विराट कोहली को हम आक्रमक बल्लेबाज़ी और ग़ुस्सैल फील्डर के रूप में जानते हैं। लेकिन उनके अंदर एक जेंटलमेन भी है जो अक्सर बाहर नहीं आता और लोगों को ये रूप दिखाई नहीं देता। भारत-पाकिस्तान मैच के बाद जिस तरह से कोहली ने पाकिस्तानी गेंदबाज मोहम्मद आमिर की तारीफ कि, उससे पता चलता है कि कोहली नेकदिल इंसान हैं। ये पहला मौका नहीं है जब कोहली ने खेल भावना दिखाई हो। ऐसे कई मौके हैं जो बताते हैं कि विराट कोहली एक अच्छे प्रतिद्वंदी हैं। ये ऐसे ही 5 मौके जब कोहली ने खेल भावना दिखाई हो:
#1 चैंपियंस ट्रॉफी में मिस्बाह-उल-हक़ के साथ दोस्ती करना
बारिश से प्रभावित 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के भारत पाकिस्तान मुकाबले में हमे विराट कोहली का दूसरा रूप देखने मिला। पाकिस्तानी इनिंग्स के दौरान उस समय मिस्बाह-उल-हक़ क्रीज़ पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे और जब बारिस शुरू हुई तो सभी खिलाडी ड्रेसिंग रूम की ओर जाने लगे। कहीं से कोहली आएं और मिस्बाह के कंधे पर हाथ रख कर एक दोस्त की तरह उनसे बात करने लगे। ये बातचीत दोनों के ग्राउंड छोड़ने तक चली। भारत और पाकिस्तान मुकाबले में ऐसा कम ही देखने मिलता है और इस घटना से हमे पता चला कि कोहली के अंदर मिस्बाह के लिए कितना सम्मान है।
#2 संगकारा के आखिरी मैच में, उनके प्रति कोहली का सम्मान
कोहली की पूर्ण रूप से कप्तानी वाली सीरीज और संगकारा की आखरी सीरीज एक साथ थी। भारत पहला टेस्ट हार चूका था और कोलोंबो में दूसरे टेस्ट के लिए दोनों का सामना होना था। ये संगकारा का आखरी अंतराष्ट्रीय मैच था। हालांकि भारत की जीत ने संगकारा का फेयरवेल फीका कर दिया, लेकिन संगकारा के प्रति कोहली का सम्मान देख कर सभी को अच्छा लगा। जब संगकारा 18 रन पर आउट हुए तब कोहली ने उनसे हाथ मिलाया और शानदार करियर ख़त्म होने पर शुभकामनाएं दी। मैच के बाद जब दोनों वापस मिले तब कोहली ने उन्हें भावनात्मक विदाई दी। ये कोहली के खेल भावना का एक और उदहारण था।
#3 शाहिद अफरीदी के कमाल के खेल की सराहना करना
जैसा की उम्मीद की जाती है, 2014 के एशिया कप में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला वैसा ही प्रेशर से भरपूर था। भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 245 रन बनाए और पाकिस्तान ने कड़े संगर्ष से खेलते हुई आगे बढ़ी। उन्हें आखरी ओवर में 10 रन की ज़रूरत थी। शाहिद अफरीदी क्रीज़ पर थे और 18 बॉल में 34 की पारी के दम पर उन्होंने अपनी टीम को एक विकेट से मैच जीतवा दिया। धोनी की जगह पर कप्तानी कर रहे कोहली अफरीदी की पारी से प्रभावित हुए। जब अफरीदी अपने मारे हुए छक्के का जश्न माना रहे थे तब कोहली उनके पास गए और उन्हें जीत की बधाई दी।
#4 क्रेम्पड फाफ डु प्लेसिस के पारी की सराहना करना
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पिछले साल कमाल का वनडे सीरीज देखने मिला। 5 मैचों की इस सीरीज का नतीजा आखरी मैच से मिलने वाला था। लेकिन क्विंटन डि काक, एबी डिविलियर्स और फाफ डु प्लेसिस की पारी के सामने भारतीय टीम टिक नहीं पाई। मुम्बई का वातावरण नम था जिसका असर मेहमान टीम पर पड़ा। खासकर फाफ डु प्लेसिस पर। ऐसा समय आ गया जब उनका चलना मुश्किल हो गया। ऐसे में उन्हें रिटायर होकर मैदान छोड़ना पड़ा। जैसे ही डु प्लेसिस जाने लगे, विराट उनके पास आएं और उनका हाल जाना। डु प्लेसिस के बल्लेबाज़ी की भी उन्होंने सराहना की।
#5 ब्रेंडन टेलर की विश्व कप ने बनाए शतक की तारीफ करना
ज़िम्बाब्वे के लिए आईसीसी विश्व कप 2015 कुछ ज्यादा खास तो नहीं था, लेकिन इसमें ब्रेंडन टेलर की पारी यादगार थी। हालांकि उनके शतक के बावजूद ज़िम्बाब्वे मैच नहीं जीत पाई लेकिन वें एक सम्मानजनक स्कोर तक पहुँच गए। ब्रेंडन टेलर के शतक के बाद विराट कोहली पहले भारतीय खिलाडी थे जो उनके पास गए और उनके शतक के लिए उन्हें बधाई दी। ये विराट कोहली के खेल भावना दिखाने का अच्छा उदाहरण है। विराट को अक्सर खेल भावना का सम्मान न करने वाला खिलाडी कहा जाता है। लेखक: अभिनव मैसी, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी