरा किया था, जिसमें श्रीलंका तीसरी टीम थी। धोनी के चोटिल होने पर कोहली ने लीग चरण के दौरान टीम का नेतृत्व किया। धोनी फाइनल में टीम में वापस आए और टीम को ख़िताब जीत दिलाई। जब धोनी को ट्रॉफी मिली, तो उन्होंने इसे कोहली के साथ साँझा किया क्योंकि उन्होंने भी टीम का नेतृत्व किया था।

धोनी बने फ़ाफ डू प्लेसी के लिए फ़िज़ियो

दक्षिण अफ्रीका ने 2015 में भारत का दौरा किया और कई भारत की गर्मी और आर्द्रता के मौसम में कई खिलाडी समन्वय नहीं बैठा पाए। उनमें से एक थे क्विंटन डी कॉक जिन्होंने पांचवें वनडे में शतक जमाया लेकिन गर्मी और आर्द्रता की वजह से काफी परेशान हुए थे। इसके अलावा फ़ाफ डू प्लेसी भी उसी मैच में एक छक्का लगाने के प्रयास में अपना संतुलन खो बैठे और गिर गए। दक्षिण अफ़्रीकी स्टार बल्लेबाज़ दर्द से तड़प रहे थे, तभी धोनी ने एक फिजियो की तरह उनके पांव को ऊँचा उठाकर मांसपेशियों की ऐंठन से उन्हें निजात दिलाई। गौरतलब है कि यह दोनों खिलाड़ी अब आईपीएल में सीएसके के लिए एक साथ खेलते हैं। लेखक: ब्रोकनक्रिकेट अनुवादक: आशीष कुमार

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